रशिया के पास ‘प्लाझ्मा’, ‘लेझर’ एवं ‘इलेक्ट्रोमॅग्नेटिक’ हथियार होने का उपरक्षामंत्री का दावा

मॉस्को, दि. २२ : रशिया ने ‘प्लाझ्मा’, ‘लेझर’ एवं  ‘इलेक्ट्रोमॅग्नेटिक’ तंत्रज्ञान के आधार पर ऍड्वान्स्ड ‘हायपरसोनिक’ हथियार विकसित किए हैं, ऐसा दावा देश के उपरक्षामंत्री ने किया है| युद्ध में, निर्णय लेने के बाद प्रत्यक्ष संघर्ष तक की कालावधि कुछ सेकंदों पर आने की संभावना है| इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए रशिया प्रगत हथियारों का निर्माण कर रहा है, ऐसी जानकारी उपरक्षामंत्री युरी बोरिसोव्ह ने दी|

 ‘इलेक्ट्रोमॅग्नेटिक’ कुछ दिन पहले अमरीका ने ‘स्वार्म ड्रोन्स’ विकसित किये होने की और ब्रिटन ने ‘लेझर वेपन्स सिस्टिम’ का निर्माण करने की तैयारी शुरू की होने की ख़बरें आयी थीं| वहीं, ‘स्टार वॉर्स’ मालिका की तरह अवकाश में परमाणु अथवा जैविक, रासायनिक विस्फोटकों से लैस प्रक्षेपास्त्रों को भेदनेवाली ‘ऍरो-३’ यह प्रक्षेपास्त्रभेदी यंत्रणा हाल ही में इस्रायल के वायुदल में शामिल हुई है| इस पृष्ठभमि पर, रशिया के उपरक्षामंत्री का यह दावा सामने आया है|

रशिया पूरी तरह से नये घटकों का एवं कंट्रोल सिटिम्स का इस्तेमाल होनेवाले हायपरसोनिक हथियार विकसित कर रहा है| ये हथियार ‘प्लाझ्मा’ जैसे अलग ही माध्यम में कार्यरत रहनेवाले हैं| फिलहाल रशियन रक्षा दल नयी वैज्ञानिक और प्रौज्ञोगिक क्रांति की देहलीज़ पर है| इसमें अब तक कभी भी इस्तेमाल न किये गये सिद्धांतों का आधार लिया जा रहा है| यह यंत्रणा फिलहाल इस्तेमाल किए जानेवाली यंत्रणा की जगह लेगी, ऐसा उपरक्षामंत्री युरी बोरिसोव्ह ने कहा|

आनेवाले समय में, रक्षादल की रचना और नियंत्रण के लिए भिन्न तत्त्वों का इस्तेमाल किया जायेगा, ऐसा कहते हुए, जो भी दुश्मन को जल्द से जल्द पहचानकर उसपर हमला करेगा, वही जीत जायेगा, ऐसा बोरिसोव्ह ने आगे कहा| युद्ध के दौरान, निर्णय लेने की घड़ी और प्रत्यक्ष संघर्ष शुरू करने की घड़ी इनमें रहनेवाला समय बहुत ही कम हुआ है और यह अवधि चंद कुछ सेकंदों पर आ पहुँचेगी और इस कारण सभी गतिविधियाँ बड़ी तेजी से यानी की ‘रियल टाईम’ में करना बेहद ज़रूरी है, ऐसा रशियन मंत्री ने ज़ोर देकर कहा|

 ‘इलेक्ट्रोमॅग्नेटिक’ इसके लिए रशियन रक्षामंत्रालय ने ‘प्लॅन ऑफ ऍक्शन’ तैयार किया होने की अत्यधिक महत्त्वपूर्ण जानकारी बोरिसोव्ह ने दी| रशिया को जल्द ही ‘लेझर’ प्रौज्ञोगिक और विद्युतचुंबकीय तत्त्वो के आधार पर हथियार तैयार करने में कामयाबी मिलेगी, ऐसा दावा भी उन्होंने किया|

रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने, रक्षादल के आधुनिकीकरण के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया है और बोरिसोव्ह द्वारा दी गयी जानकारी, यह उसीका हिस्सा दिखाई दे रहा है| राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने, सन २०२० तक रशिया के रक्षादल का पूरा नक़्शा ही बदल देने का उद्दिष्ट घोषित किया था| उसके अनुसार, रशियन रक्षादल में लगातार नये नये हथियारों को शामिल किए जा रहा है| तीन दिन पहले रशियन सेना ने, ‘तोपोल-एम’ इस आन्तरमहाद्वीपीय बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया था|

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