सीरिया पर के हमले के निषेध में, रशिया ने अमरीका के साथ का सहयोग तोड़ दिया; ईरान और चीन से भी निषेध के सूर

मॉस्को, दि. ७ : अमरीका का यह हमला यानी एक सार्वभौम देश पर हुआ आक्रमण साबित होता है, ऐसा कहते हुए रशिया ने इसका निषेध किया| इस हमले के साथ ही, रशिया का सीरिया में अमरीका के साथ का सेना सहयोग खत्म हुआ, ऐसी घोषणा रशियन प्रवक्ता ने की| दोनों देशों के आपसी संबंधों को इस हमले की वजह से बहुत धक्का लगा, ऐसा कहते हुए, आगे चलकर रशिया द्वारा इस संदर्भ में आक्रामक नीति अपनायी जायेगी, ऐेसे स्पष्ट संकेत रशिया से मिल रहे हैं| वहीं, रशिया की तरह ही सीरिया की अस्साद हुक़ूमत का समर्थन करनेवाले ईरान और चीन ने भी अमरीका के इस हमले का निषेध किया है|

सहयोगरशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव्ह ने, अमरीका के हमले का निषेध करते हुए इस संदर्भ में अमरीका पर गंभीर इल्जाम लगाये हैं| ट्रम्प प्रशासन ने किया यह हमला यानी इराक में किये अपने हमले पर से ध्यान दूसरी ओर हटाने की कोशिश है, ऐसा इल्ज़ाम पेस्कोव्ह ने लगाया| इराक के मोसूल शहर में अमरीका ने किये हवाई हमले में करीबन २०० लोगों की जानें गयीं, ऐसा दावा किया जाता है| इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार अमरीका ने किया था| इस हमले के आतंकवादी नहीं, बल्कि आम लोगों की जानें गयी, ऐसी आलोचना शुरू हुई थी| इस मामले से दूसरी ओर ध्यान हटाने के लिए अमरीका ने सीरियन सेना के हवाईअड्डे पर प्रक्षेपास्त्र हमले किये, ऐसे पेस्कोव्ह ने कहा है|

इसके साथ ही, ‘सीरियन हुक़ूमत के पास रासायनिक विस्फोटक नहीं हैं, इस संयुक्त राष्ट्रसंघ के निरीक्षकों ने दिये रिपोर्ट को अमरीका ने पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया’ ऐसा इल्ज़ाम पेस्कोव्ह ने लगाया| ‘जिस रासायनिक हमले का बहाना बनाकर अमरीका ने सीरियन सेना पर यह प्रक्षेपास्त्र हमला किया, वह रासायनिक हमला सीरियन सेना ने किया ही नहीं था| यह हमला विद्रोहियों ने किया था’ ऐसा दावा रशिया से किया जा रहा है| इतना ही नहीं, बल्कि इस रासायनिक हमले से पहले से ही अमरीका द्वारा सीरिया पर हमला करने की तैयारी शुरू की गयी थी, ऐसी आलोचना संयुक्त राष्ट्रसंघ के रशियन राजदूत ने की है|

सीरियन हुक़ूमत के पीछे पूर्ण रूप में खड़े रहनेवाले ईरान ने अमरीका के हमले की भर्त्सना की| इस हमले का फ़ायदा सीरिया के आतंकवादियों को होगा, ऐसा ईरान के विदेशमंत्रालय ने कहा है| वहीं, चीन ने, ‘सीरिया के रासायनिक हमले की पूरी जाँच करने के बाद ही अमरीका ने आगे की कार्रवाई करनी चाहिए थी’ ऐसा कहते हुए अमरीका पर दोषारोपण किया है|

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