इराक के बगदाद में स्थित अमरिकी दूतावास के निकट हुए राकेट हमलें

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

बगदाद – इराक की राजधानी बगदाद में अमरिकी दूतावास समेत अन्य अहम दफ्तर होनेवालेग्रीन झोनपर फिर से राकेट हमला हुआ है| अतिसंरक्षित वर्ग के इस क्षेत्र में रविवार के दिन भोर होने से पहले करीबन .२४ बजे राकेट हमला हुआ| इस हमले में किसी भी तरह का नुकसान नही हुआ है| साथ ही इस हमले की जिम्मेदारी अभी किसी भी संगठन ने नही उठाई है| पर, इस राकेट हमले की वजह से अमरिका और इराक की चिंता में बढोतरी हुई है|

ईरान के जनरल कासेम सुलेमानी को अमरिका ने बगदाद में ही हवाई हमला करके ढेर किया था| इसके बाद इराक में तैनात अपनी सेना अमरिका हटाए, यह मांग रखनेवाला प्रस्ताव इराक की संसद ने पारित किया था| इस मुद्दे पर इराक में कडे मतभेद बने है| इराकी की सरकार ने यह मांग रखने के बाद भी अमरिका ने इराक में तैनात अपनी सेना हटाने से इन्कार किया था| साथ ही इराक को गंभीर चेतावनी भी दी थी| तभी, इराक में मौजूद ईरान समर्थक संगठनों ने अमरिकी सेना पीछे हटने तक हमलें करने की चेतावनी दे रही है

इसी पृष्ठभूमि पर राजधानी बगदाद में स्थित अतिसुरक्षितग्रीन झोनको लक्ष्य करने के लिए कत्युशा राकेटस् के हमलें किए जा रहे है| रविवार के दिन हुए इस राकेट हमलें के वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किए गए है और इस राकेटस् हमलों के बाद भडकी आग और उठता धुंवा वीडियो में स्पष्ट नजर रहा है| इससे जुडी अधिक जानकारी देते समय इराक में स्थित अमरिकी सेना के प्रवक्ता ने यह हमला होने की बात स्वीकारी| पर, इस हमले में किसी भी प्रकार का नुकसान नही हुआ है, यह भी स्पष्ट किया गया| वही, इराकी सेना ने भी इस हमले में नुकसान ना होने की बात कही है|

फिर भी, यह हमलें अमरिका की चिंता में बढोतरी करनेवाले साबित हो रहे है| इससे पहले इराक में स्थित अमरिकी अड्डों पर हुए हमलों पर अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने कडी चिंता जताई थी| इस बारे में उन्होंने इराक की सरकार से बातचीत करके कडी चेतावनी भी दी थी| यदि इराक की सरकार को अमरिका के हितसंबंधों की रक्षा करना संभव नही हो रहा है तो अमरिका स्वयं ही जरूरी कार्रवाई करेगी| पर, ऐसा करना किसी के भी हित में नही रहेगा, यह इशारा विदेशमंत्री पोम्पिओ ने दिया था| इसके बाद इराक की सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था में बढोतरी करने का निर्णय किया था|

फिलहाल इराक से अमरिका की सेना पीछे हटाने के मुद्दे पर कडे मतभेद बने है| इराक में फिलहाल ईरान समर्थक सरकार सत्ता में होने की आलोचना करके जनता इस सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रही है| इराक पर बना ईरान का प्रभाव खतरनाक है और इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे, ऐसा इन प्रदर्शनकारियों का दावा है| तभी, इराक में स्थित ईरान समर्थक गुट अमरिकी सेना पीछे हटाने की मांग कर रहे है| इस मसले पर बने कडे मतभेदों की वजह से इराक सियासी संकट में फंसता दिख रहा है, तभीग्रीन झोनपर हो रहे राकेट हमलें इस देश की अराजकता में और भी बढोतरी कर रहे है|

इराक में अमरिकी दूतावास या लष्करी अड्डे पर हमला हुआ तो और इसमें अमरिका का थोडा भी नुकसान हुआ तो अमरिका कार्रवाई करने में जरा भी हिचकिचाएगी नही, ऐसी कडी चेतावनी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने पहले ही दी है| इस वजह से इराक में ईरान समर्थक हथियारी गुटों को लक्ष्य करने का निर्णय अमरिका कर सकती है, ऐसे संकेत?भी प्राप्त हो रहे है| साथ ही कासेम सुलेमानी पर अमरिका ने की कार्रवाई से क्रोधित हुए ईरान समर्थक गुट तो अमरिका के साथ निर्णायक युद्ध करने की बयानबाजी कर रहे है| साथ ही सीरिया में ईरान को रोकने की जिम्मेदारी इस्रायल ने और इराक में ईरान को रोकने का काम अमरिका ने स्वीकारा है, यह दावा इस्रायल के नेता कर रहे है|

इसी वजह से अगले दिनों मेंग्रीन झोनया अन्य जगह पर अमरिकी हितसंबंधों पर हुए हमले के पीछे ईरान या ईरान समर्थक गुट होने की बात स्पष्ट होती है तो इसके बाद ईरान को झटका देनेवाला निर्णय अमरिका कर सकती है| रविवार के दिन ग्रीन झोन पर हुए राकेट हमले ने यह संभावना और भी बढाई दिख रही है|

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