‘क्वाड’ का सहयोग कमी दूर करनेवाला – भारतीय विदेशमंत्री का दावा

भारतीय विदेशमंत्रीवॉशिंग्टन – ‘मौजूदा दौर में निर्माण हुई कमी ‘क्वाड’ के सहयोग से दूर हो रही है। यह कमी मात्र एक देश भर नहीं सकता। द्विपक्षीय सहयोग से भी यह कार्य संभव नहीं। इसके लिए ‘क्वाड’ जैसा, अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करनेवाला बहुदलीय सहयोग ही आवश्‍यक है’, ऐसा भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कहा है।

अमरीका के दौरे पर पहुँचे विदेशमंत्री जयशंकर ने अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन से बातचीत की है। भारतीय विदेशमंत्री से हुई बातचीत सफल हुई, ऐसा बयान अमरिकी विदेशमंत्री ब्लिंकन ने किया। इस चर्चा में कोरोना संक्रमण, भारत-चीन सीमा की स्थिति और अफ़गानिस्तान के मुद्दे का समावेश था, यह जानकारी ब्लिंकन ने प्रदान की। इसी बीच विदेशमंत्री जयशंकर ने, इस बातचीत की वजह से भारत और अमरीका का रणनीतिक सहयोग अधिक मज़बूत होने का दावा किया। साथ ही, इस चर्चा में क्वाड के सहयोग का मुद्दा शीर्ष स्थान पर होने की बात भी सामने आ रही है।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने साथ मिलकर ‘क्वाड’ का सहयोग शुरू किया था। बीते कुछ महीनों से इस सहयोग को काफी बड़ी सामरिक अहमियत प्राप्त हुई है। खास तौर पर चीन की आक्रामकता में हुई बढ़ोतरी, क्वाड़ का सहयोग अधिक मज़बूत करनेवाली बात समझी जा रही थी। इसी बीच, क्वाड का यह सहयोग चीन विरोधी होने के आरोप होना भी शुरू हुआ था।

भारत जैसा देश किसी गुट का सदस्य बनता है, उस समय काफी गहराई से विचार किया जाता है। अपनी भूमिका में स्पष्टता होने तक भारत ऐसें निर्णय नही करता, यह कहकर, ‘क्वाड’ किसी एक देश के विरोध में बना संगठन ना होने की बात भी विदेशमंत्री जयशंकर ने स्पष्ट की। ‘क्वाड’ के ज़रिये समुद्री सुरक्षा और सहयोग एवं जुड़ने का विचार होता है, इस ओर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया। इसी के साथ, अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करने को ‘क्वाड’ अहमियत देता है, ऐसा तीखा बयान भी भारतीय विदेशमंत्री ने किया।

देशों के एकसामायिक हितसंबंधों पर चर्चा, यही फिलहाल ‘क्वाड’ का स्वरूप है। फिलहाल दुनिया में जो भी कुछ शुरू है, उसकी छवि ‘क्वाड’ के सहयोग में दिखाई दे रही है, यह दावा विदेशमंत्री जयशंकर ने किया। क्वाड़ शीतयुद्ध का हिस्सा नही है। बल्कि, शीतयुद्ध पीछे छोड़कर, बदले हुए विश्‍व का प्रतिनिधित्व ‘क्वाड’ के ज़रिये हो रहा है। लेकिन, जो अभी भी शीतयुद्ध की मानसिकता में फँसे पड़े हैं, उन्हें ‘क्वाड’ को समझना मुमकिन नहीं होगा, ऐसी फटकार भी भारत के विदेशमंत्री ने लगाई।

‘क्वाड’ का सहयोग चीनविरोधी होने का आरोप इस देश के विदेश मंत्रालय ने लगाया था। ‘क्वाड’ में शामिल होने के मुद्दे पर बांगलादेश को धमकी देते समय, चीन के विदेश मंत्रालय ने ये आरोप लगाए थे।

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