अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी को रशिया का विरोध

मास्को – ‘अफ़गानिस्तान में अमरीका की सेना तैनाती को पहले भी समर्थन था और अब भी है। अमरीका की सेना तैनाती की वजह से रशिया के हितसंबंधों को किसी तरह से खतरा नहीं है। लेकिन, अमरीका ने अफ़गानिस्तान में तैनात अपनी सेना को हटाया तो फिर खतरा निर्माण हो सकता है’, यह इशारा राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दिया। इसके साथ ही अमरीका ने आतंकवाद विरोधी जानकारी रशिया को प्रदान की थी, यह बात भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कही है। अफ़गानिस्तान से हो रही अमरिकी सेना की वापसी और वहां पर आतंकी हमलों में हुई बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष की प्रतिक्रिया अहम साबित होती है।

putin-us-afghanअमरीका ने अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी शुरू की है और अब तक कम से कम चार हज़ार अमरिकी सैनिक स्वदेश लौटने का दावा किया जा रहा है। अमरीका अफ़गानिस्तान से वापसी कर रही है तभी वहां पर आतंकी हमलों में बढ़ोतरी हुई है। तलिबान के साथ ही पाकिस्तान के आतंकी गुट, आयएस ने अफ़गानिस्तान के अलग अलग प्रांतों में हमले हो ही रहे हैं, यह चिंता अफ़गान सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठन व्यक्त कर रही है। ऐसा होने के बावजूद अमरीका अफ़गानिस्तान से अपनी सेना हटाने पर कायम है। लेकिन, अमरीका की इस सेना वापसी को रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने विरोध किया है।

अमरीका ने अफ़गानिस्तान में आतंकवाद के विरोध में युद्ध शुरू किया था, यह कहकर पुतिन ने अमरीका के अफ़गान संघर्ष का समर्थन किया। तभी अफ़गानिस्तान में हुई अमरीका की सेना तैनाती का रशिया ने पहले भी समर्थन किया है और संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में भी अमरीका के समर्थन में वोट किया था। वहां पर हुई अमरिकी सेना की तैनाती की वजह से रशिया के हितसंबंधों को किसी भी तरह का खतरा नहीं बनता, यह बात राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने सरकारी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में स्पष्ट की। अफ़गानिस्तान में स्थिरता स्थापित करने के लिए अमरीका अच्छी कोशिश कर रही है। लेकिन, अमरीका की सेना वापसी की वजह से कई खतरे निर्माण होंगे, यह इशारा पुतिन ने दिया।

putin-us-afghanअमरीका की मौजुदगी की वजह से अफ़गानिस्तान में स्थिरता स्थापित होने के लिए सहायता मिली थी। लेकिन, अमरीका की सेना वापसी के बाद अफ़गानिस्तान में स्थिरता स्थापित करने के लिए हमें बड़ी मेहनत करनी पडेगी। अमरीका की वापसी से हम अफ़गानिस्तान की स्थिरता खो देंगे। रशिया को अफ़गानिस्तान में अमरिकी सेना से नहीं लड़ना था। लेकिन, अमरीका की वापसी के बाद रशिया की सुरक्षा के लिए भी खतरा निर्माण हो सकता है, यह संकेत राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिए। इसके साथ ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के कार्यकाल में अमरीका ने रशिया को आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में बड़ी सहायता करने की जानकारी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने साझा की। अमरीका ने प्रदान की हुई जानकारी की वजह से रशिया सफलता के साथ आतंकी हमले नाकाम कर सकी, इसकी याद रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिलाई।

इसी बीच दो दिन पहले नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने भी अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी पर सावधानी से प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। कतार में जारी बातचीत स्वागतार्ह है। लेकिन, बीते कुछ महीनों में अफ़गानिस्तान में आतंकी हमले बढ़े हैं, इस ओर भी अनदेखा नहीं किया जा सकता, यह बात स्टोल्टनबर्ग ने स्पष्ट की थी। इस सप्ताह में नाटो की बैठक में भी अफ़गानिस्तान की स्थिति पर चर्चा होगी, यह बात स्टोल्टनबर्ग ने स्पष्ट की।

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