रशिया ज़रूरत पड़नेपर ‘आयएस’ पर परमाणुअस्त्रों से हमला करेगा

रशियन राष्ट्राध्यक्ष की चेतावनी

Russia-To-Use-Atomic-Weapons-Against-ISIS

रशिया अपने पास के परमाणुअस्त्रों की संख्या में बढ़ोतरी करेगा, मग़र उनका इस्तेमाल नहीं करेगा। लेकिन ‘आयएस’ को ख़त्म करने के लिए यदि ज़रूरत पड़ी, तो रशिया परमाणुअस्त्रों का इस्तेमाल करने में नहीं हिचकिचायेगा, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दी है। इससे पहले भी पुतिन ने ‘आयएस’ पर परमाणु-हमले करने की चेतावनी दी थी। तीन हफ़्तें पहले ही राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपनी सेना को ‘आयएल-८०’ यह, परमाणुयुद्ध के दौरान इस्तेमाल किया जानेवाला हवाई जहाज़ सुसज्जित रखने के आदेश दिये थे। इस पार्श्वभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के द्वारा परमाणुअस्त्रों के इस्तेमाल के बारे में लगातार जारी किये जानेवाले वक्तव्य कुछ अलग ही संकेत दे रहे हैं, यह दिखायी देता है।

रशियन वृत्तवाहिनी ने प्रसारित की हुई डॉक्युमेंटरी में, राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ‘परमाणुअस्त्रों के निर्माण से हम पीछे नहीं हटेंगे’ यह स्पष्ट किया। रशिया यह सर्वाधिक परमाणुअस्त्र रहनेवाला देश है और इसके आगे भी इन परमाणुअस्त्रों का निर्माण नहीं रुकेगा, यह पुतिन ने स्पष्ट किया।

रशियन थलसेना के मोबाईल लाँचर से, नौसेना की पनडुब्बी में से, साथ ही हवाईदल के बाँबर विमानों से इन परमाणुअस्त्रों को दागा जा सकता है। इसलिए यह ‘परमाणुत्रिकुट’ यह रशिया की सुरक्षानीतियों का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और इसके आगे रशिया इन परमाणुअस्त्रों का इस्तेमाल करेगा, ऐसा पुतिन ने कहा है। रशिया ने इन परमाणुअस्त्रों का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने के लिए नहीं किया है। लेकिन अन्य देशों को मर्यादा में रखने के लिए इन परमाणुअस्त्रों का निर्माण करते रहना रशिया के लिए आवश्यक है, ऐसा पुतिन ने कहा।

इस समय रशियन हवाईदल सिरिया में चल रही ‘आयएस’विरोधी कार्रवाई में अच्छी भूमिका निभा रहा है, यह जानकारी पुतिन ने दी। लेकिन आनेवाले समय में यदि रशिया की ‘आयएस’ पर की कार्रवाई नाक़ाम होती दिखायी दी, तो आतंकवादियों की समस्या को ख़त्म करने के लिए रशिया को परमाणुअस्त्रों का इस्तेमाल करना पड़ेगा। इसके लिए रशिया के ‘क्रूज़ मिसाईल्स’ परमाणुस्फोटकों से सुसज्जित कर ‘आयएस’ पर प्रक्षेपित किए जायेंगे, ऐसी जानकारी भी पुतिन ने दी।

सिरिया मे चल रहे संघर्ष में रशिया ने कुछ दिन पहले पनडुब्बी में से मिसाईल दागा था। साथ ही, रशिया ने ‘एएस-४००’ यह क्षेपणास्त्रभेदी यन्त्रणा भी सिरिया के लष्करी अड्डे पर तैनात की है। इस कारण पुतिन की इस चेतावनी को गंभीरतापूर्वक लिया जा रहा है। कुछ दिन पहले पुतिन द्वारा की गयी घोषणा में, ‘आयएस’ के विरोध में परमाणुअस्त्र हमले का विकल्प खुला रहने की बात की थी। साथ ही, यदि भविष्य में परमाणुयुद्ध भड़का, तो ख़बरदारी के तौर पर पुतिन ने ‘इल्युशन आयएल-८०’ यह लष्करी कमांड़ सेंटर से सुसज्जित रहनेवाला विमान तैयार रखने के आदेश दिये थे।

रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की इस चेतावनी के पीछे अमरीका एवं नाटो लष्कर की पूर्वी युरोप की गतिविधियाँ कारणीभूत हैं ऐसी चर्चा की जा रही है । अमरीका एवं नाटो ने पूर्वी युरोप में परमाणुअस्त्र तैनात किये हैं, ऐसा कहा जाता है। ये परमाणुअस्त्र रशिया की पूर्वी सीमारेखा के लिए ख़तरा साबित हो सकते हैं, ऐसा आरोप रशिया कर रहा है। इस पार्श्वभूमि पर, अपनी सीमारेखाओं को सुरक्षित रखने के लिए रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने – ‘आयएस’ के विरोध में परमाणुअस्त्रो का इस्तेमाल किया जा सकता है, यह चेतावनी देकर पश्चिमी देशों को संकेत दिया दिखायी दे रहा है।

इसी दौरान, परमाणुअस्त्रों के साथ साथ, सिरिया में तैनात की हुई लष्करी क्षमता बढ़ायी जायेगी, यह भी पुतिन ने घोषित किया है। रशिया की थलसेना, नौदल और वायुदल ने विकसित तंत्रज्ञान और अत्याधुनिक शस्त्र-अस्त्रों का अचूकतापूर्वक इस्तेमाल किया है, यह भी पुतिन ने इस समय कहा। ऐसा होने के बावजूद भी, रशियन सेना ने सिरिया के संघर्ष में अपनी क्षमता को पूर्ण रूप से उपयोग में नहीं लाया है, इस बात की याद रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस समय दिलायी। रशिया के पास इससे भी अधिक अत्याधुनिक शस्त्रराशि है और ज़रूरत पड़नेपर उसको भी उपयोग में लाया जायेगा, ऐसी घोषणा पुतिन ने की है।

गत तीन महीनों से रशियन सेना सिरिया में ‘आयएस’ विरोधी संघर्ष में उलझी हुई है। इस संघर्ष में रशिया ने अतिविकसित लड़ाक़ू विमानों के साथ साथ बाँबर्स विमान, लड़ाक़ू हेलिकॉप्टर्स और ड्रोन्स का इस्तेमाल किया है। वहीं, अत्याधुनिक ‘टी-९०’ टँक्स तथा ‘एस-४००’ क्षेपणास्त्रभेदी यंत्रणा सिरिया में दाख़िल हुई होने की तस्वीरें प्रकाशित हुई हैं। इसके अलावा कॅस्पियन एवं भूमध्य समुद्र में क्षेपणास्त्रभेदी यंत्रणा से लैस रहनेवाली युद्धनौकाओं पर से रशिया ने सिरियास्थित ‘आयएस’ की छावनियों पर हमलें किए हैं। इन सभी कारणों से पुतिन की इस चेतावनी को गंभीरतापूर्वक लिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.