अमरीका ने लादे प्रतिबंधों को जवाब देने के लिए रशिया की ओर से ‘अमरिकी डॉलर्स’ का प्रभाव कम करने के प्रयास शुरू

मोस्को: अमरीका ने लादे प्रतिबंधों का मुकाबला करने के लिए रशिया में जोरदार गतिविधियाँ शुरू हुई हैं। अमरीका को जवाब देने के लिए रशिया ने सीधे ‘अमरिकी डॉलर’ को लक्ष्य बनाने की तैयारी शुरू की है और रशियन अर्थव्यवस्था में इसका इस्तेमाल लाक्षणिक रूप से घटाने के संकेत दिए हैं। रशिया के उप विदेश मंत्री सर्जेई रायब्कोव्ह ने यह जानकारी दी। इसके पहले सन २०१४ में अमरीका ने लादे प्रतिबंधों के बाद रशिया ने, अमरीका के ‘कार्ड पेमेंट सिस्टम’ का इस्तेमाल बंद करके स्वतंत्र यंत्रणा विकसित की थी।

रशिया आने वाले समय में अमरिकी आयात को पर्यायी व्यवस्था सक्रीय करने के लिए तेजी से गतिविधियाँ शुरू करने वाला है। अमरीका की पेमेंट यंत्रणा पर निर्भर रहने का प्रमाण भी कम किया जाएगा। साथ ही लेन-देन में अमरिकी डॉलर का मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल कम करने की तैयारी रशिया ने शुरू की है। यह बात अब बहुत ही अहम बन गई है’, इन शब्दों में उप विदेश मंत्री सर्जेई रायब्कोव्ह ने अमरिकी मुद्रा का इस्तेमाल और महत्व कम करने के संकेत दिए। रशिया ने इस प्रक्रिया को तेज नहीं किया तो देश हमेशा अमरीका पत निर्भर रहेगा और यही उनको चाहिए, ऐसा इशारा भी दिया।

‘अमरिकी डॉलर्स’अमरीका अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अन्य देशों पर दबाव डालने का प्रयास कर रहा है। रशियन कंपनियों के साथ अन्य विदेशी उद्योगों को भी लक्ष्य किया जा रहा है’, ऐसा आरोप भी रशियन उप विदेश मंत्री ने किया है। अमरीका ने लादे प्रतिबंधों की वजह से यूरोपियन कंपनियों को भी झटका लगने वाला है, ऐसा दावा किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर रशियन मंत्रियों ने उपरोक्त आरोप किए हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है।

अमरीका ने २०१४ में क्रिमिआ प्रकरण को लेकर रशिया पर प्रतिबन्ध लादे थे। इन प्रतिबंधों के बाद रशिया ने देश के अंतर्गत लेन-देन के लिए ‘नेशनल सिस्टम ऑफ़ पेमेंट कार्ड’ की स्थापना की थी। इस यंत्रणा की ओर से ‘मीर’ नाम का कार्ड पेश किया गया था। ‘नेशनल सिस्टम ऑफ़ पेमेंट कार्ड’ की जानकारी के अनुसार रशिया में लगभग १ करोड़ ४० लाख ‘मीर कार्ड’ वितरित किए गए हैं। ‘मीर कार्ड’ के बाद चीन ने विकसित किए ‘यूनियन पे’ कार्ड यंत्रणा को भी रशिया ने मान्यता दी थी।

अमरीका के नए प्रतिबंधों के बाद रशिया ने अमरिकी डॉलर्स का इस्तेमाल घटाने के संकेत फिर से दिए हैं, लेकिन प्रत्यक्ष रूपसे दशक पहले ही इसकी गतिविधियाँ शुरू थी। अमरीका के गृह कर्जों के संकट की वजह से उभरी आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि पर रशिया ने डॉलर्स का अर्थव्यवस्था में प्रभाव कम करने की शुरुआत की है। इसके लिए आरक्षित विदेशी पुंजी मे रखा डॉलर्स का हिस्सा कम करते हुए सोना, चीन की युआन मुद्रा और यूरो का हिस्सा बढाने की शुरुआत की थी। इसके बाद चीन के साथ कुछ एशियाई देशों के साथ स्थानीय चलनों में लेन-देन करने सन्दर्भ में अनुबंध भी किए गए।

सन २०१५ में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने ‘कॉमनवेल्थ ऑफ़ इंडिपेंडन्ट स्टेट्स’ इस रशिया पुरस्कृत समूह के देशों को खुलकर अमेरिकी डॉलर्स का इस्तेमाल तलने का आवाहन भी किया था।

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