रशियन उद्योग क्षेत्र युद्ध के लिए तैयार रहे – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का आवाहन

मॉस्को: रशियन उद्योग क्षेत्र में युद्ध समय में आवश्यक जरूरतों को पूर्ण करने के लिए तैयार रहे, ऐसा आवाहन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया है। सोची में हुए एक अंतरराष्ट्रीय बैठक के दौरान पुतिन ने यह सूचना दी है। खाड़ी में शुरू संघर्ष एवं कोरियन क्षेत्र में तनाव इस पृष्ठभूमि पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष का यह विधान ध्यान केंद्रित करने वाला है। पिछले हफ्ते में नाटो के एक वरिष्ठ अधिकारीने आने वाले समय में अमरिका के विरोध में रशिया-चीन युद्ध की आशंका बढ़ने का इशारा दिया था।

रक्षा क्षेत्र का विचार करते हुए रशिया लष्कर के लिए आवश्यक होने वाले उत्पादन एवं सेवा गतिमान रूप से बढ़ा रहा है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण एवं निर्णायक बात ठहरेगी इसका एहसास होकर संवेदनशील तथा सामरिक क्षेत्र के साथ देश के सभी उद्योगों को युद्ध कालीन जरूरतें पूर्ण करने की तैयारी रखना आवश्यक है, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया के सभी उद्योगों को युद्ध के लिए तैयार रखने के आदेश आवाहन किए हैं।

उद्योग क्षेत्र

यह आवाहन करने से पहले पुतिन ने रशियन उद्योगों को पाश्चात्य देशों में लष्करी तंत्रज्ञान की बराबरी करने के लिए तथा उन्हें पीछे हटाने के लिए जोरदार प्रयत्न करें, ऐसी अपेक्षा व्यक्त की है। रशियन रक्षादल को के पास दुनिया के सर्वोत्कृष्ट यंत्रणा होना आवश्यक है, यह यंत्रणा विदेशी यंत्रणा से बहुत गुना अच्छी होनी चाहिए। अगर हमें जीतना है तो अपना काम दूसरों की तुलना में सर्वोत्तम होना ही चाहिए, ऐसे शब्दों में रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने उद्योग क्षेत्र में सर्वोत्तम संरक्षण साहित्य एवं तंत्रज्ञान के निर्माण करें, ऐसा सूचित किया है।

पिछले कुछ महीनों में खाड़ी देशों में शुरू संघर्ष है एवं एशिया प्रशांत क्षेत्र में तनाव की पृष्ठभूमि पर जागतिक स्तर पर युद्ध शुरू होगा ऐसा अंदाजा विविध विश्लेषक एवं तज्ञो से जताया जा रहा है। कुछ लोगों ने कोरियन क्षेत्र में संघर्ष बढ़ाने की आशंका व्यक्त की है और अन्य तज्ञो ने खाड़ी क्षेत्र में सऊदी एवं ईरान में तनाव का युद्ध में रूपांतर होगा, ऐसी चिंता व्यक्त की है। इस पृष्ठभूमि पर नाटो के एक वरिष्ठ अधिकारीने अमरिका के विरोध में रशिया-चीन युद्ध होगा, ऐसा इशारा भी दिया है।

नाटो के वरिष्ठ अधिकारी जनरल डेनिस मर्सिअर में पिछले हफ्ते में हुए ‘अटलांटिक काउंसिल’ के कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए संघर्ष के विषय मे सूचित किया है। जागतिक स्तर पर रक्षा सामर्थ्य की रूचि पश्चिमी आघाडी की तरफ झुक रही है और वह अब रशिया-चीन पर अधिक झुक रही है, ऐसा दावा जनरल मर्सिअर ने किया है। रशिया एवं चीन इन देशोंने अमरिकी नेतृत्व में सत्ता समतोल को झटका दिया है और वह प्रबल लष्करी सामर्थ्य एवं आर्थिक वर्चस्व के लिए प्रयत्न कर रहे हैं। इनमें दो देशों में युद्ध भड़कने की आशंका बढ़ रही है, ऐसा इशारा नाटो के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया है।

रशिया एवं चीन इन दोनों देशोंने पिछले कई वर्षों में रक्षा सामर्थ्य पर खर्च में बढ़त की है और रक्षा दल के आधुनिकीकरण पर जोर दिया है। इस पृष्ठभूमि पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने उद्योग क्षेत्र को किया आवाहन सूचक माना जा रहा है। इस पर अमरिका से प्रतिक्रिया आने की आशंका है।

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