अमरीका ने सीरियन सेना पर हमले किए, तो गंभीर नतीज़ें भुगतने पड़ेंगे : रशिया की चेतावनी

मॉस्को/अलेप्पो, दि. २ (वृत्तसंस्था) – अमरीका के लड़ाकू प्लेन्स ने सीरियन सेना पर हमले किए, तो उसके भीषण नतीज़ें आखाती देशों में दिखाई देंगे, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी| साथ ही, सीरिया के आतंकियों को समर्थन देनेवाले देश, यहाँ की जनता की गुहार सुनाते हुए मगरमच्छ के आँसू बहा रहे हैं, ऐसी आलोचना सीरिया ने की| इसी दौरान, रशिया और सीरिया ने अलेप्पो के विद्रोहियों के खिलाफ शुरू की कार्रवाई तेज़ हो रही है, ऐसी खबर प्रकाशित हुई है| इस कार्रवाई पर अमरीका द्वारा कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है, जिसमें अमरीका के नेता सीरियन सेना पर हमलों के संकेत दे रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, रशिया ने दी हुई चेतावनी से, यहाँ की स्थिति और भी विस्फोटक बनने के आसार दिख रहे हैं|

US attacks-syrian-army

सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-अस्साद की सरकार गिराने के लिए, अमरीका और मित्रदेशों की काफ़ी तैयारियाँ शुरू हैं| सीरिया का संघर्षविराम खत्म होने के बाद अलेप्पो में पुन: भड़क उठे संघर्ष की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने, अस्साद की सरकार का तख़्ता पलटने के संकेत भी दिए थे| इसके लिए अलेप्पो में दाखिल हुई सीरियन सेना पर हवाई हमले करने की चेतावनी अमरीका ने दी थी| अमरीका की इसी चेतावनी पर रशिया ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है|

अमरीका द्वारा सीरियन जवानों पर किये जानेवाले हवाई हमलों के बाद होनेवाले परिणाम सीरिया तक सीमित रहनेवाले नहीं, बल्कि पूरे आखाती प्रदेश को इस हमले के परिणामों का सामना करना होगा| साथ ही, सीरिया में तख़्तापलट होकर यदि अस्साद को सत्ता से नीचे खींचने में अमरीका सफल भी होती है, तो सीरिया में बड़ा सूराख़ निर्माण होगा| अगर ऐसा होता है, तो आंतकी संगठन सीरिया पर कब्जा जमा लेंगे, ऐसी चेतावनी रशिया के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारीया झाखारोव्हा ने दी|

पिछले कुछ दिनों से रशिया और अमरीका में आरोपों की बयानबाज़ी शुरू है| अमरीका ने सीरिया की शांतिचर्चा को बहिष्कृत किया तो इससे आंतकियों को फ़ायदा होगा, ऐसी उपहासात्मक आलोचना झाखारोव्हा ने की थी| साथ ही, अमरीका सीरिया स्थित आतंकियों का समर्थन कर रही है, ऐसा आरोप भी रशिया के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने किया था| अब सीरिया ने भी संयुक्त राष्ट्र में अमरीका की आलोचना की है|

सीरिया के संघर्ष की मुख्य वज़ह ‘आतंकियों को मिलनेवाला समर्थन’ यह है, ऐसी आलोचना राष्ट्र संघ में सीरिया के राजदूत बशर अल-जाफरी ने की| संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति की बैठक में, सीरिया के मानवाधिकारों के लिए आँसू बहानेवाले देश ही आतंकियों को पैसा और सैनिकी सहायता मुहैय्या करा रहे हैं, ऐसा जाफरी ने कहा| इसमें पश्‍चिमी देशों के साथ सौदी अरेबिया, तुर्की, कतार ये देश शामिल होने का इल्ज़ाम सीरिया ने लगाया है|

इसी दौरान, रशिया के लड़ाकू प्लेन्स ने अलेप्पो पर हवाई हमले जारी रखे हैं| रशियन प्लेन्स के हवाई हमलों में ‘आयएस’ और उससे जुड़े हुए विद्रोही गुटों के ठिकानों को नष्ट कर दिया गया है, जिनमें अस्पताल होने का दावा भी किया जा रहा है| वहीं, सीरिया की सेना ने पूर्व अलेप्पो में पॅलेस्टिनी शरणार्थियों के ‘उम अल-शुकीफ’ इस पहाड़ी इलाके पर कब्ज़ा कर लिया, ऐसा बताया जाता है|

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