अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों से भी ईरानी सरकार का ढीला व्यवहार अधिक भयंकर – ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु की तीव्र आलोचना

तेहरान: ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु अयातुल्लाह खामेनी और राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी के बीच का विवाद नए सिरे से दुनिया के सामने आया है। अमरिका ने लगाए नए कठोर प्रतिबन्ध ईरान की अर्थव्यवस्था के लिए उपकारक निश्चित नहीं हैं। लेकिन इन प्रतिबंधों से भी ईरान की सरकार का ढीला आर्थिक व्यवहार अर्थव्यवस्था के लिए अधिक खतरनाक होने की तीव्र आलोचना आयातुल्ला खामेनी ने कि है। ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनी ने रोहानी की राजनीतिक, आर्थिक नीतियों की आलोचना करने की यह पहली बारी नहीं है। इसके पहले भी खामेनी ने राष्ट्राध्यक्ष रोहानी की सरकार को लक्ष्य बनाया था।

पिछले हफ्ते अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर नये प्रतिबंधों की घोषणा की। ईरान की राजनीति पर प्रभाव डालने वाले सर्वोच्च धार्मिक नेता खामेनी ने अमरिका के इन प्रतिबंधों पर तीव्र आलोचना की है। लेकिन उसीके साथ ही हसन रोहानी की नीतियों पर खामेनी ने सवाल उपस्थित किए हैं। ‘अमरिका के प्रतिबंधों से भी रोहानी सरकार के ढीलेपन की वजह से जनता पर दबाव आ रहा है। रोहानी सरकार ने जनता का विश्वासघात किया है, ऐसा मै नहीं कहूँगा। लेकिन रोहानी सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था को चलाने में निश्चित रूपसे बड़ी भूल हुई है’, ऐसी खामेनी ने आलोचना की है।

अमरिका, लगाए प्रतिबंधों, ईरानी सरकार, ढीला व्यवहार, भयंकर, सर्वोच्च धर्मगुरु, तीव्र आलोचना, तेहरानरोहानी की लोकनियुक्त सरकार ने अर्थव्यवस्था का कुशल नियोजन किया होता तो, अमरिका के प्रतिबंधों का जवाब देना संभव था, ऐसा खामेनी ने दावा किया है। इसके पहले रोहानी की विदेश नीति सफल न होने की आलोचना खामेनी ने की थी। लेकिन इस बार ईरान की अर्थव्यवस्था की दुरावस्था के लिए रोहानी को दोषी ठहराकर खामेनी ने ईरान में भडके आन्दोलन के लिए सरकार को दोषी ठहराया है।

अमरिका ने ईरान पर प्रतिबन्ध लगाने से पहले ही प्रतिबंधों के डर के वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था ढीली बन गई थी। अमरिका के प्रतिबंधों के डर की वजह से यूरोप की बड़ी कंपनियां ईरान के साथ व्यापार करने से पीछे हट रही हैं। अमरिका डॉलर का इस्तेमाल और सोने की खरीदारी इस पर प्रतिबन्ध लगाकर ईरान को लक्ष्य करने वाला है, ऐसी जानकारी सामने आने की वजह से ईरान की मुद्रा में रिकॉर्ड तोड गिरावट हुई है। अमरिका के एक डॉलर के लिए ईरानी जनता को लगभग सव्वा लाख रियाल देना पड़ रहा है।

ईरान की अर्थव्यवस्था की इस हालत के लिए ईरान की खामेनी-रोहानी सरकार जिम्मेदार होने का आरोप करके पिछले कुछ हफ़्तों से ईरान की जनता, व्यापारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। दस से अधिक शहरों में हजारों की संख्या में सडकों पर उतरे इन प्रदर्शनकारियों ने ‘खामेनी राजवट’ का विनाश हो’ यह घोषणाएं दी थी। ईरान की जनता में सर्वोच्च धार्मिक नेता खामेनी के खिलाफ नाराजगी बढने का दावा पश्चिमी मीडिया और विश्लेषकों ने किया था।

एक महीने पहले ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने भी इन प्रदर्शनकारियों का पक्ष लेकर ईरान में सुधारवादी नीति की आवश्यकता है, ऐसा कहकर खामेनी पर निशाना साधा था। अब खामेनी ने ढीले व्यवहार का आरोप लगाकर रोहानी को प्रत्युत्तर दिया है। लेकिन वास्तव में ईरान की जनता सरकार के व्यवहार के साथ साथ खामेनी के कट्टरवाद को भी विरोध कर रही है। उनके कट्टरवादी नीतियों की कीमत ईरान को चुकानी पड़ रही है, ऐसी आलोचना ईरान के नागरिक कर रहे हैं।

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