रशिया-जर्मनी के ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ ईंधन परियोजना पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमरिकी सिनेट की मंजुरी

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वॉशिंग्टन – रशिया और जर्मनी के बीच बिछाई जा रही नार्ड स्ट्रीम २गैस पाइपलाईन परियोजना पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर अमरिकी सिनेट ने मुहर लगाई है| अमरिकी संसद के दोनों सभागृह में इन प्रतिबंधों को मंजुरी मिलने के बाद अब राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे| इस वजह से नॉर्ड स्ट्रीम २से जुडी सरकार और कंपनियों पर कार्रवाई करना अमरिका को मुमकिन होगा| इस वजह से रशिया के साथ ही जर्मनी एवं अन्य यूरोपिय देसों के साथ बने अमरिका के संबंधों में और भी दरार बनेगी|

अमरिका का चीन के साथ शुरू व्यापारयुद्ध अब रुका है और चीन को अपनी मांगे स्वीकारने के लिए अमरिका ने विवश किया दिख रहा है| इस मुद्दे पर हुई प्राथमिक बातचीत सफल होने के बाद चीन ने अमरिकी उत्पादों पर लगाए कर हटाने का ऐलान किया| इसके बाद अमरिका ने यूरोपिय देशों की ओर अपना रुख किया है| यूरोपिय देशों से अमरिका में निर्यात हो रहे उत्पादों पर करीबन १०० प्रतिशत तक कर वसुलने के संकेत अमरिका ने दिए है| साथ ही रशिया के साथ ईंधन सहयोग करनेवाले यूरोपिय देशों के विरोध में अमरिका ने आक्रामकता दिखानी शुरू की है

मंगलवार के दिन रशिया और जर्मनी के बीच करीबन ११ अरब डॉलर्स की नॉर्ड स्ट्रीम २परियोजना पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव अमरिकी सिनेट ने बहुमत के साथ पारित किया| अब इस पर राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के हस्ताक्षर होंगे| इसके बाद इस परियोजना से जुडे सभी देश एवं कंपनियों की जनाकारी प्राप्त करने के लिए प्रशासन को ६० दिनों का अवसर प्रदान होगा| इसके बाद इस परीयोजना से पीछे हटने के लिए संबंधित कंपनियों को ३० दिनों का अवसर प्रदान किया जाएगा| इस दौरान पीछे ना हटने पर संबंधित कंपनियों पर अमरिका के प्रतिबंध जारी होंगे|

रशिया और जर्मनी की इस गैर पाइपलाईन परियोजना को अमरिका काफी पहले से विरोध कर रही है| रशिया यूरोपिय देशों को ईंधन प्रदान करने के लिए उत्सुक है और ईंधन का सियासी उद्देश्य के लिए हथियारों की तरह इस्तेमला करने की कोशिश में होने का दावा अमरिका कर रही है| यूरोपिय देश ईंधन की जरूरत पुरी करने के लिए रशिया पर निर्भर हुए तो, इसका सियासी एवं सामरिक स्तर पर विपरित परिणाम सामने आएंगे, यह चेतावनी अमरिका ने पहले भी कई बार दी थी|

इसी कारण से इस परियोजना का जर्मनी हिस्सा ना हो, यह इशारा अमरिका दे रही थी| इस चेतावनी के बावजूद जर्मनी ने यह परियोजना पूरी करने की कोशिश जारी रखने पर अमरिका ने प्रतिबंधों का हथियार निकाला है| रशिया और जर्मनी के बीच बाल्टिक समुद्र के तल पर यह ईंधन पाइपलाईन बिछाने का प्लैन है| स्वित्झर्लैंड की एक कंपनी को रशिया के गैझप्रोम कंपनीने इस परियोजना का कान्ट्रैक्ट प्रदान किया है| स्वित्झर्लैंड की कंपनी को अमरिका के प्रतिबंधों का सबसे अधिक झटका लगेगा, यह बातचीत हो रही है|

इसी बीच, पिछले हफ्ते में जर्मनी के विदेशमंत्री हैको मास ने अमरिका यूरोपिय देशों की ईंधन संबंधित नीति में हस्तक्षेप ना करें, यह निवेदन किया था| ‘हमारी ईंधन संबंधित नीति में अमरिका का हस्तक्षेप करना बर्दाश्त नही करेंगे| यूरोप की नीति, सीर्फ यूरोप की रहें, यही अच्छा होगा, यह बात भी जर्मन विदेशमंत्री ने रखी थी|

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