म्यांमार की जुंटा हुकूमत के दमन का दायरा बढ़ा

  • मिंदात शहर के अन्न और पानी की सप्लाई रोक दी गई
  • आंदोलन को कुचलने के लिए इंटरनेट बंद करने की गतिविधियाँ
  • सेना का विरोध कर रहे १०० से अधिक राजनीतिक अफसरों का निष्कासन

म्यांमार की जुंटा हुकूमतनेप्यितौ – म्यांमार की जुंटा हुकूमत का बढ़ रहा विरोध कुचलने के लिए सेना ने अपने दमन का दायरा अधिक बढ़ाने के संकेत दिए हैं। जुंटा हुकूमत का विरोध करने में आगे रहनेवाले गुट एवं संसाधनों को लक्ष्य किया जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय दबाव भी ठुकराया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही म्यांमार की सेना ने मिंदात शहर की अन्न और पानी की सप्लाई रोक दी और इस वजह से १० हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। इसी बीच सेना के जारी अत्याचार और आंदोलन को प्राप्त हो रहे समर्थन की जानकारी बाहर ना पहुँचे, इस उद्देश्‍य से इंटरनेट बंद करने की गतिविधियाँ भी शुरू हुई हैं।

म्यांमार की सेना ने फ़रवरी में विद्रोह करके सत्ता का नियंत्रण हथियाया था। सेना के इस निर्णय का विरोध करने के लिए म्यांमार की जनता ने सड़कों पर उतरकर जनतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू किया था। सेना की जारी क्रूर गतिविधियाँ और भीषण अत्याचारों के बावजूद म्यांमार की जनता पीछे नहीं हटी है। बीते तीन महिनों से अधिक समय से हो रहे इन प्रदर्शनों की तीव्रता अभी कायम है और इसका दायरा अधिक से अधिक बढ़ता हुआ दिख रहा है। इस वजह से बेचैन हुई जुंटा हुकूमत ने अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए अधिक दमन करने का विकल्प अपनाया दिख रहा है।

म्यांमार की जुंटा हुकूमत का विरोध कर रहे इलाकों में ‘चिन स्टेट’ प्रांत सबसे आगे है। इस प्रांत की जनता ने सेना से सीधा संघर्ष शुरू किया है और यह लोग सेना के दलों को लगातार लक्ष्य कर रहे हैं। यह विरोध खत्म करने के लिए सेना ने इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में हवाई हमले किए थे। लेकिन, फिर भी जनता का जारी संघर्ष अभी भी कायम होने से सेना ने अब लोगों का दाना-पानी बंद करने का निर्णय किया है। कुछ दिन पहले से ही सेना ने चिन स्टेट के मिंदात शहर के पानी और अन्न की सप्लाई पूरी तरह से बंद की हैं। इस वजह से शहर के हज़ारों नागरिक अपने घर छोड़कर जंगलों में आश्रय लेने के लिए मजबूर होने की बात सामने आयी है।

म्यांमार की जुंटा हुकूमतम्यांमार के आंदोलन में इंटरनेट की भूमिका बड़ी अहम साबित होने की बात स्पष्ट होते ही जुंटा हुकूमत ने इसे बंद करने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। सोशल मीडिया और बाहरी दुनिया से संपर्क बनानेवाली वेबसाईट्स बंद करके सिर्फ देश में ‘इंट्रानेट’ शुरू करने के लिए म्यांमार की सेना की कोशिश जारी होने का दावा अंतरराष्ट्रीय गुट ने किया है। जुंटा हुकूमत की जारी इन कोशिशों का विदेशी कंपनियों ने कड़ा विरोध किया है और ऐसी कोशिशों की वजह से अर्थव्यवस्था को अधिक झटके लगेंगे, यह इशारा भी दिया है।

इसी बीच सेना ने उनका विरोध करनेवालों का निष्कासन करना शुरू किया है। बीते कुछ दिनों में विदेश में कार्यरत म्यांमार के राजनीतिक अफसरों ने सेना के विरोध में आक्रामक बयान करके इन प्रदर्शनों का समर्थन किया था। इसमें राजदूतों के साथ वरिष्ठ राजनीतिक अफसरों का भी समावेश था। जुंटा हुकूमत ने ऐसे १०० से अधिक राजनीतिक अफसरों का निष्कासन किया है।

बीते तीन महीनों से भी अधिक समय से हो रहे प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सेना ने हिंसक कार्रवाई भी शुरू की है और इससे अब तक ८०७ लोग मारे गए हैं। इसी के साथ गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़कर ४,२०० तक जा पुहँची होने की जानकारी स्थानीय गुटों ने साझा की है।

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