अमरीका को सेंट्रल एशिया में लष्करी अड्डा प्रदान करने के लिए रशिया का इन्कार

मास्को – अफ़गानिस्तान में आतंकी संगठन फिर से ताकतवर हुई तो ‘ओवर दी हॉराइज़ॉन’ यानी हवाई हमलों का विकल्प अपनाने का ऐलान अमरीका ने किया था। इसके लिए सेंट्रल एशिया में स्थित लष्करी ठिकाने का इस्तेमाल करने का विचार है और इस विषय पर रशिया के साथ चर्चा शुरू होने का ऐलान अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने किया था। लेकिन, अमरीका को सेंट्रल एशिया में लष्करी अड्डा प्रदान करने के लिए रशिया ने इन्कार किया है। सेंट्रल एशिया के किसी भी देश में अमरिकी सेना की मौजूदगी रशिया बिल्कुल बर्दाश्तय नहीं करेगी, ऐसा इशारा रशिया के उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने दिया है।

central-asia-us-military-baseराष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अफ़गानिस्तान से गैरज़िम्मेदाराना तरीके से वापसी करने का आरोप अमरीका में लगाया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर बीते हफ्ते अमरिकी रक्षामंत्री, रक्षाबलप्रमुख एवं सेंटकॉम के प्रमुख की अमरिकी सिनेट के सामने सुनवाई हुई। इस दौरान अमरिकी रक्षामंत्री ने अफ़गानिस्तान में हवाई हमले किए जाएँगे, ऐसा कहा था। खाड़ी क्षेत्र के सैन्य अड्डे से यह हमले करना मुमकिन ना होने की बात स्वीकार करके रक्षामंत्री ऑस्टिन ने अफ़गानिस्तान के पड़ोसी देशों में मौजूद सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल किया जा सकता है, यह दावा किया था।

लगभग दो महीने पहले राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान भी सेंट्रल एशिया में मौजूद सैन्य अड्डे का इस्तेमाल करने पर चर्चा होने का ऐलान अमरीका ने किया था। उज़बेकिस्तान या ताजिकिस्तान में सैन्य अड्डा प्राप्त करने की कोशिश अमरीका ने शुरू की थी। बीस वर्ष पहले अमरीका ने अफ़गानिस्तान में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई शुरू करने के बाद इन दोनों देशों में अमरीका के सैन्य अड्डे बनाए गए थे।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी विदेश मंत्रालय की उपमंत्री विक्टोरिया न्यूलैण्ड सोमवार से तीन दिन रशिया की यात्रा कर रही है। इस दौरान द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी, यह ऐलान अमरिकी विदेश मंत्रालय ने किया। मंगलवार के दिन बैठक के दौरान अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर बातचीत होने की जानकारी रशिया के उप-विदेशमंत्री रिब्कोव ने प्रदान की।

‘अफ़गानिस्तान की मौजूदा स्थिति के लिए अमरीका और उसके मित्रदेश ज़िम्मेदार हैं और इसके आगे अफ़गानिस्तान में सुस्थिति स्थापित करने की ज़िम्मेदारी भी अमरीका और मित्रदेशों की ही रहेगी’, ऐसी तीखी आलोचना रिब्कोव ने की। साथ ही सोवियत रशिया के पूर्व सदस्य देशों में अमरीका को सैन्य ठिकाने प्रदान करने के लिए रशिया का कड़ा विरोध होने की बात भी रिब्कोव ने स्पष्ट की। रशिया की इस भूमिका पर अमरीका ने प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की हैं।

अफ़गानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर रशिया ने तीव्र चिंता जताई है। अफ़गानिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों से ताजिकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा होने का बयान करके रशिया ने ताजिकिस्तान की सुरक्षा के लिए आवश्यतक कार्रवाई करने का भी ऐलान किया है। रशिया जल्द ही ताजिकिस्तान की सीमा पर युद्धाभ्यास का आयोजन कर रही है। इसी बीच रशिया ने तालिबान को बातचीत के लिए बुलाकर चर्चा करने के लिए अपने द्वार भी खुले रखे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.