सिरिया स्थित अमरिकी जवानों पर रशिया ने ‘एनर्जी वेपन’ से हमला किया – पेंटागॉन द्वारा जाँच के आदेश

वॉशिंग्टन – युक्रेन, साइबर हमले इन मामलों को लेकर अमरीका और रशिया के बीच निर्माण हुए विवादों में अब एक नया मामला सामने आया है। सिरिया में तैनात अमरिकी जवानों पर एनर्जी वेपन का हमला हुआ होने का दावा पेंटागॉन ने किया है। इन हमलों के लिए रशिया ज़िम्मेदार होने का शक पेंटागॉन ने ज़ाहिर किया होकर, उसकी जाँच शुरू होने की जानकारी सामने आ रही है। वही रशियन माध्यमों ने पेंटागॉन के इन आरोपों का मजाक उड़ाया।

syria-us-troops-russiaअमरीका की अग्रसर न्यूज़ एजेंसी ने कुछ दिन पहले, चार पूर्व सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से सनसनीखेज खबर प्रकाशित की थी। साल भर पहले सिरिया की उत्तरी सीमा पर तैनात अमरिकी जवानों पर रशिया ने डायरेक्ट एनर्जी वेपन का इस्तेमाल किया, ऐसा इसमें कहा गया था। इस हमले में अमरीका के जवान ज़ख्मी हुए थे। इन आरोपों की जाँच के लिए अमरिकी सीनेट की दो समितियों की स्थापना हुई है, ऐसी जानकारी इस न्यूज़ एजेंसी ने दी।

घायल हुए जवानों में फ्लू जैसे लक्षण पाए गए थे, ऐसा इस घटना से संबंधित पेंटागॉन के दो अधिकारियों ने अमरिकी न्यूज़ एजेंसी को बताया। अमरिकी सीनेट में, अमरीका की सेंट्रल कमांड अर्थात सेंटकॉम के प्रमुख प्रमुख जनरल फ्रँक मॅकॅन्झी को इस बारे में सवाल किए गए। फिलहाल इस घटना के सबूत ना होकर, संबंधित हमले की जाँच जारी है, ऐसा जनरल मॅकॅन्झी ने कहा।

सिरिया में अमरिकी जवानों पर ऐसा हमला कैसे हुआ, इस मामले में बारे में पेंटागॉन तथा अमरीका की राष्ट्रीय गुप्तचर यंत्रणाओं ने प्रतिक्रिया देना टाला है। वहीं, क्या यह वाकई एनर्जी वेपन का ही हमला था, ऐसा नुकीला सवाल रशियन माध्यम पूछ रहे हैं। अगर फ्लू जैसे लक्षण थे, तो फिर अमरिकी जवानों को कोरोना का संक्रमण हुआ रहेगा और उन्होंने उसका ठीकरा रशिया पर फोड़ा होगा, ऐसी संभावना भी रशियन माध्यम जता रहे हैं।

इससे पहले क्यूबा इस कैरेबियन देश की राजधानी हवाना में स्थित अमरिकी दूतावास के अधिकारियों पर भी एनर्जी वेपन का हमला होने का आरोप अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया था।

syria-us-troops-russiaक्यूबा स्थित अमरिकी राजनीतिक अधिकारियों के श्रवण-इंद्रियों पर भारी तनाव बना होने की शिकायतें सामने आईं थीं। साथ ही, उन राजनीतिक अधिकारियों में, थकान महसूस होना और सिर दर्द ऐसी बीमारियाँ पाईं गईं थीं। कुछ अधिकारियों के मस्तिष्क पर कायम स्वरूपी परिणाम होने की खबरें भी सामने आईं थीं।

उसके बाद ट्रम्प के प्रशासन काल में जब चीन के साथ तनाव पैदा हुआ था, तब बीजिंग स्थित अमरिकी दूतावास के कुछ राजनीतिक अधिकारियों पर भी ‘हवाना सिंड्रोम’ जैसा हमला हुआ था। अमरीका के साथ व्यापार युद्ध जब तीव्र हुआ था, तब यह मामला सामने आया था। तब चीन ने अमरिकी राजनीतिक अधिकारियों पर माइक्रोवेव वेपन का हमला किया होने का आरोप हुआ था।

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