इराक स्थित अमरीका के अड्डे पर रॉकेट हमले – हमले के पीछे ईरान से जुड़े गुट होने की आशंका

बगदाद – इराक स्थित ‘अइन अल-अस्साद’ हवाई अड्डे पर बुधवार को भी सेंड रॉकेट हमले हुए। अमरीका के अड्डे पर हुए इस हमले में एक कांट्रेक्टर की मृत्यु हुई। साल भर पहले अमरीका ने इराक में किए ड्रोन हमले में ईरान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी मेजर जनरल कासेम सुलेमानी को मार दिया था। उसके बाद ईरान ने इसी हवाई अड्डे पर रॉकेट हमले किए थे। दो ही दिन पहले ईरान में उन हमलों का वीडियो जारी किया था। उसके बाद फिर एक बार इसी हवाई अड्डे पर हुए हमले के पीछे ईरान अथवा ईरान से जुड़े आतंकवादी गुट होने की गहरी आशंका जताई जाती है।

iraq-us-base-attacksबुधवार को सुबह सात बजकर बीस मिनट पर इराक के अन्बर प्रांत स्थित अल-अस्साद हवाई अड्डे पर लगातार दस रॉकेट हमले हुए। राजधानी बगदाद से नजदीक होनेवाले इस हवाई अड्डे पर हुए इन हमलों में एक कार का नुकसान होने का दावा किया जाता है। यहाँ के अमरीकी लष्कर के प्रवक्ता ने दी जानकारी के अनुसार, अमरीका के जवान सुरक्षित हैं। लेकिन लष्करी अड्डे के पास होनेवाले एक कांट्रेक्टर की इस हमले में मृत्यु हुई है।

iraq-us-base-attacksदो हफ्ते पहले इराक के इरबिल प्रांत में अमरीका के लष्करी अड्डे पर हुए रॉकेट हमले में भी एक कांट्रेक्टर की ही मृत्यु हुई थी। पिछले महीने में हुए हमले के लिए, इराक स्थित ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठन जिम्मेदार होने का आरोप किया गया था। बुधवार के रॉकेट हमलों के पीछे भी, इराक में प्रभाव होने वाला ‘पॉप्युलर मोबिलायझेशन फोर्सेस’ यह ईरान से जुड़ा आतंकवादी संगठन होने की संभावना जताई जाती है।

इराक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाब नूरी मलिकी ने पॉप्युलर मोबिलायझेशन फोर्सेस (पीएमएफ) की स्थापना की है। वही कामा पिछले साल अमरीका के ड्रोन हमले में कासेम सुलेमानी के साथ मारे गए लोगों में अबू महदी अल-मुहानदिस यह भी इसी संगठन के हथियारबंद गुट का कमांडर था। ‘पीएमएफ’ यह आतंकवादी संगठन होने का आरोप अमरीका कर कर रही है। अमरीका के लष्करी अड्डों पर हुए हमलों के साथ ही, बगदाद स्थित अमरिकी दूतावास के बाहर हुए हिंसक प्रदर्शनों में भी इस संगठन के कमांडरों ने सहभाग लिया था।

iraq-us-base-attacksसुलेमानी और मुहानदिस यह इराक तथा सीरिया में आतंकवादी नेटवर्क का गठन कर रहे थे। साथ ही, ये दोनों भी इस क्षेत्र में होनेवाले अमरीका के हितसंबंधों के लिए खतरनाक होने का आरोप करके, पिछले साल जनवरी महीने में अमरीका ने ड्रोन की कार्रवाई की थी। सुलेमानी मारे जाने के कारण खौले हुए ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्ड्स ने, इराक स्थित अमरीका के अल-अस्साद हवाई अड्डे पर १५ से अधिक कियाम, फतेह इन चित्रों के हमले किए थे। इस हमले में कम से कम ११० अमरिकी जवान ज़ख्मी हुए थे। उसके बाद भी ईरान तथा ईरान से जुड़े आतंकियों ने, इराक में अमरीका के जवान, दूतावास और लष्करी अड्डों को लक्ष्य करनेवाले हमले जारी रखे हैं।

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