सरकारी बॉन्ड में सीधे निवेश करना आम निवेशकों को भी होगा संभव – रिज़र्व बैंक का ऐलान

नई दिल्ली – ‘आरबीआय’ द्वारा ब्याज दरों में बदलाव होने की संभावना कम होने का अनुमान आर्थिक विशेषज्ञों ने पहले ही व्यक्त किया था। यह अनुमान सच साबित करके ‘आरबीआय’ ने ब्याजदर में कोई बदलाव नहीं किया है। ‘आरबीआय’ के द्वैमासिक पतधोरण की बैठक में यह निर्णय किया है। साथ ही आम निवेशकों को भी ‘आरबीआय’ में ‘गिल्ट’ खाता खोलने की अनुमति प्रदान की जाएगी और इस वजह से सरकारी बॉन्ड में आम और छोटे निवेशकों को सीधे निवेश करने का अवसर प्राप्त होगा। इस तरह से छोटे निवेशकों को सीधे सरकारी बॉन्ड खरीदने की अनुमति प्रदान करनेवाला भारत पहला देश बना है। सरकारी बॉन्ड द्वारा सरकार प्रति वर्ष बाज़ार से लाखों करोड़ रुपयों का कैपिटल खड़ा करती है। अप्रैल से शुरू हो रहे नए आर्थिक वर्ष में सरकार १२ लाख करोड़ रुपयों के बॉन्ड बाज़ार में उपलब्ध कराएगी। इस पृष्ठभूमि पर यह ऐलान अहमियत रखता है।

सरकारी बॉन्ड

देश का बॉन्ड मार्केट लाखों करोड़ रुपयों का है और इस बाज़ार में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारां प्रतिवर्ष जारी होनेवाले बॉन्ड का हिस्सा काफी बड़ा रहता है। छोटे आम निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में सीधे निवेश करने की अनुमति नहीं है। सिर्फ मुंबई शेअर बाज़ार और राष्ट्रीय शेअर बाज़ार, निफ्टी के गोबिड़ प्लैटफॉर्म के ज़रिये सरकारी बॉन्ड में कारोबार करने के लिए आम निवेशकों को अनुमति है। म्युच्युअल फंड कंपनियां, भविष्य निर्वाह निधी, बिमा कंपनियां, बैंक और पेंशन फंड्स सरकारी बॉन्ड की सीधे खरीद-बिक्री कर सकते हैं। फॉरेन पोर्टफोलिओ यानी विदेशी निवेशक (एफपीआय) को भी कुछ हद तक इन बॉन्ड की खरीद-बिक्री करने की अनुमति है।

लेकिन, अब आम निवेशकों के लिए भी सरकारी बॉन्ड में निवेश करने के लिए दरवाज़े खोले जा रहे हैं। विश्‍व के अधिकांश देशों में आम निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति नहीं है। ब्रिटेन, ब्राज़िल, हंगेरी जैसे देशों में छोटे निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति है, लेकिन यह निवेश थर्ड पार्टी द्वारा होता है। इस वजह से भारत में छोटे निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में निवेश करने के लिए दी जा रही अनुमति एक क्रांतिकारक कदम साबित होगी, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।

इसके अनुसार ‘आरबीआय’ में ‘गील्ट सिक्युरिटी अकाउंट’ (रिटेल डायरेक्ट) खोलने के बाद यह सुविधा आम ग्राहकों को उपलब्ध होगी। प्रायमरी और सेकंडरी ऐसे दोनों बाज़ारों में आम निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में निवेश करने का रास्ता खुलेगा। इससे छोटे निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

सरकारी बॉन्ड की ओर सुरक्षित और अच्छा लाभ देनेवाले निवेश के तौर पर देखा जाता है। तीन से दस वर्षों के लिए सरकारी बॉन्ड से सालाना दस प्रतिशत लाभ प्राप्त हो सकता है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने हाल ही में पेश किए हुए बजट में अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए सरकारी खर्च में बढ़ोतरी की है। इसके लिए १२ लाख करोड़ रुपये कर्ज की आवश्‍यकता है और यह रकम सरकार कर्ज के माध्यम से प्राप्त करेगी। यह राशि बॉन्ड के माध्यम से बाज़ार से प्राप्त की जाएगी। अगले छह महीनों में ६ लाख करोड़ रुपये सरकार बॉन्ड से प्राप्त करेगी। इसके लिए मई महीने से हर हफ्ते ३० हज़ार करोड़ रुपयों के गील्ट सरकार उपलब्ध कराएगी, ऐसी खबरें हैं।

विकास कार्यों को गति प्रदान की गई है। इन विकास कार्यों के लिए भी बॉन्ड के माध्यम से ही केंद्र सरकार और राज्य सरकारें आर्थिक प्रावधान करती हैं। ऐसे में आम निवेशकों को भी सरकारी बॉन्ड में सीधे कारोबार करने की अनुमति प्रदान की जा रही है, ऐसा ‘आरबीआय’ ने किया ऐलान अहमियत रखता है।

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