रशियन जेट्स के अब ईरान से सीरिया में हमले

मॉस्को, दि. १६ (वृत्तसंस्था) – सीरिया में आतंकवाद के खिलाफ जारी संघर्ष की तीव्रता बढ़ाने के लिए रशियन लड़ाकू जेट्स ने ईरान के हवाईअड्डों से हमले शुरू कर दिये हैं| यह रशिया और ईरान के बीच, सीरिया के विषय में रहनेवाले रणनीतिक सहयोग का महत्वपूर्ण कदम है, ऐसी प्रतिक्रिया ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति द्वारा दी गई| सीरिया की बशर अल-असाद सरकार का समर्थन करनेवाले रशिया और ईरान पहली बार एकसाथ मिलकर सीरिया के संघर्ष में शामिल हुई है|

russian-jetsरशिया के रक्षा मंत्रालय ने सबसे पहले यह जानकारी दी| ईरान के उत्तरी पूर्व इलाक़े के ‘हमादान’ हवाईअड्डे पर रशिया के लड़ाकू प्लेन्स तैनात किये गए हैं| इनमें दूर की उड़ान भरनेवाले ‘टू-२३एम३’ बॉम्बर प्लेन्स, साथ ही ‘सुखोई-३४’ लड़ाकू जेट्स का पथक तैनात किया गया होने की जानकारी रशिया के रक्षा मंत्रालय ने दी| ये जेट्स कबसे तैनात हैं, इस पर जानकारी देना, रशिया और ईरान ने टाल दिया| लेकिन मंगलवार को रशियन जेट्स ने ‘हमादान’ से हवाई हमले शुरू किये, ऐसा स्पष्ट किया है|

syriaसीरिया के ‘आयएस’ और ‘जबात अल-नुस्र’ जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ़ यह कार्रवाई शुरू कर दी गयी है, ऐसा रशिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा| आतंकवादियों के प्रभाव क्षेत्र अलेप्पो, देर-अझ-झोर, सराकिब, अल-बाब और इदलिब इन ठिकानों पर हमले किये गए| इन हमलों में आतंकियों का बड़ा नुकसान पहुँचा है, ऐसा बताते हुए रशिया ने, ईरान में की इस तैनाती का समर्थन किया| आतंकियों के कमांड सेंटर्स, ट्रेनिंग कॅम्प्स, हथियारों के गोदाम इस हमले में ध्वस्त किये गए, ऐसा रशिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा| लेकिन इस हमले की विस्तृत जानकारी जारी नहीं दी है|

ईरान की एक न्यूज एजन्सी ने ‘हमादान’ हवाईअड्डे की कुछ तस्वीरें जारी की हैं| जिनमें रशिया का बड़ा ट्रान्सपोर्ट विमान ‘आयएल-७६’ ईरान के हवाईअड्डे पर दिखाई देता है| ईरान ने रशिया के लड़ाकू जेट्स की तैनाती का समर्थन किया है| सीरिया में आतंकवाद के खिलाफ़ चल रहे संघर्ष के लिए रशिया और ईरान में समझौता हुआ है| इसी समझौते की पृष्ठभूमि पर, रशियन जेट्स ईरान के हवाईअड्डे का इस्तेमाल कर रहे हैं| जनवरी महीने में रशिया के रक्षामंत्री ने ईरान का दौरा किया था| इस दौरे के समय रशिया और ईरान में यह समझौता हुआ था|

ईरान के हवाईअड्डे का इस्तेमाल करने से रशियन जेट्स के सफ़र का समय बच रहा है, ऐसा ईरान का कहना है| इससे पहले रशिया ने, सीरिया में स्थित हवाईअड्डे का इस्तेमाल करते हुए ‘आयएस’ को निशाना बनाया था| लेकिन रशियन बॉम्बर्स प्लेन के लिए सीरिया के हवाईअड्डे अनुकूल नहीं है, इसलिए इन बॉम्बर्स को ठेंठ रशिया के ‘मोझदोक’ हवाईअड्डे से उड़ानें भरनी पड़ी थीं| इसके लिए दो हज़ार किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी| लेकिन ईरान के ‘हमादान’ हवाईअड्डे का इस्तेमाल करने से रशियन प्लेन को सिर्फ ७०० किलोमीटर की दूरी काटनी पड़ रही है| इस कारण रशियन बॉम्बर्स का काफ़ी समय बच रहा है, ऐसा दावा ईरान ने किया है|

सीरिया की स्थिरता के लिए अस्साद सरकार सत्ता में रहना ज़रूरी है, ऐसा रशिया और ईरान का कहना है| आज तक रशिया और ईरान ने मिलकर सीरिया के आतंकियों के खिलाफ़ इस तरह की कार्रवाई नहीं की थी| इस पृष्ठभूमि पर यह सहयोग महत्त्वपूर्ण माना जाता है|

इसी दौरान, सीरिया के आतंकियों पर ‘क्रूज् प्रक्षेपास्त्रों’ के हमले करने के लिए ईरान और इराक अपनी हवाईसीमा का इस्तेमाल करने की इजाज़त दें, ऐसी माँग रशिया ने की है| इससे पहले रशिया ने, ‘ब्लॅक सी’ से ठेंठ सीरिया में २६ प्रक्षेपास्त्रों का हमला किया था|

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