कतार के राजघराने से ही राजवट गिराने की गतिविधियाँ

रियाध: कतार के अमिर ‘शेख तमिम बिन हमाद’ ई राजवट गिराने के लिए कतार के घराने के ही प्रमुख सदस्यों की विशेष बैठक अभी अभी पूरी हुई। सऊदी अरेबिया में पूरी हुई इस बैठक में ‘शेख सुल्तान बिन सुहैम’ के साथ २० लोग उपस्थित थे। शेख सुल्तान ने कतार की वर्तमान की राजवट पर टीका करके, इस इंधन संपन्न खाड़ी देश में बगावत के संकेत दिए हैं। दो महीनों पहले कतार की राजवट के खिलाफ सऊदी में समान्तर सरकार स्थापित करने की घोषणा भी शेख सुल्तान और विरोधकों ने की थी।

पिछले कुछ महीनों से सऊदी और अरब मित्र देशों ने बहिष्कृत की हुई कतार की राजवट के लिए सुल्तान ने बुलाई हुई बैठक सिरदर्द साबित हो सकती है, ऐसा दावा खाड़ी की मीडिया कर रही है। दौरान, कतार की राजवट को विरोध करने वाले सुल्तान और राजघराने के अन्य प्रमुख सदस्यों को सऊदी ने आसरा दिया है।

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चार दिनों पहले कतार में राष्ट्रीय दिन मनाया गया। इस समय आर्थिक, व्यापारी, लष्करी क्षेत्र में कतार ने प्रगति करने की घोषणा अमिर ‘शेख तमिम’ ने की है। कतार के अमिर राष्ट्रीय दिन मनाते समय सऊदी में राजघराने के प्रभावी सदस्यों की बैठक पूरी हुई है, यह जानकारी सऊदी की मीडिया ने प्रसिद्द की है। सुल्तान ने इस बैठक का नेतृत्व किया है। इस दौरान सुल्तान ने अमिर तमिम के नेतृत्व और नीति पर जोरदार टीका की है।

अमिर शेख तमिम की नीति कतार को संकट में दाल सकती है, ऐसा आरोप कतार के राजा के बंधू ‘सुल्तान’ ने लगाया है। ‘हमें हमारे पूर्वजों ने पीठ में खंजर घुसाने के लिए हमें बढाया नहीं है। उन्होंने हमें सम्मान, सामर्थ्य और साहस देकर पाला है। इसलिए जल्द ही हम कतार में दाखिल होंगे’, यह घोषणा सुल्तान ने की है। इस समय शेख सुल्तान ने सऊदी अरेबिया और अन्य अरब मित्र देशों के बारे में आभार व्यक्त किया है।

पिछले कई सालों से कतार ने अरब देशों के साथ सहकार्य प्रस्थापित किया था। इस सहकार्य से पीछे हटना कतार की पारंपरिक नीतियों के खिलाफ है, ऐसा सुल्तान ने कहा था। इस वजह से कतार जल्द ही अरब मित्र देशों की पंक्ति में शामिल होगा, ऐसा दावा सुल्तान ने किया है।

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जून महीने में सऊदी और अन्य अरब देशों ने कतार पर बहिष्कार डाला था।  कतार के ‘अमिर शेख तमिम’ की राजवट ईरान समर्थक हिजबुल्लाह, हमास और तालिबान के साथ अन्य आतंकवादी संगठनों को समर्थन दे रही है, ऐसा आरोप सऊदी और मित्र देशों ने किया था। उसीके साथ ही कतार अन्य अरब देशों के अंतर्गत व्यवहार में हस्तक्षेप करता है, ऐसी टीका भी सऊदी ने की थी। उसके बाद सऊदी और मित्र देशों के कतार के साथ संबंधों में तनाव बढ़ गया है।

सऊदी और मित्र देशों ने अपनाई इस भूमिका के लिए कतार की राजवट जिम्मेदार है, ऐसा आरोप ‘शेख सुल्तान’ ने किया था। कतार की राजवट कानून को छोड़कर राज्यसरकार चला रही है और उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा देना रोकना चाहिए, ऐसा आवाहन सुल्तान ने किया था। उसके बाद अक्टूबर महीने में क़तर की सुरक्षा यंत्रणाओं ने सुल्तान के घर में घुसकर कार्रवाई की थी। इसमें सुल्तान के घर से महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षा यंत्रणाओं ने जब्त किए थे। साथ ही सुल्तान के साथ ‘शेख तमिम’ के विरोधकों की संपत्ति भी बंद किया था। इसमें कतार के राजघराने के प्रभावशाली और अमिर तमिम के चाचा ‘शेख अब्दुल्लाह बिन अली’ का समावेश था।

इस कार्रवाई के बाद शेख सुल्तान, शेख अब्दुल्लाह और राजघराने के अन्य सदस्यों ने सऊदी में आश्रय लिया। शेख अब्दुल्लाह बिन अली ने सऊदी के राजा सलमान से मुलाकात करके कतार के घटनाक्रमों पर चर्चा की थी। राजे सलमान ने कतार की राजवट पर टीका भी की थी। इस वजह से कतार में इन बगावतों की कोशिशों को सऊदी का मजबूत आधार होने की बात स्पष्ट हुई है।

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