‘क्वाड’ का ‘आर्थिक नाटो’ में रूपांतरण करके चीन को झटका दें – आन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषकों की सलाह

वॉशिंग्टन'आर्थिक नाटो' – विस्तारवादी चीन को रोकने के लिए भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के ‘क्वाड’ संगठन ने उचित दिशा में कदम उठाना अत्यावश्यक है। क्वाड का रूपांतरण अगर ‘इकॉनॉमिक नाटो’ यानी आर्थिक मोरचे पर मज़बूत संगठन होनेवाले नाटो में हुआ, तो उसका प्रभाव भारी मात्रा में बढ़ेगा, ऐसा ‘जियान्ली यांग’ इस चीन के पूर्व लष्करी अधिकारी ने कहा है। एक अखबार में लिखे लेख में, प्रबल आर्थिक संगठन द्वारा चीन को रोका जा सकता है, ऐसा यकीन यांग ने व्यक्त किया है।

अमेरिका में आश्रय लिए जियान्ली यांग, ये चीन की स्पष्ट रूप में आलोचना करनेवाले विश्लेषक माने जाते हैं। ‘फोरम फॉर रिलिजस फ्रिडम-युरोप’ इस संगठन के अध्यक्ष एरॉन र्‍होड्स समेत, एक पश्चिमी अखबार के लिए लिखे लेख में, जियान्ली यांग ने क्वाड को अहम सलाह दी। भारत, अमरीका, जापान और फ्रान्स इन देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए क्वाड के ज़रिए एकजुट की है। चीन को इसकी चिंता होने लगी है। लेकिन फिलहाल तो क्वाड यह अनौपचारिक स्तर पर सहयोग होनेवाला संगठन होकर, अभी भी यह संगठन पूरी तरह सक्रिय नहीं बना है।

साथ ही, क्वाड का रूपांतरण ‘क्वाड प्लस’ में करने की तैयारी हुई होकर, उसमें वियतनाम और दक्षिण कोरिया तथा न्यूज़ीलैंड इन देशों का समावेश हो सकता है, ऐसे दावे किए जा रहे थे। यह बात चीन को बहुत ही चुभी होकर, क्वाड का विस्तार ना हो और अन्य देश इस में सहभागी ना हों इसके लिए चीन जानतोड़ कोशिश कर रहा है, इसपर जियान्ली यांग ने गौर फरमाया। दक्षिण एशिया, मध्य एशिया, आग्नेय एशिया और कोरियन क्षेत्र के देश क्वाड में सहभागी ना हों इसके लिए चीन विशेष संवेदनशीलता दिखा रहा है, ऐसा दावा यांग ने किया।

'आर्थिक नाटो'कुछ ही दिन पहले, अगर बांग्लादेश ने क्वाड में सहभागी होने का फैसला किया, तो उसके विपरीत परिणाम होंगे, ऐसी धमकी चीन ने बांग्लादेश को दी थी। इससे यही बात स्पष्ट हो रही है कि जियान्ली और र्‍होड्स के लेख में प्रस्तुत किया गया यह निष्कर्ष हूबहू सच है। क्वाड का विस्तार रोकने के साथ ही, क्वाड के प्रमुख सदस्य होनेवाले भारत और अमरीका के बीच विसंवाद बढ़ाने के लिए चीन योजनाबद्ध तरीके से कोशिश कर रहा होने का दावा जियान्ली ने किया। भारत में जब कोरोना की लहर आई थी, तब अमरीका ने भारत को टीकों के लिए आवश्यक रॉ मटेरियल की सप्लाई करने से इन्कार किया था, इस बात को चीन का मुखपत्र होनेवाले ग्लोबल टाइम्स ने बहुत पब्लिसिटी दी थी, इसकी ओर भी जियान्ली और र्‍होड्स ने निर्देश किया।

ऐसी परिस्थिति में क्वाड का संगठन अधिक मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए उचित दिशा में कदम उठाना अत्यावश्यक साबित होता है। क्वाड का आर्थिक सहयोग मजबूत करके आर्थिक स्तर पर नाटो जैसा प्रबल संगठन बनाने का ध्येय क्वाड देश अपने सामने रखें, ऐसी सलाह जियान्ली यांग और एरॉन र्‍होड्स ने अपने लेख में दी। ऑस्ट्रेलिया के साथ चीन के संबंध बहुत ही बिगड़ने के बाद, चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर आर्थिक प्रतिबंध होते हैं। फिलहाल आर्थिक स्तर पर दोनों देशों का युद्ध ही शुरू हुआ दिख रहा है। ऐसी परिस्थिति में क्वाड का आर्थिक सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा और उसका बहुत बड़ा झटका चीन को लगेगा, ऐसा यकीन जियान्ली यांग ने इस लेख में ज़ाहिर किया है।

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