रशिया-चीन में ‘युआन’ चलन पर निर्भर निवेश के लिए निधि का ऐलान – स्थानिय चलन, ‘ई-कॉमर्स’, परमाणु सहयोग और ‘५जी’ समझौते पर भी हस्ताक्षर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इनके रशिया दौरे में दोनों देशों में युआन चलन पर आधारित स्वतंत्र निधि स्थापित करने की महत्वपूर्ण घोषणा की गई है| अब तक दोनों देशों में एक दूसरों के साथ व्यापार एवं निवेश बढ़ाने के लिए विविध उपक्रम कार्यान्वित किए गए हैं| फिर भी सिर्फ युआन चलन का समावेश होनेवाला निधि निर्माण होने का पहला समय है| रशिया एवं चीन इन दोनों देशों में अमरिका के प्रतिबंधों का सामना करते समय अमरिकी डॉलर का वर्चस्व कम करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं| इनमें चीन के युआन को बहुत बड़ा योगदान है और नया निधि उसी का एक भाग माना जा रहा है|

बुधवार को चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग रशिया में दाखिल हुए हैं| उस समय उन्होंने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादीमीर पुतिन के साथ अनेक वरिष्ठ मंत्री एवं नेताओं से चर्चा की है| उस समय दोनों नेताओं की उपस्थिति में अनेक महत्वपूर्ण करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं| इनमें दोनों देशों में स्थानीय चलन का उपयोग और ‘नेशनल पेमेंट सिस्टम’ की व्याप्ति बढ़ाने के संदर्भ में करार का समावेश है|

रशिया एवं चीन इन दोनों देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होनेवाले आर्थिक व्यवहार के लिए कार्यरत होनेवाले ‘स्विफ्ट’ को विकल्पी यंत्रणा स्थानीय स्तर पर निर्माण हुई है| पर दोनों यंत्रणाओं की व्याप्ति अबतक पर्याप्त तादाद में नहीं बढ़ी है और उसपर जोर देने के करार निश्चित किए गए हैं| उस समय ई-कॉमर्स क्षेत्र में ३८ करोड़ डॉलर्स का निवेश किया जाएगा और उसमें चीन का हिस्सा १० करोड़ डॉलर्स का होनेवाला है| ‘रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड’ ने चीन की यंत्रणा के साथ १ अरब डॉलर्स का निधि निर्माण करने के करार होने की जानकारी दी है|

इस के अलावा रशिया ‘रॉसऐटम कंपनी’ ने चीन में २ परमाणु भट्टियों का निर्माण करने के लिए लगभग १.७ अरब डॉलर का करार किया है| दूरसंचार क्षेत्र में चीन की अग्रणी कंपनी हुवेई के साथ रशिया में ५जी की सेवा प्रदान करने के लिए करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं| अमरिका से जारी किए बंदी की के पृष्ठभूमि पर यह करार महत्वपूर्ण माना जा रहा है|

रशिया एवं चीन में फिलहाल १०८ अरब डॉलर्स का द्विपक्षीय व्यापार हुआ है और यह व्यापार २०० अरब डॉलर्स तक ले जाने का उद्देश्य दोनों देशों ने सामने रखा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.