‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ पुस्तक का प्रकाशन समारोह संपन्न

मुंबई, दि. ३०: ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह ब्रह्मर्षी जैसी संस्था है| इसी कारण प्रधानमंत्री चाहे कोई भी हो, मंत्रिमंडल किसी भी पार्टी का हो, संघ को हमेशा उनके ऊपर रहना चाहिए| कुछ लेने के लिए नहीं, बल्कि कुछ देने के लिए’, ऐसे स्पष्ट विचार ‘दैनिक प्रत्यक्ष’ के कार्यकारी संपादक डॉ. अनिरुद्ध धैर्यधर जोशी ने प्रस्तुत किये| ‘विश्‍व का अद्वितीय संगठन – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ इस रमेशभाई मेहता द्वारा लिखित पुस्तक के प्रकाशन समारोह में डॉ. जोशी बात कर रहे थे| इस समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी, राज्यसभा सदस्य और एस्सेल ग्रुप उद्योगसमूह के प्रमुख डॉ. सुभाष चंद्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कोकण प्रांत के संचालक डॉ. सतीश मोढ़ और लोटस पब्लिकेशन्स के समीरसिंह दत्तोपाध्ये उपस्थित थे|

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

‘दैनिक प्रत्यक्ष’ में ‘चालता बोलता इतिहास’ इस शीर्षक के तहत ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ यह रमेशभाई मेहता की लेखमाला प्रकाशित हुई थी| लोटस पब्लिकेशन्स ने इस लेखमाला की मराठी, हिंदी, गुजराती और अँग्रेज़ी भाषा में पुस्तक प्रकाशित की होकर, उनका प्रकाशन समारोह शनिवार को पार्ले के दीनानाथ मंगेशकर नाट्यगृह में संपन्न हुआ| ‘संघ को निरपेक्ष सेवाकार्य करते हुए मैने देखा| फिर भी संघ की आलोचना की जा रही थी| यह अन्याय है, ऐसा मुझे लगा| इसी कारण ‘दैनिक प्रत्यक्ष’ में यह लेखमाला शुरू की गयी| रमेशभाई मेहता ने बड़े प्यार से यह कार्य किया’, ऐसा डॉ. अनिरुद्ध जोशी ने आगे कहा|

‘भारतीय संस्कृति का पतन हो रहा है ऐसा आक्रोश किया जाता है| लेकिन भारतीय संस्कृति की जड़ें इतनी मज़बूत और मूल्य इतने चिरंतन हैं कि उन्हें कोई भी मिटा नहीं सकता| कपड़ें, फ़ॅशन बदल सकते हैं, लेकिन इनके अनुसार भारतीय संस्कृति नहीं बदलती| बाह्य दिखावे की भारतीय संस्कृति को कभी भी ज़रूरत महसूस नहीं हुई| भारतीय संस्कृति हर भारतीय के मन में समान रूप से प्रतिष्ठित है| इसी कारण, चाहे कितने भी आक्रमण क्यों न हो जायें, संकटों के चाहे कितने भी पहाड़ क्यों न टूटें, फिर भी भारतीय संस्कृति यह सब झेलते हुए फिर से खड़ी रहती है| गणेशजी के सामने हम सब शिवजी, पांडुरंग और माँ दुर्गा की भी आरती करते हैं, क्योंकि ये सारे एक ही हैं, यह हमें मान्य होता है| इसके लिए किताबें नहीं पढ़नी पड़तीं, यह भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है’, इस पर डॉ. अनिरुद्ध जोशी ने ग़ौर फ़रमाया|

गोळवलकर गुरुजी और डॉ. हेडगेवार ने ‘माँ जगदंबा’ और ‘भारतमाता’ में कोई भी फ़र्क़ नहीं किया| गोळवलकर गुरुजी के विचार संघ के लिए केवल मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि वे संघ के लिए कॉन्स्टिट्युशन (गाइड़िंग प्रिन्सिपल्स्) साबित होते हैं, ऐसा कहते हुए डॉ. जोशी ने, ‘गोळवलकर गुरुजी के विचारों के अनुसार संघ की शाखाओं को सर्वाधिक महत्त्व दिया जाये’ ऐसी उम्मीद जतायी| ‘आज संघ की शाखाएँ बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाता है| वैसे ही, इन शाखाओं की गुणात्मक वृद्धि करने को प्राथमिकता दी जाये’ ऐसा मत डॉ. अनिरुद्ध जोशी ने प्रस्तुत किया|

विश्‍व का अद्वितीय संगठनराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ इस पुस्तक की, डॉ. अनिरुद्ध जोशी द्वारा लिखित प्रस्तावना हर एक ने आज ही पढ़नी चाहिए, ऐसा आवाहन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईकजी ने किया| इस प्रस्तावना के दो परिच्छेद इसी दौरान राम नाईक ने पढकर दिखाये| साथ ही, ‘रमेशभाई मेहता ने इस पुस्तक में संघ की स्थापना से लेकर सन १९९६ तक के कालखंड का संघ का प्रवास दिया है| इसके आगे का भी संघ का प्रवास रमेशभाई पुस्तक के रूप में, पढ़नेवालों के सामने लायें’ ऐसा आवाहन इस समय राम नाईकजी ने किया| इस अवसर पर बात करते हुए राज्यसभा के खासदार और एस्सेल उद्योगसमूह के प्रमुख डॉ. सुभाष चंद्रा ने, संघ इस देश का संस्कार बना है, यह बताते हुए, किसी भी फायदे या सम्मान की अपेक्षा से काम न करनेवाले संघ के पदाधिकारियों के उदाहरण दिये| वहीं, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने, संघ के बारे में समाज में बडी मात्रा में गलतीफहमी फैलती चली जा रही है, ऐसा अफसोस जताया|

‘सामाजिक समता और समरसता, आर्थिक समता के लिए वचनबद्ध होते हुए भी संघ के समर्थकों के खिलाफ समाज में दुष्प्रचार का ज़हर फैलाया गया| ऐसी गलतफ़हमियाँ यानी संघ के सामने चुनौती होकर, उन्हें दूर करने के लिए स्वयंसेवकों को अपने आचरण के माध्यम से अधिक प्रयास करनी होंगे’, ऐसा गडकरी ने कहा| ‘संघ का सभी क्षेत्रों में ज़ोरदार कार्य शुरू है| यह कार्य मीडिया द्वारा समाज तक पहुँचाने में हम ही कम साबित हुए| लेकिन संघ के विचारों से प्रेरणा लेकर, शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यक्तिनिर्माण इन क्षेत्रों में लिए किये जानेवाले कार्य का असर निश्‍चित रूप से सामने आयेगा| जिस मात्रा में संघ का कार्य आगे बढ़ेगा, उसी मात्रा में देश का गुणात्मक विकास होगा, ऐसा भरोसा नितीन गडकरी ने इस दौरान जताया है|

डॉ. अनिरुद्ध जोशी ने मुझे संघ का इतिहास लिखने की प्रेरणा दी, ऐसा इस अवसर पर रमेशभाई मेहता ने कहा| ‘संघ का इतिहास प्रस्तुत करने से पहले मैंने पहले इस पुस्तक में देश का इतिहास प्रस्तुत किया| हमारा इतिहास निराश करनेवाला नहीं, बल्कि गौरवशाली है| ऐसा होने के बावजूद भी, हमारे सामने विदेशी आक्रमकों द्वारा लिखा गया इतिहास लाया जाता है’ ऐसा अफसोस इस समय रमेशभाई मेहता ने जताया| ‘इसी कारण सच्चे इतिहास की धरोहर हमें आगे की पीढ़ी के हाथों में सौंपनी चाहिए’ ऐसा रमेशभाई मेहता ने इस वक्त कहा|

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी इस समारोह में उपस्थित रहनेवाले थे| लेकिन स्वास्थ्यसंबंधी कारणों से अनुपस्थित रहे भैय्याजी जोशी का, शुभकामनाएँ देनेवाला संदेश डॉ. सतिश मोढ ने पढ़कर सुनाया|

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