गंभीर परिस्थिति से जूझने के लिए रेल तैयार

नई दिल्ली – भारत में कोरोना से पीडित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और आनेवाले कुछ दिनों में यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। इस पृष्ठभूमि पर परिस्थिति से जूझने के लिए रेल के डिब्बे, आईसीयू क्वॉरेंटाइन वॉर्ड  और आइसोलेशन सेंटर में बदले जा रहे हैं। अस्पताल की कमी होनेवाले हिस्सों में यह कोच प्रदान किए जा रहे हैं।

अमरिका, इटली समेत अन्य कुछ देशों में कोरोना की महामारी ने चपेट में लिए मरीजों की संख्या में काफी बढोतरी हुई है। फिलहाल इन देशों में बनी स्थिति काफी डरावनी है। ऐसे मेंभारत में कोरोना से पीडित मरीजों की संख्या बढकर 950 तक जा पहुंची है। ऐसे में अन्य देशों की तरह ही भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या में तेज बढोतरी होने पर अस्पतालों की कमी महसूस होने की संभावना है। इससे स्वास्थ्य सेवा पर भार बढेगा। इस संभावित स्थिति का सामना करने के लिए रेल्वे के कोचेस वॉर्ड के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए तैयार किए जा रहे है।

इसके साथ ही डॉक्टर, नर्स के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। प्रायोगिक स्वरूप पर इस विलगत कक्ष का उपयोग होने के बाद प्रत्येक रेल विभाग से प्रति हफ्ते 10 कोच निर्माण किए जाएंगे, ऐसा रेल ने स्पष्ट किया है। रेल से तैयार हो रही यह विलगत सुविधा देश में अस्पताल की कमी होनेवाले हिस्सों में प्रदान की जाएगी, ऐसा कहा जा रहा है।

तथा रेल से वैद्यकीय सुविधाओं के लिए 220 वोल्ट बीजली भी दी जा रही है। प्रत्येक कोच में आखरी पार्टीशन से दरवाजा बनाया जा रहा है तथा प्रत्येक कोच के आखिर में टॉयलेट का रूपांतर बाथरूम में किया गया है।

पश्‍चिम रेल ने अपनी वर्कशॉप में फिलहाल 28 डिब्बों से प्रायोगिक स्वरूप के आइसोलेशन वार्ड तैयार किए हैं। देश में आवश्‍यकता के अनुसार ऐसे तीन लाख आइसोलेशन बेड तैयार करना मुमकिन होगा, यह भी कहा जा रहा है।

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