’रेअर अर्थ मिनरल्स’ क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को झटके देने के लिए रशिया की गतिविधियां

rare-earths-mineralsमॉस्को – रक्षा और तकनिकी क्षेत्र के उत्पादनों के लिए अहम घटक साबित हो रहे ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ के क्षेत्र में चीन के प्रभाव को झटका देने के लिए रशिया ने गतिविधियां शुरू की हैं। अगले कुछ महीनों में रशिया इस क्षेत्र में लगभग डेढ़ अरब डॉलर्स का निवेश करेगी, यह जानकारी रशिया के उद्योग और व्यापार उपमंत्री ऐलेक्सी बेसप्रोज़्वेनिख ने साझा की। विश्‍व के ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ के 35% से अधिक भंड़ार चीन में हैं और बीते वर्ष इस क्षेत्र के 80% से अधिक उत्पादन अकेले चीन ने किया था। रशिया में इसके 10% भंड़ार होने की बात कही जा रही है। लेकिन, जागतिक उत्पादन में रशिया का हिस्सा मात्र डेढ़ प्रतिशत हैं। इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने इस क्षेत्र में निवेश करने के संकेत देना अहम साबित होता है।

लड़ाकू विमान और मिसाइलों के साथ स्मार्टफोन, कम्प्युटर एवं इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए इस्तेमाल हो रहे ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ में विश्‍व के चुनिंदा 17 खनिजों का समावेश है। इनमें निओडायनिम, सेरियम, समारियम, निओबियम, लैन्थेनम जैसे खनिज़ शामिल हैं और चीन, जापान, अमरीका और यूरोप में इन खनिजों का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। कुछ वर्ष पहले जापान के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर चीन ने इस संवेदनशील खनिजों की निर्यात रोककर जापान को झटका दिया था। बीते दो वर्षों से अमरीका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध में भी अमरीका को हो रही इन खनिजों की निर्यात चीन रोकेगा, यह ड़र व्यक्त किया जा रहा था। फिलहाल अमरीका के लिए ज़रूरी ‘रेअर अर्थ खनिजों’ की 80% आयात चीन से हो रही है।

rare-earthsबीते वर्ष जून महीने में अमरिकी रक्षा विभाग ने एक रपट संसद में रखी थी। अमरीका को इन संवेदनशील खनिजों की कमी महसूस ना हो, इसलिए अतिरिक्त निधी उपलब्ध कराने की आवश्‍यकता है और संबंधित कंपनियों को आपात समय के लिए भंड़ार रखने के निर्देश देने का सुझाव इस रपट में दिया गया था। साथ ही चीन के अलावा अन्य देशों के विकल्पों की जाँच करें और माँग पूरी करने के लिए तेज़ कदम उठाने के निर्देश भी इस रपट में दिए गए थे। इसके बाद अमरीका ने ‘रेअर अर्थ इनिशिएटिव’ का ऐलान करके इसके लिए ऑस्ट्रेलिया और ब्राज़िल के साथ नौं देशों ने सहयोग करने की तैयारी घोषित की थी। अमरीका के इस प्रस्ताव में रशिया का समावेश नहीं था।

इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने चीन को ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ क्षेत्र में चुनौती देने के लिए गतिविधियां शुरू करना अहम साबित होता है। रशियन मंत्री ऐलेक्सी बेसप्रोज़्वेनिख ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार अगले दिनों में रशिया 11 अलग अलग परियोजनाओं में डेढ़ अरब डॉलर्स का निवेश करेगी। इससे संबंधित प्रस्ताव विदेशी कंपनियों के लिए खुला होने के संकेत भी रशियन मंत्री ने दिए। नए निवेश के माध्यम से अगले दशक में ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ उत्पादन में रशिया का हिस्सा 10% तक बढ़ाने का उद्देश्‍य रखा गया है। वर्ष 2026 से रशिया इन खनिजों की निर्यात शुरू करेगी, यह दावा भी रशियन उपमंत्री ने किया है।

Alexei-Besprozvannykhरशिया और चीन यह मित्रदेश हैं और जागतिक स्तर पर अमरीका के विरोध में मोर्चा बनाने के लिए दोनों देशों ने पहल की है। इंधन, अंतरिक्ष, चलन व्यवहार जैसे कई क्षेत्रों में दोनों देशों में सहयोग मज़बूत होने की बात बीते कुछ वर्षों में दिखाई पड़ी है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों में विभिन्न मुद्दों पर मतभेद होने की बात भी सामने आ रही है और रशिया चीन पर नाराज़ होने के संकेत अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों से दिए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में चीन के प्रभाववाले क्षेत्र में रशिया ने स्वतंत्र तरीके से अतिरिक्त निवेश करने के संकेत देना ध्यान आकर्षित करनेवाली बात साबित होती है।

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