नाटो के भव्य युद्धाभ्यास की पृष्ठभूमि पर रशियन ‘मिसाइल क्रुझर’ आर्क्टिक क्षेत्र में दाखिल

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

मॉस्को – उत्तर यूरोप में अमरिका और नाटो सदस्य देशों के भव्य युद्धाभ्यास के समय इस क्षेत्र में रशिया की लष्करी गतिविधियाँ अचानक बढ़ गई हैं। नाटो का अभ्यास शुरू होने के बाद ‘मिसाइल अभ्यास’ की घोषणा करने वाले रशिया ने अपना प्रमुख ‘मिसाइल क्रुझर’ आर्क्टिक क्षेत्र में दाखिल किया है और यह युद्धपोत युद्धाभ्यास करने वाला है, ऐसी जानकारी दी है।

‘प्योट्र वेलिकि’ नाम का रशिया का मिसाइल क्रुझर आर्क्टिक क्षेत्र के हिस्से वाले बैरेंट्स सी क्षेत्रात दाखिल हुआ है। इस क्षेत्र में प्रवेश करते समय इस युद्धपोत ने अमरिका और नाटो की तरफ से चल रहे अभ्यास के क्षेत्र से यात्रा करने की जानकारी सामने आई है। इस वजह से रशिया के उद्देशों पर सवाल निर्माण हुए हैं।

‘मिसाइल क्रुझर’, युद्धाभ्यास, missile cruiser, नाटो, आर्क्टिक क्षेत्र, पनडुब्बी, संघर्ष का अभ्यास, मॉस्को, नोर्वे

पिछले हफ्ते में नोर्वे में ‘ट्रायटंड जन्क्चर १८’ इस नाटो के भव्य अभ्यास की शुरुवात हुई थी। २९ से अधिक देशों के ५० हजार से अधिक सैनिकों का सहभाग, प्रगत युद्धपोत और लड़ाकू विमानों की उपस्थिति की वजह से यह अभ्यास अब तक हुए अभ्यासों में निर्णायक पड़ाव माना जा रहा है। नाटो के अधिकारियों ने यह अभ्यास सुरक्षा क्षमता का परिक्षण और बचाव इसके लिए आयोजित किया गया है, ऐसा स्पष्ट किया है। लेकिन रशिया ने शुरुवात से ही इसके खिलाफ़ नाराजगी दर्शाई है।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने अधिक आक्रामक भूमिका लेते हुए नाटो के युद्धाभ्यास वाले क्षेत्र में नए रशियन युद्धाभ्यास की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद रशिया के लड़ाकू विमानों की यूरोप में यात्रा बढ़ गई थी। ‘प्योट्र वेलिकि’ पनडुब्बी विरोधी और हवाई भेदी संघर्ष का अभ्यास करेगी ऐसी जानकारी रशियन अधिकारियों ने दी थी। ‘प्योट्र वेलिकि’ यह न्यूक्लिअर मिसाइल क्रुझर’ है और उसपर पनडुब्बी भेदी, जहाज भेदी और हवाई भेदी मिसाइल्स तैनात हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.