सीरिया की अस्साद राजवट के बचाव के लिए रशिया की ओर से सुरक्षा परिषद में ‘विटो’ का इस्तेमाल – अमरिकी राजदूत की कठोर टीका

न्यूयॉर्क: सीरिया में हुए रासायनिक हमले की पूछताछ इसके आगे भी जारी रहे, इसके लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ में रखे गए प्रस्ताव पर रशिया ने नकाराधिकार इस्तेमाल किया है। उसीके साथ ही सीरिया ने अपने रासायनिक हथियारों के भंडार को सही तरीके से नष्ट किया है, ऐसा दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ के रशियन राजदूत ने किया है। लेकिन रशिया के इस नकाराधिकार पर अमरिकी राजदूत निकी हैले ने कठोर टीका की है। अस्साद राजवट को बचाने के लिए रशिया ने इस नकाराधिकार का इस्तेमाल किया है, ऐसा आरोप निकी हैले ने लगाया है।

अस्साद राजवटसीरिया में चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि पर, सीरिया में स्थित रासायनिक हथियारों का भंडार आतंकवादियों के हाथ लगा तो दुनिया की सुरक्षा खतरे में आ सकती है, यह चिंता संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ढाई साल पहले जताई थी। इस पृष्ठभूमि पर, सन २०१५ में सुरक्षा परिषदने संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘ऑर्गनायझेशन फॉर दी प्रोहिबिशन ऑफ केमिकॅल वेपन्स’ (ओपीसीडब्ल्यू) इस संगठन ने ‘जॉईंट इन्वेस्टिगेटीव्ह मेकानिझम’ (जीम) की स्थापना की थी।

सीरिया के संघर्ष में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल हुआ है क्या, इसकी जाँच करने की जिम्मेदारी इस ‘जीम’ पर सौंपी गई थी। पिछले दो सालों से यह यंत्रणा इस विषय में रिपोर्ट सुरक्षा परिषद सौंप रही है। उसीके साथ ही हर साल यंत्रणा को दिए गए आदेशों को फिरसे मान्यता दी जाती है। इस साल भी सुरक्षा परिषद में फिरसे मान्यता देने का प्रस्ताव आया था। लेकिन रशिया के राजदूत ‘वॅसिली नेंबेझिया’ ने नकाराधिकार इस्तेमाल करके इस प्रक्रिया को रोका।

अस्साद राजवट ‘जीम’ के निरीक्षकों को सीरिया की जिम्मेदारी सौंपने से पहले इस यंत्रणा ने तैयार की हुई रिपोर्ट को पढ़ा जाए, ऐसी मांग रशियन राजदूत ने की। तब तक सुरक्षा परिषद का चुनाव स्थगित किया जाए, ऐसा रशिया का कहना था। लेकिन अमरिका और मित्र देशों ने रशिया की इस मांग को अस्वीकार किया है। इसके बाद इस प्रक्रिया को रोकने के लिए रशिया ने नकाराधिकार इस्तेमाल किया।

सीरिया की अस्साद राजवट को बचाने के लिए रशिया बहुत कोशिश कर रहा है, ऐसा आरोप संयुक्त राष्ट्रसंघ की अमरिकी राजदूत निकी हैले ने लगाया है। ‘सीरिया में रासायनिक हमले में बेरहमी से मारे गए सीरियन नागरिकों की तरफ नजरअंदाज करके अस्साद के बचाव के लिए रशिया ने राजनितिक प्रभाव का इस्तेमाल किया। रशिया के इस नकाराधिकार की वजह से अमरिका निराश हुआ है। अस्साद को अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई का सामना न करना पड़े, इसलिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं, इस बात को रशिया ने फिर एक बार साबित किया है’, ऐसी टीका हैले ने की है।

राष्ट्रसंघ ने नियुक्त किए ‘जीम’ ने अबतक सीरिया के २५ ठिकानों का निरिक्षण किया है और बाकि के दो ठिकानों का निरिक्षण करना बाकी है। इन दो ठिकानों के निरिक्षण के लिए अस्साद सरकार ने अनुमति नकारी थी। इस फैसले पर अमरिका ने आशंका जाहिर की थी। सीरियन लष्कर ने इस जगह पर रासायनिक हथियारों को छिपाने की संभावना जताई है।

इस साल ४ अप्रैल को सीरिया के ‘खान शेखौन’ इलाके में हुए रासायनिक हमले में भी इसी जगह छिपाए गए हथियारों का इस्तेमाल हुआ होगा, ऐसी आशंका जताई जा रही है। लेकिन रशिया सीरियन राजवट का समर्थन कर रही है और सीरिया में रासायनिक हथियारों का भंडार बाकी नहीं है, ऐसा रशिया ठोस रूप से कह रही है। साथ ही कुछ भी हो जाए, अस्साद राजवट अपने ही नागरिकों पर रासायनिक प्रयोग नहीं करेगी, ऐसा आश्वासन भी रशिया दे रही है।

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