तालिबान पर लगाए प्रतिबंध शिथिल करना अफ़गानिस्तान की शांति के लिए खतरनाक साबित होगा – संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त अफ़गान राजदूत का बयान

संयुक्त राष्ट्र – बीते कुछ दिनों से तालिबान ने अफ़गानिस्तान में हिंसा, आत्मघाती हमलों की तीव्रता बढ़ाई हैं। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के साथ भी तालिबान ने सहयोग स्थापित किए हैं। ऐसी स्थिति में अफ़गानिस्तान की सच्चाई को अनदेखा करके तालिबान पर लगाए प्रतिबंध शिथिल किए तो वह इस देश की शांति के लिए हो रही कोशिशों के विपरित और नुकसान पहुँचानेवाला साबित होगा, ऐसा इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त अफ़गान राजदूत अदेला राझ ने दिया हैं।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद को संबोधित करते समय अदेला राझ ने अफ़गानिस्तान में बढ़ रहें आतंकी हमलों की ओर सभीयों का ध्यान आकर्षित किया। अफ़गानिस्तान में शांति और स्थिरता स्थापीत हो इस लिए देश की सरकार लगातार कोशिश कर रही हैं। अफ़गान सरकार कतार में तालिबान के साथ चर्चा करने में भी शामिल हुई हैं और अगले महीने में इन दोनों की अगली बातचीत होगी। लेकिन, यह सभी जारी होते हुए भी तालिबान ने अफ़गान सेना पर हमलें बढ़ाए हैं, इससे अफ़गान राजदूत राझ ने अवगत कराया। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने प्रतिबंधित किए आतंकी संगठनों के साथ तालिबान का सहयोग जारी होने का आरोप भी राझ ने किया।

राझ ने आतंकी संगठनों के नामों का ज़िक्र करना टाल दिया। तालिबान ने कतार में हुई चर्चा के दौरान अल कायदा और अन्य आतंकी संगठनों के साथ जारी संबंध तोड़ने की शर्त स्वीकार की थी। लेकिन, अल कायदा एवं पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के साथ अभी भी तालिबान के संबंध कायम होने की बात कुछ सप्ताह पहले उजागर हुई थी। ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद तालिबान पर लगाए प्रतिबंध शिथिल करने की जल्दबाज़ी ना करें। उससे पहले राष्ट्रसंघ के निरिक्षकों का दल अफ़गानिस्तान की मौजूदा स्थिति का अध्ययन करें, यह आवाहन राझ ने किया।

इसी बीच तालिबान के साथ किए समझौते की पृष्ठभूमि पर अमरीका अफ़गानिस्तान से वापसी कर रही हैं फिर भी वहां पर जारी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में कोई भी फरक नही होगा, यह बात अमरीका ने स्पष्ट की हैं।

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