सिरिया में ‘आयएस’ के १८० स्थानों पर रशिया के हवाई हमले – आतंकवादियों ने सीरिया में घातपातों की तीव्रता बढ़ाई

रशिया के हवाई हमलेमॉस्को/दमास्कस – रशियन लष्कर ने सिरिया में ‘आयएस’विरोधी कार्रवाई तीव्र की है। पिछले दो दिनों में रशियन लड़ाकू विमानों ने सिरिया के राक्का, देर अल-झोर और होम्स भागों में स्थित आयएस के कम से कम १८० स्थानों पर हमले किए हैं। सिरिया के मानवाधिकार संगठन ने यह जानकारी दी। उसी समय, आतंकवादियों ने सिरियन लष्कर और जनता पर बम हमलें बढ़ाने की खबरें आ रही हैं।

सिरिया के हेमिम स्थित हवाई अड्डे पर तैनात रसिया के लड़ाकू विमानों ने शनिवार, रविवार ऐसे लगातार दो दिन आयएस के आतंकियों के स्थानों पर जोरदार हमले किए। इनमें सिरिया के दक्षिणी ओर के बादिया रेगिस्तान के आतंकवादियों के अड्डों का समावेश है। साथ ही, राक्का और देर अल-झोर प्रांत की सीमा पर के ‘जबाल अल-बिशरी’ और हमा प्रांत के अथरिया भाग में स्थित आयएस के स्थानों पर रशियन विमानों ने हमले किए । इन हमलों में आतंकवादियों का बड़ा नुकसान हुआ, ऐसा मानवाधिकार संगठन कह रहे हैं। लेकिन रशिया ने उसका विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है।

इस महीने में रशिया और सिरियन लष्कर के मोरचे ने आतंकवादियों पर की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। रशिया और सिरियन लष्कर के मोरचे के विरोध में आतंकवादियों ने प्रतिहमले किए हैं। सिरिया के इदलिब इलाके में आतंकवादियों ने सिरियन लष्कर के वाहन को लक्ष्य करने की खबरें आ रहीं हैं। इसमें तीन सिरियन जवानों की मौत हुई और ४ लोग जख्मी होने का दावा किया जाता है। अलकायदा से जुड़े ‘जबात अल-नुस्र’ इस आतंकवादी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया है। ‘जबात’ ने इदलिब, लताकिया, अलेप्पो और हमा प्रांत में ३९ आतंकवादी हमले कराए होने की जानकारी दी।

वहीं, सिरिया के एक अखबार ने, अलेप्पो प्रांत में कार बम विस्फोट होने की खबर दी है। इस हमले में तुर्की से जुड़ी ‘फ्रि सिरियन आर्मी’ के छह आतंकवादी मारे जाने का दावा किया जाता है। लेकिन सिरियन लष्कर तथा सरकारी न्यूज़ चैनल ने इन खबरों की पुष्टि नहीं की। सिरिया में राष्ट्राध्यक्षपद के चुनाव का प्रचार सोमवार से शुरू हुआ है। ऐसी परिस्थिति में, सिरिया में हमले बढ़ाकर अस्थिरता निर्माण करने की साज़िश और यह साज़िश ध्वस्त करने के दाँवपेंच आक्रामक रूप में किए जा रहे दिखाई दे रहे हैं।

इसी बीच, पिछले साल भर में सीरिया में आतंकवादी हमलों में सिरियन लष्कर और उससे जुड़े गुटों के १,४२३ जवान मारे जाने का दावा स्थानिक मानवाधिकार संगठन कर रहे हैं। इनमें दो रशियन और ईरान से जुड़े गुटों के १४९ जवान तथा आतंकियों का समावेश होने की बात कही जाती है।

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