रशियन सेना अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान यात्रा पर

इस्लामाबाद, दि. ३१ : रशिया के सेना अधिकारियों का पथक पहली बार पाकिस्तान में दाखिल हुआ है| अफगानिस्तान सीमा से सटे पाकिस्तान के उत्तर वझिरीस्तान इलाक़े का रशियन सेना अधिकारियों के इस पथक ने मुआयना किया| आतंकवादविरोधी मुहिम का जायज़ा लेने के लिए यह रशियन सेना अधिकारी इस जगह पर आये हैं, ऐसी जानकारी दी गयी है| लेकिन रशिया और पाकिस्तान में विकसित हो रहा सेना सहयोग भारत के लिए नया इशारा साबित हो सकता है, ऐसी चिंता जतायी जा रही है|

रशियन सेनारशिया के जनरल इसराकोव्ह सर्जेई युर्नेविच’ की अगुवाई में आये इस पथक ने पाकिस्तान सेना द्वारा की जा रही आतंकवादविरोधी कार्रवाई का जायज़ा लिया| पाकिस्तान के लेफ्टनंट जनरल नाझिर अहमद बट ने रशियन सेना अधिकारियों को इस आतंकवादविरोधी मुहिम की जानकारी दी| पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादियों पर हो रही कार्रवाई की और इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाये रखने के लिये हो रहीं कोशिशों की रशियन सेना अधिकारियों ने तारीफ की है, ऐसा लेफ्टनंट जनरल बट ने कहा|

पिछले साल सितंबर महीने में, रशिया और पाकिस्तान सेना के बीच पहला संयुक्त युद्धाभ्यास संपन्न हुआ था| शीतयुद्ध के समय में शत्रुदेश बतौर एकदूसरे के सामने खड़े रहनेवाले पाकिस्तान और रशिया के बीच का यह सहयोग भारत की चिंता बढ़ानेवाला माना जाता है| इसके बाद के समय में, रशिया ने पाकिस्तान के साथ संबंध बढ़ाने के लिये गतिविधियाँ शुरू कर दी हैं| इसमें पाकिस्तानी रक्षादल को हेलिकॉप्टर्स और लड़ाकू विमान देने की तैयारी भी रशिया ने दिखाई थी| सामरिक विश्‍लेषकों ने इस मामले में भारत को कड़ी चेतावनी भी दी थी|

रशिया यह भारत का पारंपरिक मित्रदेश है| लेकिन अमरीका के साथ भारत की बढ़ती नज़दीकियों से रशिया नाराज़ हुआ है| इसलिए पाकिस्तान के साथ का रशिया का बढ़ता सहयोग, यह नाराजगी खुलेआम दिखाने का भाग साबित होता है, ऐसा दावा जानकार कर रहे हैं| इस कारण भारत के लिए, अपनी विदेशी नीति का संतुलन बिगाड़े बिना अमरीका एवं रशिया के साथ संबंध विकसित करना सर्वथा उचित होगा, ऐसी सलाह मुत्सद्दी  दे रहे है| लेकिन अभी भी रशिया को आश्‍वस्त करनें में भारत को सफलता नहीं मिली है| रशिया और पाकिस्तान में विकसित हो रहे लष्करी सहयोग से यह स्पष्ट हो रहा है. ऐसा माना जाता है|

अफगानिस्तान के मसले पर रशिया पाकिस्तान की सहायता ले रहा है| इसके लिए रशिया ने तालिबान से विचारविमर्श शुरू कर दिया है| रशिया तालिबान को हथियारों की सप्लाई कर रहा है, ऐसा आरोप अमरिकी सेना अधिकारी कर रहे हैं| भारत ने भी तालिबान-रशिया चर्चा पर नारा़ज़गी जताई थी| लेकिन तालिबान के साथ रशिया का सहयोग केवल ‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन को रोकने तक ही मर्यादित है, ऐसा स्पष्टीकरण रशिया ने दिया था| साथ ही, अफगानिस्तान ‘आयएस’ के हाथ में ना जाये, इसके लिये रशिया पाकिस्तान के साथ सहकार्य कर रहा है, ऐसा रशियन अधिकारियों ने स्पष्ट किया था|

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