भारत में रह रहे रोहिंग्या घुसपैठी शरणार्थियों की बांगलादेश की ओर दौड

नई दिल्ली: भारत में घुसपैठ कर के अवैध तरीके से रहनेवाले लगभग १,३०० रोहिंग्या ने इस वर्ष के शुरूआत में ही बांगलादेश में पलायन किया है| भारतीय यंत्रणा कब्जे में लेकर हमे म्यानमार के हवाले करेगी, इस डर से इन रोहिंग्या शरणार्थियों ने इतनी बडी संख्या में बांगलादेश की ओर दौड लगाई है, यह बताया जा रहा है| भारत में लगभग ४० हजार रोहिंग्याओं ने शरणार्थी अवैध रास्ते से घुसपैठ की है और उन्हें वापीस उनके देश भेजने के बारे में केंद्र सरकार ने किए निर्णय के विरोध में सर्वोच्च अदालत में याचिका दाखिल की गई है| फिर भी अबतक दो बार कुछ शरणार्थियों को म्यानमार के हवाले किया गया है|

भारत, रह रहे, रोहिंग्या, घुसपैठी, शरणार्थियों, बांगलादेश, ओर, दौडकुछ हफ्तों पहले भारतीय यंत्रणा ने पांच रोहिंग्याओं को म्यानमार के हवाले किया था| उसके पहले सात लोगों को म्यानमार वापीस भेजने का निर्णय केंद्र सरकार ने किया था| उसके बाद भारत में घुसपैठक करके रहनेवाले रोहिंग्या शरणार्थियों में घबराहट निर्माण हुई थी| भारतीय यंत्रणा हमें दुबारा म्यानमार के हवाले करेंगे, इस डर से लगभग १,३०० रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांगलादेश में पलायन किया था| जनवरी महीने के पहले कुछ दिनों में ही यह होने की जानकारी अधिकारी ने दी|

भारत से बांगलादेश पहुंचे इन रोहिंग्याओं में लगभग ३०० परिवारों का समावेश होने की बात इस अधिकारी ने कही| इन शरणार्थियों को बांगलादेश में कॉक्स बाजार में बनाई शरणार्थी शिवीर में रखा गया है| भारत में भी भी लगभग ४० हजार रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे है और उन्हें भी म्यानमार भेजने की तैयारी केंद्र सरकार ने की थी| लेकिन कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय के विरोध में भूमिका अपनाई है और साथ ही इस निर्णय को सर्वोच्च अदालत में चुनौती देने के लिए याचिका दाखिल की है|

अवैध तरीके से देश में घुसपैठ किए हुए रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देना यानी भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बनाना होगा, यह केंद्र सरकार का कहना है| साथ ही ईशान्य के राज्यों में रोहिंग्या शरणार्थी और बांगलादेश से अवैध तरीके से पहुंच रहे शरणार्थियों की वजह से वहां की समाजरचना एवं व्यवस्था को झटके लगेंगे, यह चिंता व्यक्त की जा रही है| केंद्र सरकार ने भी इस परिस्थिति पर गंभीरता से ध्यान देकर रोहिंग्या शरणार्थियों को वापीस म्यानमार भेजने की तैयारी शुरू की है|

भारत को शरणार्थियों की राजधानी बना नही सकते, यह कहकर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत में इस संबंधी अपनी भूमिका रखी थी|

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