नेपाल में ओली सरकार के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन

काठमांडू – नेपाल की सरकार भ्रष्ट हैं, कोरोना वायरस के विरोध में जारी संघर्ष में यह सरकार नाकाम हुई हैं, यह आरोप करके नेपाल की जनता ने शनिवार के दिन राजधानी काठमांडू में जोरदार प्रदर्शन किए। नेपाल में दुबारा शाही परिवार की सत्ता स्थापीत करें, नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करें, यह माँग प्रदर्शनकारी कर रहे हैं।

nepal-oli-govtवर्ष २००८ तक नेपाल में २४० वर्षों से चली आ रही राजघराने की व्यवस्था मौजूद थी। लेकिन, वर्ष २००८ में नेपाल के शाही परिवार में हुई बड़ी उथल-पुछल के बाद इस देश की राजघराने की व्यवस्था खत्म करके जनतंत्र स्थापीत किया गया था। बीते बारह वर्षों से नेपाल में जनता की चुनी हुई सरकार सत्ता संभाल रही हैं। नेपाल में मौजूदा स्थिति में प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल’ (यूएफएल) एवं पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड की ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल’ (माओईस्ट सेंटर) के गठबंधन की सरकार काम कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ओली की सरकार भ्रष्ट हैं, यह आरोप नेपाल में किया जा रहा हैं। ओली सरकार में भी अंदरुनि विवाद हैं और कोरोना वायरस के विरोध में प्रधानमंत्री नाकाम हुए हैं, यह आरोप करके शनिवार के दिन राजधानी काठमांडू में बड़े प्रदर्शन किए गए। नेपाल के अलग अलग हिस्सों से पहुँचे लोगों को इन प्रदर्शनों को बड़ा समर्थन प्राप्त होने का दावा किया जा रहा हैं। प्रधानमंत्री ओली की सरकार बरखास्त करें, नेपाल में फिर से राजघराने की व्यवस्था स्थापीत करें, नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की माँगे इन प्रदर्शनकारियों ने की हैं।

‘नैशनल सिव्हिक मुव्हमेंट कमिटी २०२०’ नामक संगठन ने इन प्रदर्शनों का आयोजन किया था। बीते महीने में चार बार राजपरिवार के समर्थन में काठमांडू के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे और इन प्रदर्शनों के लिए कई संगठन एक हुए थे। लेकिन, उन प्रदर्शनों की तीव्रता काफी कम थी। ऐसें में शनिवार के दिन हुए प्रदर्शनों की तीव्रता काफी बड़ी होने की बात नेपाल के माध्यम कह रहे हैं।

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