’ओपन स्काईज्‌ ट्रिटी’ से अमरीका के बाद रशिया भी पीछे हटी

मास्को – यूरोप के साथ करीबन ३५ देशों के समावेश वाले ‘ओपन स्काईज्‌ ट्रीटि’ (ओएसटी) से रशिया भी पीछे हटी है। दो महीने पहले अमरीका ने इस ‘ट्रिटी’ से अपने कदम बाहर निकाले थे। अमरीका के इस समझौते से पीछे हटने पर आलोचना करके रशिया ने यह बयान किया था कि, अमरीका का यह निर्णय इस समझौते के लिए खतरा बनेगा। अब अमरीका के बाद रशिया ने भी इस समझौते से बाहर निकलने का निर्णय करने से हमारी सुरक्षा के लिए संकट निर्माण होगा, ऐसी चिंता यूरोपिय देशों को सता रही है। फ्रान्स ने रशिया को इस निर्णय पर नए से विचार करने का आवाहन किया है।

वर्ष १९९२ में ‘ऑर्गनायज़ेशन फॉर सिक्युरिटी ऐण्ड को-ऑपरेशन इन यूरोप’ (ओएससीई) गुट के सदस्य देशों ने ‘ओएसटी’ समझौते को मंजूरी प्रदान की थी। अमरीका, रशिया के साथ यूरोप के अधिकांश देशों के समावेश वाले इस ‘ओएसटी’ समझौते के अनुसार इन सदस्य देशों को एक-दूसरे की हवाई सीमा में अपने विमान रवाना करके गश्‍त लगाने की अनुमति है। इस समझौते का इस्तेमाल करके रशिया ने बीते वर्ष अमरीका के विवादित ‘एरिया ५१’ लष्करी अड्डे पर गश्‍त लगाई थी।

लेकिन, रशिया ‘ओएसटी’ का गलत इस्तेमाल करके अन्य देशों की हवाई सीमा में प्रवेश कर रही है, ऐसी शिकायत अमरीका बीते कुछ वर्षों से कर रही थी। इसी पृष्ठभूमि पर अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष मई में इस समझौते से पीछे हटने का ऐलान किया था। इसके बाद २२ नवंबर के दिन अमरीका अधिकृत स्तर पर इस समझौते से बाहर निकली। अमरीका की इस भूमिका पर रशिया ने कड़ी आलोचना भी की थी। अब शुक्रवार के दिन रशिया के विदेश मंत्रालय ने इस समझौते से पीछे हटने का ऐलान करने के साथ ही यूरोपिय देशों को लक्ष्य किया।

अमरीका के पीछे हटने के बाद होनेवाला असर कम करने के लिए रशिया ने यूरोपिय देशों के सामने कुछ प्रस्ताव रखे थे। यूरोपिय देश अमरीका को ‘फ्लाईट डाटा’ प्रदान ना करे, यह प्रस्ताव भी इसमें शामिल था। लेकिन, अमरीका के मित्रदेशों ने हमारे प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। साथ ही इस समझौते से पीछे हटने के बावजूद अमरीका यूरोपिय मित्रदेशों से ‘फ्लाईट डाटा’ प्राप्त कर सकती है। अमरीका और मित्रदेशों की यह नीति अपनी सुरक्षा के लिए खतरनाक होने की आलोचना रशिया के विदेश मंत्रालय ने की है।

इसी बीच, ज्यो बायडेन कुछ ही दिनों में अमरीका का नियंत्रण प्राप्त करेंगे। ऐसे में रशिया ने इस समझौते से पीछे हटने के लिए उठाए कदम पर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान केंद्रीत कर रहे हैं। इसी के साथ अब अगले महीने में परमाणु अस्रों की संख्या सीमित रखने के मुद्दे पर अमरीका और रशिया ने किए ‘न्यू स्टार्ट’ समझौते का अवधि भी समाप्त हो रहा है।

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