ईरान के साथ हुए एटमी समझौते से पीछे हटने के लिए – अमरिका ने रखा प्रस्ताव यूरोपीय महासंघ ने ठुकराया

Third World Warम्युनिक: वर्ष २०१५ में ईरान के साथ किए गए? एटमी समझौते से बाहर नही होने का ऐलान यूरोपीय महासंघ और जर्मनी ने किया है| चीन का आदर्श सामने रखकर अमरिका हमसें बात करे, ऐसा प्रस्ताव जर्मनी के विदेश मंत्री ‘हैको मास’ इन्होंने रखा था| इस दौरान, पोलंड में हुई बैठक में अमरिका के उप-राष्ट्राध्यक्ष ‘माईक पेन्स’ इन्होंने यूरोपीय देशों को ईरान के साथ किए एटमी समझौते से बाहर होकर अमरिका ने जारी किए प्रतिबंधों का सम्मान करने के लिए निवेदन किया था|

ईरान, एटमी समझौते, पीछे हटने, अमरिका, रखा, प्रस्ताव, यूरोपीय महासंघ, ठुकरायावार्सा में अमरिका ने बुलाई बैठक में ईरान के विरोध में सभी देश एक हो, ऐसी मांग अमरिका ने रखी थी| इस्रायल और खाडी देशों ने अमरिका के इस मांग का समर्थन करके ईरान के विरोध में मोर्चा बनाने के संकेत दिए| लेकिन, अमरिकी उप-राष्ट्राध्यक्ष पेन्स इन्होंने रखे संबंधी प्रस्ताव पर यूरोपीय महासंघ ने विरोध जताया| उसके बाद पेन्स इन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत करते समय यूरोपीय देशों को इसके आगे के परीणामों के बारे में भी चेतावनी दी|

अमरिकी विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ इन्होंने महासंघ की विदेश नीति की प्रमुख फ्रेडरिका मोघेरिनी इनसे स्वतंत्र भेंट करके ईरान के साथ किए समझौते से पीछे हटने के मुद्दे पर चर्चा भी की थी| लेकिन, यह चर्चा सफल नही हो सकी है और महासंघ और सदस्य देश ईरान के साथ किए समझौते के साथ रहने पर कायम है| शुक्रवार के दिन म्युनिक में हुई अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बैठक में महासंघ के अधिकारियों ने एवं जर्मनी के विदेश मंत्री मास ने उजागर तौर पर अमरिका ने रखा प्रस्ताव ठुकराया|

जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रान्स और यूरोपीय महासंघ ईरान के साथ किए एटमी समझौते पर कायम है और यह समझौता ईरान को परमाणू हथियार बनाने से दूर रख सकता है, यह दावा ‘मास’ इन्होंने किया| इस समझौते से वापसी की तो खाडी और यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा बनेगा, यह दावा जर्मनी के विदेश मंत्री ने किया| साथ ही ‘अमरिका ने रखा प्रस्ताव ठुकराकर और इस समझौते पर कायम रहकर यूरोपीय महासंघ और अन्य सदस्य देशों को पश्‍चिमी देशों में दरार नही बनानी है| लेकिन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर रहे चीन की तरह अमरिका भी ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुद्दों का हल निकाल ने के लिए अपने सहयोगी देशों के साथ मेल करने की तैयारी रखे, ऐसा मास इन्होंने कहा है|

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