रशिया तालिबान को ‘टेरर लिस्ट’ से हटाने की सोच में

मास्को/काबुल – अफ़गानिस्तान में हुकूमत स्थापित करनेवाली तालिबान को ‘टेरर लिस्ट’ यानी आतंकी संगठनों की सूचि से हटाने की संभावना रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने व्यक्त की है। रशिया इस बात पर सोच रही है और संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्तर पर भी इसके लिए कोशिश हो, यह आवाहन रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किए हैं। बीते हफ्ते मास्को में तालिबान के साथ बैठक के बाद रशिया की भूमिका में यह बदलाव होता दिखाई दिया है। तालिबान ने इसका स्वागत किया है।

taliban-terror-list-russiaरशिया ने बीते हफ्ते अफ़गानिस्तान की गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए भारत, चीन, पाकिस्तान, ईरान और सेंट्रल एशियाई देशों की विशेष बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में तालिबान के नेता भी मौजूद थे। इस बैठक का पूरा ब्यौरा माध्यमों के सामने सार्वजनिक नहीं किया गया था। लेकिन, रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने मास्को के एक कार्यक्रम में अफ़गानिस्तान को लेकर बड़ा ऐलान किया।

रशिया तालिबान को आतंकी संगठनों की सूचि से हटाने की सोच में होने का बयान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया। अफ़गान जनता के लिए तालिबान के साथ बातचीत करना आवश्‍यक होने की बात भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कही। इसके बावजूद अफ़गानिस्तान की तालिबान की हुकूमत को रशिया स्वीकृति प्रदान करने की जल्दबाज़ी नहीं करेगी, ऐसी सावधानता वाली भूमिका भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपनाई है। तालिबान अफ़गानिस्तान में सर्वसमावेशक सरकार का गठन करेगी और इस देश की आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करेगी, यह उम्मीद रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने व्यक्त की।

आयएस और अन्य आतंकी संगठनों का अफ़गानिस्तान के उत्तरी हिस्से में बढ़ रहा प्रभाव और नशीले पदार्थों की तस्करी बड़ी चुनौतियाँ हैं और तालिबान इसका हल निकाले, यह बयान भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया। इसी बीच, अफ़गानिस्तान में आतंकी संगठनों की गतिविधियों की वजह से ताजिकिस्तान और सेंट्रल एशियाई देशों की सुरक्षा पर असर पड़ रहा है, यह दावा रशिया कर रही है। इसके लिए रशिया ने ताजिकिस्तान में स्थित अपने अड्डे पर ३० प्रगत टैंक तैनात किए हैं।

चीन के विदेशमंत्री कतार में तालिबानी नेताओं से मुलाकात करेंगे

बीजिंग – चीन के विदेशमंत्री वैंगई सोमवार-मंगलवार के दिन कतार का दौरा करेंगे और इस दौरान वह तालिबान के नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरान अफ़गानिस्तान की गतिविधियों पर चर्चा होगी, यह जानकारी चीनी मुखपत्र ने साझा की।

तालिबान को अफ़गानिस्तान में चीन से बड़े निवेश की उम्मीद है। तो अफ़गानिस्तान के अरबों डॉलर्स के खनिजों पर चीन की नज़रें गढ़ी हुई है। इस पृष्ठभूमि पर चीन और तालिबान की होनेवाली इस मुलाकात पर विश्‍वभर के प्रमुख देशों की नज़रें लगी हैं। साथ ही अफ़गानिस्तान की ‘ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मुवमेंट – ईटीआयएम’ नामक आतंकी संगठन से हमारी सुरक्षा के लिए खतरा होने का दावा चीन कर रहा है। तालिबान इस आतंकी संगठन पर कार्रवाई करे, यह माँग चीन लगातार कर रहा है।

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