जॉर्डन की हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की कोशिश नाकाम की गई – प्रिन्स हमजा को नज़रकैद करके विद्रोही अफसरों की गिरफ्तारी

अम्मान – जॉर्डन के राज परिवार में काफी बड़ी उथल-पुथल शुरू हुई है। शनिवार के दिन जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के हाथ से सत्ता छीनने की साज़िश प्रिन्स हमजा बिन हुसेन ने रची थी। प्रिन्स हमजा ने विदेशी अधीनस्थों की सहायता से जॉर्डन की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण करने की साज़िश रची थी, ऐसा आरोप जॉर्डन के विदेशमंत्री अयमन सफादी ने लगाया। तभी, प्रिन्स हमजा बिन हुसेन का एक वीडियो भी प्रसिद्ध हुआ है और इसमें उन्होंने यह आरोप लगाया है कि, उन्हें नज़रबंद किया गया है। साथ ही जॉर्डन की हुकूमत कारोबार चलाने में अकार्यक्षम और भ्रष्ट है, ऐसी आलोचना भी प्रिन्स हमजा ने इस वीडियो में की है।

jordan-coupसीरिया, इराक, सौदी अरब, इस्रायल और वेस्ट बैंक के बीचोबीच स्थित जॉर्डन खाड़ी क्षेत्र का अरब देश है। दो दशक पहले जॉर्डन अमरीका के साथ मुक्त व्यापारी समझौता करनेवाला पहला अरब देश था। इस देश की अर्थव्यवस्था उद्योगक्षेत्र और पर्यटन पर निर्भर है। राजपरिवार की व्यवस्था से जॉर्डन की अब तक की नीति उदार रही है और इस्रायल को मंजूरी देनेवाले देशों के बीच इजिप्ट के बाद जॉर्डन ने पहल की थी। लेकिन, अब इस देश के राज परिवार में सत्ता की होड़ बढने की बात स्पष्ट हुई है और शनिवार के दिन हुई विद्रोह की कोशिश इसी बात की साक्ष दे रही है, ऐसा पश्‍चिमी माध्मयों का कहना है।

वर्ष २००४ तक प्रिन्स हमजा जॉर्डन के क्राउन प्रिन्स रहे। प्रिन्स हमजा की जॉर्डन में बड़ी लोकप्रियता होने की बात समझी जाती है। जॉर्डन में फिलहाल भ्रष्टाचार चरम स्तर पर होने की आलोचना प्रिन्स हमजा ने की थी। शनिवार के दिन भी प्रिन्स हमजा ने एक वीडियो जारी करके हुकूमत की यंत्रणा अकार्यक्षम और भ्रष्ट होने का आरोप लगाया। साथ ही अपने संचार और संपर्क पर पाबंदी लगी होने का आरोप प्रिन्स हमजा ने इस वीडियो के ज़रिये लगाया है।

राजपरिवार के सदस्य के तौर पर प्रदान की गई सुरक्षा व्यवस्था भी हटाई गई है और हमारी इंटरनेट सेवा भी खंड़ित किए जाने की बात प्रिन्स हमजा ने कही है। कुछ दिन पहले ही एक बैठक में रा्जा अब्दुल्ला द्वितीय के खिलाफ आलोचना हुई थी और इस बैठक में हम मौजूद थे। इसी कारण यह कार्रवाई हुई है, ऐसी जानकारी लष्करी अफसर ने हमें प्रदान की, ऐसा बयान प्रिन्स हमजा ने इस वीडियो में किया है। साथ ही जॉर्डन हुकूमत की यंत्रणा निजी और आर्थिक हितों को सबसे अधिक अहमियत देती है और जनता की ज़रूरतों की परवाह नहीं करती, ऐसा आरोप प्रिन्स हमजा ने लगाया।

जॉर्डन के विदेशमंत्री अयमन सफादी ने प्रिन्स हमजा पर हुई कार्रवाई का कारण स्पष्ट किया। प्रिन्स हमजा और अन्य १४ लोगों ने हुकूमत का तख्ता पलटने की साज़िश रचि थी। इसके लिए प्रिन्स हमजा और गिरफ्तार हुए नेताओं ने विदेशी शक्तियों की सहायता प्राप्त की थी। प्रिन्स हमजा की पत्नी को दूसरे देश में पनाह देने की तैयारी भी की गई थी, ऐसी जानकारी विदेशमंत्री सफादी ने प्रदान की। इस मामले में शाही परिवार के सदस्य शरीफ हसन बिन ज़ईद एवं पूर्व वित्तमंत्री बासेम इब्राहिम अवादालाह ने पहल की थी, यह बात सफादी ने स्पष्ट की।

जॉर्डन की इस उथल-पुथल पर विश्‍वभर से प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। इस दौर में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के समर्थन में खड़े होने की प्रतिक्रिया अमरीका, सौदी अरब, यूएई, बहरीन, कतार, कुवैत, इजिप्ट, इराक, ओमान, लेबनान एवं अरब लीग और गल्फ को-ऑपरेशन काउन्सिल ने व्यक्त की है। ऐसे में पड़ोसी इस्रायल ने जॉर्डन की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की है। इस पर स्थिति नियंत्रण में होने की बात जॉर्डन की यंत्रणाओं ने इस्रायल से कही है।

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