रिडर अ‍ॅप्स्

Newsblur

‘स्प्रिंग क्लिनिंग’ इस शब्द को अकसर कई बार आप ने समाचार सुनते समय सुना होगा। फ्रांस परंपरा के अंतर्गत इस संकल्पना के बोये गए बीज आज इस तकनीकी क्षेत्र में इस्तेमाल किये जा रहे हैं और विभिन्न अर्थों के साथ इस्तेमाल किये जा रहे हैं, इस बात का अनुभव हम कर रहे हैं। इस संकल्पना का उपयोग गुगल ने काफी बड़े पैमाने में करना आरंभ कर दिया है। अपने ‘स्वयं के उत्पादन को स्वयं ही खत्म करके, उसके स्थान पर विविध प्रकार के अधिक से अधिक फायदेमंद नये उत्पाद करने की क्षमता बढ़ाना’ यह अर्थ आज गुगल ने इस स्प्रिंग क्लिनिंग को दे रखा है और यही अर्थ आज इतना अधिक प्रचलित हो चुका है। इसके अन्तर्गत गुगल ने स्वयं के अधिकतर प्रोडक्टस् बंद कर दिये हैं अथव बंद कर रहे हैं। उदा. गुगल क्लाऊड कनेक्ट, गुगल लॅटीटयूड, गुगल नोटबुक आदि। परन्तु इन सभी उत्पादनों में सबसे अधिक मशहूर वह उस समय हुआ, जिस समय गुगल ने अपने गुगल रिडर नामक उत्पादन पर रोक लगा दिया तब।

गुगल रिडर का उपयोग असंख्य लोग करते थे और उसका फायदा भी उठाते थे। परन्तु इतना लोकप्रिय अ‍ॅप होने के बावजूद भी स्प्रिंग क्लिनिंग नामकरण के कारण उसे बंद कर दिया गया। गुगल रिडर में यदि हम कोई शब्द डालते हैं, तब उस शब्द के बारे में इंटरनेट पर क्या चल रहा है, उसे हम फीड्स  के स्वरूप में देख सकते थे। शब्दों के साथ-साथ हम किसी वेबसाईट पर क्या प्रकाशित हो रहा है इसका अनुकरण भी ठीक से करके रख सकते थे।

परन्तु गुगल ने अपना उत्पादन बंद कर दिया, इस कारण हमें कोई फर्क पड़ता है अथवा हमारा कोई काम रुक जाता है, ऐसी कोई बात नहीं है। हमारे साहब अकसर एक पंक्ति को ध्यान में रखने को कहते हैं- ‘जो किसी एक विकल्प पर ही निर्भर रहता है, उसका कारोबार ठप पड जाता है’ इसी सिद्धान्त को अपने आचरण में लाकर आज हम गुगल रिडर के लिए उपलब्ध विकल्प पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगें।

हम जिस विकल्प के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं उसे अ‍ॅप के रूप में उपयोग में ला सकते हैं, साथ ही ब्राऊजर के माध्यम से ऑन लाईन पर भी इसका उपयोग हम कर सकते हैं।

Feedly1)फीडली (www.feedly.com) : इस अ‍ॅप का उपयोग हम अ‍ॅड्रॉईड, आयफ़ोन एवं आयपॅड, उसी तरह कॉम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाईन पर भी कर सकते हैं। इस अ‍ॅप का उपयोग करके हम अपने पसंदीदा साईटस् के आर.एस.एस. अपडेट्स् प्राप्त कर सकते हैं। हमारे द्वारा चुने गए साईटस् के अपडेट्स् हमें एक के नीचे दूसरा इस प्रकार दिखायी देते हैं। इसके अलावा किसी साईट के साथ जुड़ने से पहले ही हमें उस साईट की ओर से उसी क्षण उपलब्ध रहनेवाली जानकारी (फीड्स ) भी दिखायी देती है। अर्थात जानकारी ‘प्रिव्ह्यू’ के अनुसार हमें उस साईट के साथ जुड़ना हैं या नहीं, इस बात का विवेकपूर्ण विचार कर हम सही निर्णय ले सकते हैं।

2) न्युजब्लर (www.newsblur.com) : यह अ‍ॅप भी फीडली के समान ही चलता है। यह अ‍ॅप भी हमें अ‍ॅन्ड्रॉईड, आयफ़ोन एवं आयपॅड पर अ‍ॅप स्वरूप में साथ ही कॉम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाईन भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

3) गुगल अ‍ॅलर्ट्स् (www.google.com/alerts) : यह सुविधा भी अधिकतर गुगल रिडर के समान ही कार्यान्वित रहती है, जिस में हम अपने जानकारी के शब्द संकल्पना आदि डालते हैं, तब दुनिया भर में किसी भी रूप में यदि उस शब्द का उल्लेख किया जाता है। उदा.- खबरों में, ब्लॉग पर, वेबसाईटस् पर आदि। तब निश्‍चित किए गए परिणाम के अनुसार इन उल्लेखों की जानकारी, उन विशेष साईटस् पर एवं ब्लॉग के लिंक्स् हित ई मेल के रूप में हमें भेज दी जाती है। गुगल अ‍ॅलटर्स यदि काफी सारे गुगल रिडर के समान करते हैं, फिर भी ये आर.एस.एस. के समान नहीं दिखाई देते हैं। गुगल की इसी सुविधा के बारे में पिछली लेखमालिका में हमने अधिक जानकारी पहले ही हासिल कर ली है।

4) फ्लिपबोर्ड (www.flipboard.com) : हमारी ज़रूरत के अनुसार हमारी ही इच्छा के अनुसार अपडेट्स, बिलकुल किसी मॅगजीन के समान, अत्यन्त मनमोहक तरीके से हमें दिखलाने वाला अ‍ॅप अर्थात फ्लिपबोर्ड। बिलकुल वैसे ही जैसे हम किसी मॅगजीन के पन्ने उलटते-पलटते हैं, उसी तरह इस अ‍ॅप में पन्नों को व्हर्चुली  उलटा-पलटा जा सकता है। आर.एस.एस. फीड्स  के समान ही यह अ‍ॅप काम करता है। केवल इसका ब्राऊजर पर आधारित, ऑनलाईन संस्करण उपलब्ध नहीं है। यह अ‍ॅप हमें अ‍ॅड्रॉईड, आयफ़ोन एवं आयपॅड के लिए उपलब्ध इस अ‍ॅप के बारे में भी हमने पिछली बार चर्चा की है।

ऊपर दिए अ‍ॅप के अलावा भी हमारे लिए और भी कई अ‍ॅप्स् उपलब्ध हैं, जिन्हें हम गुगल रिडर के स्थान पर विकल्प के रूप में उपयोग कर सकते हैं; इसमें आयनोरिडर (www.inoreader.com), फीडस्पॉट (www.feedspot.com), आरएसएसआउल  (www.rssowl.com), पल्स्(www.pulse.me) आदि हैं।

हमारे विषय से संबंधित जितना अधिक हम नया ज्ञान हम ले सकते हैं, उतना तो हम ले ही रहे हैं। इसके साथ ही अन्य विषयों से संबंधित कम से कम साधारण ज्ञान भी समय की गति के अनुसार हमारे पास होना अत्यन्त आवश्यक है; क्योंकि इन्हीं अनुभवों के आधार पर आर्थिक दृष्टिकोन से प्रगति करने का यही एक जादुई चिराग है। ऊपर उल्लेखित अ‍ॅप्स् हमें काफी बड़े पैमाने पर सभी प्रकार की जानकारी हमारी ज़रूरत के अनुसार और वह भी मुफ्त में ही प्रदान करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.