कोरियन क्षेत्र में तनाव की पृष्ठभूमि पर अमरिकन बॉम्बर्स का युद्धाभ्यास, रशिया और चीन का भव्य युद्धाभ्यास शुरू

सेवूल/व्लदिओस्तोक: उत्तर कोरिया ने जापान के उपर से दागे बैलेस्टिक मिसाइल के परिक्षण के बाद कोरियन क्षेत्र का तनाव दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। अमरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, रशिया और चीन इन प्रमुख देशों ने आक्रामक कदम उठाए हैं और कोरियन क्षेत्र में ही युद्धाभ्यास की शुरुआत की है। अमरिका ने दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त हवाई युद्धाभ्यास शुरू किया है और चीन ने ‘सी ऑफ़ जापान’ के पास समुद्री युद्धाभ्यास का आरंभ किया है।

शुक्रवार को सुबह उत्तर कोरिया ने मध्यम अंतर के बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परिक्षण किया था। जापान की सीमा से पार हुए इस मिसाइल ने लगभग तीन हजार किलोमीटर का अंतर पार करने की बात कही जा रही है। इस वजह से उत्तर कोरिया की मारक क्षमता बढने की बात स्पष्ट हुई थी। इस परिक्षण पर अमरिका के साथ सभी देशों ने आक्रामक शब्दों में टीका करके कड़े कदम उठाने के संकेत दिए थे। अमरिकी नेतृत्व ने लश्करी कार्रवाई की संभावना की बात भी कही थी। उसी दौरान चीन और रशिया ने अमरिका की आक्रामक नीतियाँ उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों का कारण बनने का दावा किया था।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका और दक्षिण कोरिया साथ ही रशिया और चीन ने युद्ध की तैयारी की दिशा में कदम बढाएं हैं। सोमवार को अमरिका के ‘बी-१ बी सुपरसोनिक बॉम्बर्स’ और ‘एफ-३५ बी स्टेल्थ’ लड़ाकू विमानों ने दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त हवाई अभ्यास किया है। इस अभ्यास में हवाई हमले की ‘रंगीन तालीम’ की गई। दक्षिण कोरिया की हवाई सीमा में हुए इस अभ्यास में कोरियन हवाई दल के ‘एफ-१५ के’ इन लड़ाकू विमानों ने भी हिस्सा लिया था।

उसी समय कोरियन क्षेत्र के ‘सी ऑफ़ जापान’ में रशिया और चीन की नौसेना ने सोमवार को ‘जॉइंट सी-२०१७’ इस नौसेना अभ्यास को शुरुआत की। इस संयुक्त नौसेना अभ्यास में ११ युद्धनौका, दो पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और हेलीकाप्टरों का समावेश है। चीन ने दो प्रगत विनाशकों के साथ एक पनडुब्बी इस अभ्यास के लिए भेजने की जानकारी सूत्रों ने दी है। करीब एक हफ्ते तक यह अभ्यास जारी रहने वाला है।

दौरान, अमरिका के संयुक्त राष्ट्रसंघ के दूत निक्की हॅले ने उत्तर कोरिया को कठोर इशारा दिया है। ‘उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने लापरवाही से मिसाइल परिक्षण जारी रखा, तो उत्तर कोरिया का विनाश होगा’, ऐसा हले ने इशारा दिया है। अमरिका के विदेश मंत्री रेक्स टीलरसन ने उत्तर कोरिया के खिलाफ लश्करी कार्रवाई का विकल्प खुला होने की बात स्पष्ट की है। उसी समय जर्मनी ने उत्तर कोरिया की समस्या का समाधान निकालने के लिए रशिया और चीन का सहकार्य आवश्यक होने का दावा किया है।

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