‘ई-टिकटों’ में गड़बड़ी करनेवाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का रेल्वे सुरक्षाबल ने किया पर्दाफाश – १०० लोगों की हुई गिरफ्तारी

railway-eticketबंगलुरू – पाकिस्तानी सॉफ्टवेअर का इस्तेमाल करके ‘ई-टिकट’ में गड़बड़ी करनेवाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का रेल्वे सुरक्षा बल ने पर्दाफाश किया है। यह गिरोह करीबन २५ हज़ार हैकर्स और दलालों का समावेश होनेवाले अंतरराष्ट्रीय कालाबाज़ार का हिस्सा होने की जानकारी जाँच में सामने आयी है। दक्षिण-पश्‍चिम रेल्वे ने इससे संबंधित निवेदन जारी किया है और इस गड़बड़ी के सूत्रधार के साथ १०० से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बीते वर्ष तत्काल टिकट बुकिंग के लिए अवैध सॉफ्टवेअर का इस्तेमाल होने की चेतावनी खुफिया एजन्सी ने दी थी।

railway-eticketतत्काल टिकट की बुकिंग के लिए इस्तेमाल हो रही ‘आयआरसीटीसी’ और ‘बैंक’ की सुरक्षा यंत्रणाओं को दरकिनार करनेवाले सॉफ्टवेअर की सहायता से तत्काल बुकिंग किए जाने की चेतावनी खुफिया एजन्सी ने बीते वर्ष के सितंबर महीने में दी थी। इस सॉफ्टवेअर के ज़रिए तत्काल टिकटों की बुकिंग करने के लिए ‘आयआरसीटीसी तत्काल सिस्टिम’ और बैंक के ‘ओटीपी’ की आवश्‍यकता नहीं लगती थी। इस गिरोह से इस्तेमाल हो रहे सॉफ्टवेअर की वजह से तत्काल टिकट बुकिंग शुरू होने के कुछ ही देर बाद सभी उपलब्ध टिकटें ख़त्म हो जाती थीं। इससे आम यात्रियों को टिकट प्राप्त करना मुश्‍किल हो गया था। यह टिकटें आम दरों से पांच गुना अधिक कीमत पर कालेबाज़ार में बेची जा रही थीं।

खुफिया एजंसी से प्राप्त इशारे के बाद ‘आरपीएफ’ ने अलग अलग ज़गहों पर छापे मारना शुरू किया। अन्त में इस मामले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी करने में ‘आरपीएफ’ के अधिकारी कामयाब हुए। उसकी जाँच करने पर इस गड़बड़ी के सूत्रधार की जानकारी प्राप्त हुईे। ‘आरपीएफ’ के दल ने जनवरी २०२० में ओड़िशा के केंदरपारा से उसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद अगली जाँच के लिए उसे बंगलुरू लाया गया था। उससे की गई जाँच से अहम जानकारी सामने आयी है।

railway-eticketगिरफ्तार किए गए व्यक्ति से इस्रो, रेल्वे और अन्य सरकारी संस्थाओं के उपकरण हैक करने के लिए लिनक्स पर आधारित ‘हाय-लेवल हैकिंग सिस्टिम’ से बनाया पाकिस्तानी सॉफ्टवेअर पाया गया है। इसके अलावा इस सूत्रधार से ३ हज़ार बैंक खाते एवं बिटकॉईन्स और क्रिप्टोकरन्सी के लिंक्स की जानकारी बरामद होने की बात दक्षिण-पश्‍चिम रेल्वे ने साझा की है। भारत के साथ विदेशों में करीबन २५ हज़ार हैकर्स और दलालों का समावेश होनेवाला ब्लैक मार्केट सक्रिय होने का दावा भी इस सूत्रधार ने किया है। इस गड़बड़ी से प्राप्त काले पैसे का इस्तेमाल देशविरोधी और अपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था, यह जानकारी भी रेल प्रशासन ने प्रदान की है।

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