शरणार्थियों का समूह मतलब दुनिया की ‘डार्क साइड’ ने रचा हुआ षडयंत्र है – हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन का सनसनीखेज आरोप

बुडापेस्ट: यूरोपीय देशों में फ़ैल रहा शरणार्थियों का समूह मतलब एक प्रकार का आक्रमण है, जिसका षडयंत्र दुनिया की बलवान ‘डार्क साइड’ की ओर से रचा गया है, एस सनसनीखेज आरोप हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन ने किया है। इस ‘डार्क साइड’ की ठोस रचना नहीं है, फिर भी उनका जाल दुनिया भर में दूर दूर तक फैला है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया है। हंगेरी के प्रधानमंत्री ने ‘डार्क साइड’ के मामले में दिया हुआ सन्दर्भ ‘स्टार वॉर्स’ इस हॉलीवुड फिल्म श्रृंखला की खलनायकी पक्ष से संबंधित है।

दुसरे विश्वयुद्ध के बाद ‘रशियन महासंघ’ की हंगेरियन राजवट के खिलाफ सन १९५६ में जोरदार बगावत हुई थी। इस बगावत के स्मृति दिन के अवसर पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन ने शरणार्थियों के खिलाफ आक्रामक भूमिका सामने रखी है।

‘डार्क साइड’‘एक बलशाली आर्थिक साम्राज्य ने शरणार्थियों का नियोजनबद्ध आक्रमण करके यूरोपीय महासंघ और उसमे से प्रमुख देशों को ब्लैकमेल किया है। यूरोप में लक्षावधि शरणार्थियों का समूह फैलने के पीछे इसी गूढ़ आर्थिक साम्राज्य का हाथ है। यूरोप को संमिश्र संस्कृत का द्वीप बनाना यही इसके पीछे की मूल योजना है’, ऐसा आरोप हंगेरियन प्रधानमंत्री ने लगाया है।

हंगेरी के साथ पूर्व और मध्य यूरोप के चुनिन्दा देशों ने इस आक्रमण का सामना करने के दावा भी ऑर्बन ने किया है। ‘हमने इसके खिलाफ मजबूती से खड़े रहने में सफलता पाई है। वर्तमान में यूरोप का पूर्व और मध्य इलाका शरणार्थियों से मुक्त है। हंगेरी के साथ पोलैंड, झेक रिपब्लिक और स्लोवाकिया इन देशों ने एक होकर कदम उठाए तो शरणार्थियों के समूहों को रोका जा सकता है, ऐसी आशा है’, ऐसा इशारा हंगेरियन प्रधानमंत्री ने दिया है।

‘डार्क साइड’यूरोप में शरणार्थियों को घुसाने के पीछे इस द्वीप की पहचान को छिनना यह मुख्य उद्द्येश्य है’, ऐसा आरोप भी हंगेरियन प्रधानमंत्री ने लगाया है। संमिश्र संस्कृति को अपनाने से पहले यूरोप को अपना पिछला गौरव वापस प्राप्त करना होगा और ख्रिस्त धर्म के मूल्यों के साथ सुरक्षित और मुक्त होना होगा’, ऐसी सलाह भी हंगेरियन प्रधानमंत्री ने दी है। ‘हंगेरियन हंगेरी’ और ‘यूरोपियन यूरोप’ चाहिए तो शरणार्थियों के मुद्दे पर केवल बोलना काफी नहीं है, उसके लिए संघर्ष भी करना पड़ेगा, ऐसा इशारा भी उन्होंने दिया है।

पिछले कुछ महीनों में हंगेरियन प्रधानमंत्री ने शरणार्थियों के मुद्दे पर बार बार आक्रामक भूमिका ली है और इसके पीछे अरबपति उद्योजक और निवेशक जोर्ज सोरोस का हाथ होने का आरोप लगाया जा रहा है। हंगेरियन प्रधानमंत्री ने कुछ महीनों पहले सोरोस के खिलाफ खुलकर मुहीम शुरू की थी। इस मुहीम को लेकर यूरोप और अमरिका ने ऑर्बन की जोरदार आलोचना की थी।

लेकिन उसके बाद भी ऑर्बन ने अपनी भूमिका कायम रखी है और सीधे नाम न लेते हुए सोरोस को लक्ष बनाने की नीति अपनाई है। ऐसा करते समय यूरोपीय महासंघ की नीति पर भी ऑर्बन की सरकार ने टीका की है। राजधानी बुडापेस्ट में ऑर्बन ने किया हुआ भाषण इसी श्रृंखला का अगला भाग साबित होता है।

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