रशिया अमरिका से यूरोप की रक्षा करेगा – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन का आश्वासन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

मॉस्को – ‘फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन ने यूरोप और अमरिका के बीच एकदूसरे में कुछ बंधन होने का उल्लेख किया है। यूरोप सुरक्षा के लिए अमरिका पर निर्भर है। लेकिन चिंता मत कीजिए रशिया आपकी सहायता करेगा। रशिया यूरोप को सुरक्षा देगा। कम से कम यूरोप को नया खतरा उत्पन्न नहीं होगा, इसके लिए हम पूरी कोशिश करेंगे’, इन शब्दों में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने रशिया अमरिका से यूरोप की सुरक्षा कर सकता है, ऐसा दावा किया है। रशिया में चल रहे ‘सेंट पीटसबर्ग इंटरनेशनल इकॉनोमिक फोरम’ (एसपीआईपीएफ) में पुतिन ने यह वक्तव्य किया है।

युक्रेन का संघर्ष और ब्रिटन में स्थित भूतपूर्व रशियन जासूस पर हुआ हमला इन मुद्दों को लेकर अमरिका ने रशिया पर बड़े पैमाने पर प्रतिबन्ध लगाए हैं। दो हफ़्तों पहले ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध से बाहर निकलकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान पर भी कठोर प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा की है। रशिया और ईरान पर प्रतिबंध लगाने वाले अमरिका ने, इन देशों के साथ व्यापारी और लष्करी सहकार्य करने वाले देशों पर भी अमरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, इन शब्दों में चेतावनी दी थी। इस वजह से यूरोप और अमरिका के बीच तनाव का बहुत बड़ा वातावरण निर्माण हुआ है और यूरोपीय देशों में अमरिका को चुनौती देने की भावना निर्माण हो रही है।

यूरोप की रक्षा

अमरिका के खिलाफ खड़े रहने के लिए यूरोपीय देश रशिया और चीन के साथ नजदीकियां बढाने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषतः जर्मनी और फ़्रांस ने इसके लिए पहल की है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने पिछले १५ दिनों में रशिया और उसके बाद चीन का किया हुआ दौरा, ध्यान आकर्षित करने वाला है। मर्केल के बाद सिर्फ एक हफ्ते में ही फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन भी रशिया में दाखिल हुए हैं। इन दौरों में यूरोप के यह प्रमुख नेता अमरिका के खिलाफ खुलकर नाराजगी व्यक्त करके रशिया और चीन से मदद ले रहे हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है और रशिया और चीन ने भी अमरिका के खिलाफ यूरोप का साथ देने के संकेत दिए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया हुआ वक्तव्य खलबली मचाने वाला है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष के इस वक्तव्य को ईरान के मुद्दे को लेकर अमरिका और यूरोप के बीच बढती जा रही दरार का सन्दर्भ है। ईरान मुद्दे को लेकर यूरोपीय देशों को सहायता देने का आश्वासन देने वाले पुतिन ने इसी मुद्दे को लेकर अमरिका को भी खुलकर अपना लक्ष्य बनाया है। ‘ईरान मुद्दे पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया हुआ फैसला चुनाव के दौरान अमरिकी जनता को दिया हुआ वचन निभाने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है। लेकिन अगर अनुबन्ध पूरी तरह से नष्ट हो गया तो अनुबंध में शामिल सभी देशों को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है’ ऐसा पुतिन ने इशारा दिया है। अमरिका के साथ के मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत शुरू होना आवश्यक है और उसके लिए विश्वास पर आधारित चर्चा आवश्यक है, ऐसा पुतिन ने कहा है। विश्वास यह घटक नहीं होगा तो उससे कुछ भी हासिल नहीं होगा और सिर्फ बल का उपयोग यही एक विकल्प रह जाएगा, ऐसी पुतिन ने चेतावनी दी है। बल का उपयोग हुआ तो उसका परिणाम सिर्फ शोकांतिका ही हो सकती है, इन शब्दों में पुतिन ने संघर्ष के परिणामों की तरफ ध्यान आकर्षित किया है।

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