बेलारूस को लष्करी सहायता प्रदान करने के लिए रशिया तैयार – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

मॉस्को/मिन्स्क – रशिया और बेलारूस के बीच हुए समझौते के अनुसार बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्ज़ांडर लुकाशेन्को को सहायता प्रदान करने के लिए रशिया तैयार है, यह वादा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया है। बीते सप्ताह में बेलारूस में हुए राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव में हम बहुमत के साथ विजयी होने का दावा लुकाशेन्को ने किया था। लेकिन, उनके खिलाफ़ देश में तीव्र प्रदर्शन हो रहे हैं और अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ ने बेलारूस पर नए प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। इस पृष्ठभूमि पर लुकाशेन्को ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष से फोन करके सहयोग प्रदान करने की माँग की थी।

belarusian-presidential-candidateबीते सप्ताह में 9 अगस्त के दिन बेलारूस में राष्ट्राध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था। लुकाशेन्को बीते 26 वर्षों से बेलारूस का नेतृत्व कर रहे हैं और इस दौरान हुए चुनाव में हमें 80 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त होने का दावा उन्होंने किया। उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वि स्वेतलाना तिखानोवस्काया को 10 प्रतिशत से भी अधिक वोट प्राप्त होने की बात कही जा रही है। लेकिन, इस चुनाव में बड़ी मात्रा में गलत काम होने का आरोप स्थानीय सियासी दल एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय कर रहे हैं।

चुनाव में हुए गलत कारोबारों के खिलाफ़ स्थानीय जनता सड़क पर उतरी हैं और बड़ी मात्रा में प्रदर्शन होना शुरू हुआ है। बीते आठ दिनों से शुरू इन प्रदर्शनों में हिंसा होने लगी है और इस दौरान दो प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है और सैकड़ों घाल हुए हैं। सुरक्षा यंत्रणा ने अब तक करीबन सात हज़ार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है। इस कार्रवाई के बाद भी प्रदर्शनों का दायरा और भी बढ़ा है और रविवार के दिन लगभग एक लाख से अधिक प्रदर्शनकारी राजधानी मिन्स्क के रास्तों पर उतरे होने का चित्र दिखाई दिया। शीतयुद्ध के दौर में सोवियत रशिया के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद हुए यह सबसे बड़े प्रदर्शन होने की बात कही जा रही है।

belarus-rallyइस पृष्ठभूमि पर बेलारुस के राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने रशिया को सहायता प्रदान करने की बिनती करने की बात सामने आयी है। बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष ने शनिवार एवं रविवार लगातार दो दिन रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को फोन करने की बात कही जा रही है। रविवार के दिन हुई चर्चा में पुतीन ने बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष को सहायता प्रदान करने का आश्‍वासन दिया होने की जानकारी रशियन वृत्तसंस्था ने दी। रशिया और बेलारूस के बीच हुए ‘युनियन स्टेट ऐण्ड कलेक्टिव सिक्युरिटी ट्रिटी ऑर्गनायज़ेशन’ नामक समझौते के दायर में रशिया सहायता प्रदान करेगी, यह बात राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कही होने की जानकारी रशियन वृत्तसंस्था प्रदान कर रही है। इसमें लष्करी सहायक के प्रस्ताव का भी समावेश हो सकता है, यह दावा प्रसारमाध्यमों ने किया है।

लुकाशेन्को ने अपने खिलाफ़ देश में हो रहे प्रदर्शनों के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने का आरोप किया है। नाटो की फ़ौजें बेलारुस की सीमा पर तैनात हैं। लिथुआनिया, लाटविया, पोलैंड और युक्रेन यह देश बेलारुस में नए चुनाव करने की माँग कर रहे हैं। नए से चुनाव करने पर एक देश के तौर पर बेलारूस का अन्त होगा, यह दावा राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने किया। लेकिन, नाटो ने लुकाशेन्को के सभी आरोप ठुकराए हैं। अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ ने लुकाशेन्को पर आलोचना की है और नए कड़े प्रतिबंध लगाने के संकेत भी दिए हैं।

putinवर्ष 1991 तक रशियन महासंघ का हिस्सा रहें बेलारूस ने वर्ष 1994 में पहली बार अलेक्ज़ाडर लुकाशेन्को के हाथ में राष्ट्राध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी दी थी। बीते 26 वर्षों में इस देश पर अपनी पकड़ मज़बूत रखनेवाले लुकाशेन्को ने वर्ष 2000 में रशिया के साथ ‘युनियन स्टेट’ समझौता किया था। इस समझौते में बेलारूस को दुबारा रशिया का अंग करने का प्रावधान है। नाटो का सदस्य ना होने से रशिया के लिए बेलारूस एक बफर स्टेट हैं और इसी कारण काफी अहम समझा जा रहा है। लेकिन, इंधन और सुरक्षा के मुद्दे पर रशिया पर निर्भर रहनेवाले बेलारूस ने बीते कुछ वर्षों में यूरोपिय महासंघ के साथ ही संबंध स्थापित किए हैं। इसकी वजह से रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन बेलारूस पर नाराज़ हैं और उन्होंने इस देश को प्रदान हो रही आर्थिक सहायता भी कम की थी, यह बात कही जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर बेलारूस में रशिया की लष्करी दखलअंदाज़ी करना ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हो सकता है।

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