इस्राइल के ऐतराज की तरफ नजरअंदाज करते हुए सीरिया में ईरान की लष्करी तैनाती को रशिया का समर्थन

मोस्को: ‘सीरिया में संघर्षबंदी लागू करने के बाद ईरान के सैनिक सीरिया से पीछे हटेंगे, ऐसा वचन रशिया ने दिया नहीं है’, ऐसी घोषणा करके रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने सीरिया में ईरान की लष्करी तैनाती का समर्थन किया है। साथ ही सीरिया में ईरान की लष्करी तैनाती वैध है, ऐसा लावरोव ने कहा है। इस्राइल की गोलन पहाड़ियों की सीमा के पास ईरान के सैनिकों की तैनाती इस्राइल के लिए खतरनाक साबित होगी और इस्राइल सीरिया में ईरान के सैनिकों को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा इस्राइल ने कहा था। लेकिन रशिया ने इस बारे में निश्चित भूमिका लेकर इस्राइल के इस मामले में दावों की तरफ नजरअंदाज किया है।

दो दिनों पहले अमरिका और रशिया के अधिकारीयों के बिच सीरिया में संघर्षबंदी साथ ही चुनाव प्रक्रिया के बारे में चर्चा हुई थी। इसमें से सीरिया में लागू किए जाने वाली संघर्षबंदी की जगह से पांच किलोमीटर की दूरी तक विदेशी सैनिक तैनात नहीं रहेंगे, इस पर अमरिका और रशिया के बिच एकमत हुआ था। वैसी घोषणा भी की गई थी।

लष्करी तैनातीइस्राइल ने इस पर चिंता व्यक्त करके सीरिया में संघर्षबंदी के नए नियमों की वजह से ईरान की लष्कर और ईरान समर्थक गुट इस्राइल की गोलन पहाड़ियों की सीमा के पास तैनात हो सकते हैं, इस बात की तरफ इस्राइल ने ध्यान आकर्षित किया था। साथ ही ईरान से अपनी सुरक्षा को खतरा है, ऐसा कहकर ईरान को रोकने के लिए इस्राइल सीरिया में अपने हवाई हमलों को जारी रखेगा, ऐसा इशारा भी इस्रौली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दिया था। इस पर जवाब देते हुए रशिया के विदेश मंत्री लावरोव ने ईरानी सेना की सीरिया में तैनाती को समर्थन दिया है।

‘‘सेफ्टी जोन’ के अन्दर और बाहर सीरियन लष्कर को छोड़कर अन्य कोई भी हथियारबंद गुट तैनात नहीं रहेंगे, यह ‘सेफ्टी जोन’ लागू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य है। लेकिन अन्य हथियारबंद गुटों में किसी ने भी ईरान अथवा ईरान समर्थक गुटों का उल्लेख किया नहीं था। अगर किसी ने कहा कि ईरान समर्थक गुट यहाँ पर तैनात नही रहे तो पूरे सीरियन लष्कर का उल्लेख ईरान समर्थक गुट ही करना पड़ेगा। वह भी यहाँ से पीछे हटे क्या?” ऐसा सवाल रशियन विदेश मंत्री ने किया है।

साथ ही सीरिया में ईरान की लष्करी तैनाती वैध है, ऐसा विदेश मंत्री लावरोव ने कहा है। ‘रशिया और ईरान की लष्कर सीरियन सरकार के निमंत्रण पर सीरिया में तैनात है। इस वजह से इन दोनों लष्कर की सीरिया में तैनाती वैध साबित होती है। सीरिया में एकतरफा हमले करने वाले अमरिका और मित्र देशों की सीरिया में लष्कर तैनाती गैरकानूनी है’ ऐसा आरोप रशियन विदेश मंत्री ने किया है। इसके पहले भी रशिया ने सीरिया में ईरान और हिजबुल्लाह की तैनाती का समर्थन किया था।

दौरान, सीरिया में ईरान और हिजबुल्लाह की तैनाती पर चर्चा करने के लिए अमरिका के रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस्राइल में दाखिल हुए हैं। उसी दौरान इस्राइल के रक्षा दल प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल गादी एश्केनोत अगले कुछ घंटों में यूरोप के लिए रवाना होने वाले हैं और वह यूरोप में स्थित अमरिका के कमांड प्रमुख से मुलाकात करने वाले हैं।

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