ख्रिस्तधर्मियों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में रशिया और हंगेरी ने अपनाई कडी भूमिका

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबुडापेस्ट: दुनिया के अलग अलग देशों में ख्रिस्तधर्मियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए हंगेरी में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया था| इस बैठक के लिए रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन मौजूद थे| ख्रिस्त धर्म का उदय मध्यपूर्व से ही हुआ था और वर्तमान में इसी क्षेत्र से बडी संख्या में स्थलांतरण करने के लिए ख्रिस्तधर्मी विवश हुए है, यह चेतावनी का समय है, यह कहकर रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की|

हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार यूरोप के ख्रिस्तधर्मियों की समस्या सामने रखना शुरू किया है| यूरोप पहुंच रहे शरणार्थियों के बारे में बोलते समय ऑर्बन ने यह झुंड यूरोप की संस्कृति और मुल्य तबाह करेंगे, यह इशारा लगातार दिया है| साथ ही यूरोप के ख्रिस्तधर्मियों की रक्षा करने के लिए हम डटकर खडे रहेंगे, यह वादा भी ऑर्बन ने किया था|

इस मुहीम का एक हिस्सा यानी ऑर्बन ने दुनिया भर में ख्रिस्तधर्मियों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में मोर्चा खोलने की गतिविधियां शुरू की है| इस मोर्चे के बारे में उन्होंने अमरिका, पोलंड, झेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया जैसे देशों से बातचीत की है| इसी बीच अब रशिया को भी शामिल करने की तैयारी शुरू है और हंगेरी में ख्रिस्तधर्मियों की बैठक में रशियन राष्ट्राध्यक्ष की मौजुदगी इसी कोशिश का हिस्सा होने की बात समझी जा रही है| हंगेरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुई इस बैठक में खाडी देशों के चर्च के प्रमुख धर्मगुरू भी मौजूद थे|

इस दौरान हंगेरी के प्रधानमंत्री ने इस बैठक का उद्देश्य खाडी क्षेत्र के ख्रिस्तधर्मियों की स्थिति को लेकर धर्मगुरूओं के मत जानना था, यह स्पष्ट किया| साथ ही हंगेरी ने खाडी के ख्रिस्तधर्मियों के लिए होनेवाली सहायता की जानकारी भी दी| प्रधानमंत्री ऑर्बन और ख्रिस्तधर्मिय धर्मगुरूओं के साथ हुई बातचीत के बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस मुद्दे पर अपनी भूमिक स्पष्ट की|

मध्यपूर्व के ख्रिस्तधर्मियों की बनी खराब स्थिती देखना कठिन है और इसपर रोक लगाने के लिए आवश्यक सभी तरह का सहयोग करने के लिए रशिया तैयार है, यह वादा व्लादिमीर पुतिन ने किया| खाडी क्षेत्र के आतंकी संगठनों के विरोध में हो रहे संघर्ष में रशिया का योगदान अहम है, यह कहकर पुतिन ने रशिया की इन कोशिशों की ओर सभीयों का ध्यान आकर्षित किया|

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