परमाणु समझौते में शामिल होने की ज़िम्मेदारी अमरीका की है – ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ

तेहरान – ‘परमाणु समझौते के नियमों का पालन करना है या आगे भी गैरकानूनी बर्ताव जारी रखना है, यह बात आज अमरीका को तय करनी ही होगी। परमाणु समझौते में शामिल होने की ज़िम्मेदारी अमरीका की होगी, ईरान की नहीं’, ऐसे सीधे शब्दों में ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ ने बायडेन प्रशासन को धमकाया है। ईरान पर लगाए गए सभी प्रतिबंध अमरीका को पीछे हटाने होंगे, यह ईरान की प्रमुख माँग है। लेकिन, ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए उत्सुकता दिखा रहा बायडेन प्रशासन ईरान की यह माँग पूरी नहीं कर सकता, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर ईरान के विदेशमंत्री ने बायडेन प्रशासन को इशारा दिया हुआ दिख रहा है।

nuclear-deal-usवर्ष २०१८ में अमरीका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ किए हुए परमाणु समझौते से पीछे हटने का निर्णय किया था। वर्ष २०१५ में पश्‍चिमी देशों ने परमाणु समझौते का उल्लंघन करके ईरान परमाणु अस्त्रों का निर्माण कर रहा है, यह आरोप ट्रम्प ने लगाया था। साथ ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान पर सख्त आर्थिक और व्यापारी प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन, तीन महीने पहले अमरीका की ड़ोर संभालनेवाले बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने की दिशा में तेज़ गतिविधियाँ शुरू की हैं।

इसके लिए यूरोपिय महासंघ की मध्यस्थता से वियना में बीते हफ्तों से अमरीका और ईरान की बातचीत भी जारी है। बीते तीन महीनों के दौरान अपने परमाणु कार्यक्रम में बढ़ाया युरेनियम संवर्धन और सेंट्रिफ्यूजेस की बढ़ाई संख्या ईरान को कम करनी होगी, यह माँग बायडेन प्रशासन कर रहा है। अपनी यह माँग स्वीकारने पर ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध कुछ हद तक शिथिल किए जाएँगे, यह प्रस्ताव बायडेन प्रशासन ने दिया है। लेकिन, ईरान ने इस प्रस्ताव पर बिल्कुल हामी नहीं भरी है।

ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ ने शनिवार के दिन सोशल मीडिया के माध्यम से बायडेन प्रशासन के संबंधित प्रस्ताव पर नाराज़गी व्यक्त की। ‘वियना में जारी बातचीत से वर्ष २०१५ के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिश हो रही है और ऐसे में यह सब कैसे शुरू हुआ, यह ध्यान में रखना आवश्‍यक है। तीन वर्ष पहले अमरीका के मूर्ख व्यक्ति ने परमाणु समझौते के निर्धारित अमरीका के नियमों का उल्लंघन किया। ऐसे में अब इसके आगे परमाणु समझौते के नियमों का पालन करना है या अवैध बर्ताव करना जारी रखना है, इसका निर्णय आज अमरीका को ही करना होगा। क्योंकि, परमाणु समझौते में शामिल होने की ज़िम्मेदारी ईरान पर नहीं है, बल्कि अमरीका की ही हैं’, यह बात ज़रिफ ने ड़टकर कही है।

nuclear-deal-usट्रम्प प्रशासन ने बीते तीन वर्षों के दौरान ईरान पर लगाए सभी प्रतिबंध बायडेन प्रशासन तुरंत हटाए, यह माँग ईरान बड़ी तीव्रता से कर रहा है। साथ ही वर्ष २०१५ के परमाणु समझौते में किसी भी तरह का बदलाव ना करें, यह भी ईरान ने स्पष्ट किया है। बायडेन प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए उत्सुक है। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प द्वारा लगाए गए सभी प्रतिबंध पूरी तरह से हटाना बायडेन प्रशासन के लिए मुमकिन नहीं है, ऐसा दावा पश्‍चिमी माध्यम कर रहे हैं।

इसी बीच, बीते हफ्ते में इस्रायल के सुरक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसर ने अमरीका का विशेष दौरा किया था। इस दौरे में इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख योसी कोहेन ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से मुलाकात की थी। साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर इस्रायल की भूमिका भी स्पष्ट शब्दों में सामने रखी थी।

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