चीन के विरोध की परवाह न करते हुए अमरिकी युद्धपोतों की तैवान की खाड़ी से यात्रा

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तैपेई – आशिया-प्रशांत समुद्री क्षेत्र में गश्त लगा रहे अमरिका के दो युद्धपोतों ने चीन हक़ जता रहे तैवान की खाड़ी से यात्रा की है। तैवान स्वतंत्र देश है और अमरिका और तैवान के बीच का सहकार्य रेखांकित करने के लिए अमरिका ने तैवान के समुद्री क्षेत्र से युद्धपोतों को रवाना करने का दावा अमरिकी नौसेना ने किया है। लेकिन चीन ने अमरिका के युद्धपोतों की गश्त पर तीव्र नाराजगी व्यक्त की है और अमरिकी युद्धपोतों की गतिविधियों पर अपनी कड़ी नजर है, ऐसी चेतावनी भी दी है।

मिसाइल भेदी यंत्रणा से सज्ज ‘युएसएस एंटिटम’ और ‘युएसएस कर्टिस विल्बर’ इन अमरिका के दो युद्धपोतों ने सोमवार को तैवान की खाड़ी से गश्त लगाई है। अमरिकी युद्धपोतों ने तैवान की खाड़ी से लगाई हुई गश्त यह नियमित होने का दावा अमरिका के ‘पसिफ़िक फ्लीट’ के प्रवक्ता कमांडर ‘नेट ख्रिस्तेंसन’ ने किया है। अंतर्राष्ट्रीय नियमों की चौखट में अमरिकी युद्धपोतों ने यह गश्त पूरी की है, ऐसी जानकारी कमांडर ख्रिस्तेंसन ने दी है।

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तैवान की खाड़ी से अमरिका ने पूरी की हुई गश्त के पीछे निश्चित कारण था। ऐसा अमरिकी कमांडर ने कहा है। ‘मुक्त और खाली आशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमरिका अपनी जिम्मेदारियों को उचित तरीके से निभा रहा है। यह इस समुद्री गश्त से स्पष्ट हुआ है’, ऐसा अमरिकी कमांडर ने कहा है। इस गश्त के साथ ही अमरिका ने तैवान के साथ अपना सहकार्य अधिक मजबूती से रेखांकित किया है।

तैवान की खाड़ी से गश्त लगाते समय चीनी विध्वंसकों ने अमरिकी युद्धपोतों को हटाने की कोशिष की, ऐसी जानकारी ख्रिस्तेंसन ने दी है। चीनी विध्वंसक तेजी से अमरिकी युद्धपोतों की तरफ आ रहे थे। लेकिन अमरिकी युद्धपोतों ने सुरक्षित अन्तर रखकर यात्रा करने की वजह से तनाव टला, ऐसा कहकर ख्रिस्तेंसन ने चीनी नौसेना की गतिविधियों पर निशाना साधा है।

पिछले हफ्ते अमरिका ने तैवान की खाड़ी में अपने युद्धपोतों को रवाना करने के संकेत दिए थे। अमरिका और तैवान के बीच नए रूप में शुरू हो रहे लष्करी सहयोग की पृष्ठभूमि पर अमरिका युद्धपोतों को रवाना करने वाला है, यह स्पष्ट हुआ था। इसके पहले जुलाई महीने में भी अमरिका के युद्धपोतों ने तैवान की खाड़ी से यात्रा की थी। पिछले हफ्ते में अमरिकी नौसेना के खोजी जहाज ने तैवान का दौरा किया था।

अमरिका और तैवान ने इस बढ़ते नौसेना सहकार्य का जोरदार समर्थन किया है। लेकिन अमरिकी युद्धपोतों की इस यात्रा पर चीन ने आपत्ति जताई है। इस समुद्री क्षेत्र से अमरिकी युद्धपोतों की गश्त चीन की चिंता को बढाने वाली है, ऐसी आलोचना चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ‘हुआ चुनयिंग’ ने की है। उसीके साथ ही इस समुद्री क्षेत्र में अमरिकन नौसेना की गतिविधियाँ पिछले कुछ दिनों में बढ़ने का आरोप चुनयिंग ने किया है। लेकिन अमरिकी युद्धपोतों की गश्त पर चीन ने नजर रखी हुई है, इस बात को चुनयिंग ने स्पष्ट किया है।

तैवान अपना ही इलाका है और अन्य कोई भी देश और संगठन तैवान के साथ राजनीतिक तथा लष्करी सहकार्य प्रस्थापित न करे, ऐसी चीन की भूमिका है। लेकिन तैवान के ‘त्साई ईंग-वेन’ की सरकार स्वतंत्र देश की माँग कर रही है। उसी समय अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तैवान की पूरी सहायता करने की घोषणा की है। ऐसे में पिछले हफ्ते से अमरिकी युद्धपोतों ने तैवान का दौरा करना शुरू किया है, इस वजह से चीन क्रोधित होता दिखाई दे रहा है।

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