कोरोना वायरस और वुहान लैब के ताल्लुकात की खुफिया जानकारी सार्वजनिक करें – अमरिकी सांसदों की माँग

वुहान लैबवॉशिंग्टन – ‘कोरोना की जड़ और इसका विषाणु प्रयोगशाला से ही संक्रमित होने की संभावना, इन दोनों मुद्दों के केंद्रस्थान पर वुहान लैब ही है। अमरीका और ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायज़ेशन’ (डब्ल्यूएचओ) भी इस मामले की जाँच कर रही हैं। संसदिय समिती को खुफिया कागजात उपलब्ध कराने पर लैब से संक्रमण करनेवाली कथित दुर्घटना की संभावना की भी जांच करना संभव होगा। इससे संबंधित जानकारी अमरिकी प्रशासन के सामने रखने पर वुहान लैब को लेकर जो कुछ विरोधी बयान और बातचीत जारी हैं, उसे सीधे रोकना मुमकिन होगा’, इन शब्दों में अमरिकी सांसदों ने विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन के सामने ‘वुहान लैब’ से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने की माँग रखी है।

अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री एवं ‘सीआयए’ के पूर्व संचालक माईक पोम्पिओ ने कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमण चीन के लैब से ही शुरू होने का बयान किया था। उन्होंने अपने बयान में इस मामले की पुष्टि करनेवाली स्थिति के सबूत और चीनी हुकूमत द्वारा लैब से संबंधित जानकारी छुपाने के लिए हो रही जोरदार कोशिश जैसे मुद्दे कोरोना वायरस का निर्माण चीन के वुहान लैब में ही होने का दर्शाते हैं, यह दावा भी किया था। विदेशमंत्री पोम्पिओ के कार्यकाल में अमरीका ने चीन की सेना और वुहान लैब के संबंध एवं लैब में जारी संशोधन की ‘फैक्टशीट’ सार्वजनिक की थी।

वुहान लैबइस पृष्ठभूमि पर अमरीका की संसदिय समिती ने विदेशमंत्री ब्लिंकन को खत लिखना अहमियत रखता है। यह खत ‘ओवरसाईट ऐण्ड इंवेस्टिगेशन्स कमिटी’ के सदस्य मॉर्गन ग्रिफिथ और उनके सहयोगियों ने लिखा है और इस खत पर ‘हाउस एनर्जी ऐण्ड कॉमर्स कमिटी’ के सदस्यों के भी हस्ताक्षर हैं। विदेशमंत्री ब्लिंकन ने स्वयं बीते महीने में एक साक्षात्कार के दौरान कोरोना वायरस की जड़ें तलाशना आवश्‍यक होने का बयान भी किया था।

इसी बीच अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस का ज़िक्र ‘चायनीज वायरस’ करने से बदनामी होने का दावा करके एक मुकदमा भी दाखिल किया है। ‘चायनीज अमरिकन सिविल राईट्स कोअलिशन’ नामक अमरीका में स्थित गुट ने यह मुकदमा दाखिल किया है। ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान कोरोना का ज़िक्र ‘चायनीज वायरस’, ‘वुहान वायरस’ एवं ‘कुंग फ्ल्यू’ किया था। इस तरह से ज़िक्र की वजह से अमरीका में स्थित चीनी और एशियाई वंश के अन्य नागरिकों के खिलाफ हिंसा की मात्रा बढ़ी है, यह दावा इस मुकदमे में किया गया है। इस मामले में ट्रम्प २.२३ करोड़ डॉलर्स हर्ज़ाना भरें, यह माँग भी की गई है।

कोरोना वायरस की वजह से हुई मौतों की संख्या जितनी बताई जा रही है उससे दोगुनी या तीगुनी से अधिक हो भी सकती है, ऐसा सनसनीखेज़ दावा ‘डब्ल्यूएचओ’ ने किया है। इसमें सीधे कोरोना के कारण हुईं मौतें एवं इसके अप्रत्यक्ष असर से भी मरनेवालों का समावेश है, ऐसा बयान ‘डब्ल्यूएचओ’ की सहायक महासंचालक समिरा अस्मा ने किया है। वर्ष २०२० में ही ३० लाख से अधिक कोरोना संक्रमितों की मृ्त्यु हुई थी, ऐसा ‘डब्ल्यूएचओ’ की रपट में कहा गया है।

कुछ दिन पहले ‘इन्स्टिट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स ऐण्ड इवैल्युएशन’ (आयएचएमई) नामक गुट ने पेश की हुई रपट में भी यह दावा किया गया था कि, विश्‍वभर में कोरोना संक्रमण की वजह से मृत हुए लोगों की संख्या फिलहाल अधिकृत स्तर पर दर्ज़ हो रहे मामलों से दोगुनी से अधिक है।

चीन द्वारा कोरोना को लेकर ‘फेक न्यूज’ का प्रसार – तैवान का आरोप

तैपेई – तैवान में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है और ऐसे में चीन आक्रामक दबाव नीति का इस्तेमाल करके तैवानी जनता में असंतोष निर्माण करने की कोशिश कर रहा है, यह आरोप तैवान के वरिष्ठ मंत्री ने लगाया है। “चीन की इस कोशिश को समय पर रोकना आवश्‍यक होने से तैवान की सरकार लगातार कोरोना से संबंधित जानकारी जनता को प्रदान कर रही है। चीन के ‘कॉग्निटिव वॉरफेअर’ से तैवान के समाज को सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता है’, यह बात तैवान के अंदरुनि सुरक्षा उपमंत्रि शेन संग-येन ने स्पष्ट की। तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग-वेन कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित होने का वृत्त कई जगहों पर प्रसिद्ध हुआ था। यह चीन के ‘फेक न्यूज’ का हिस्सा था, यह दावा भी तैवान के मंत्री ने इस दौरान किया।

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