संशोधित श्रम कानूनों का कार्यान्वयन स्थगित

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने चार संशोधित श्रम कानूनों का कार्यान्वयन स्थगित किया है। इन श्रम कानूनों का कार्यान्वयन १ अप्रैल से होना था। लेकिन, देश के कुछ राज्य सरकारों ने श्रम कानूनों के नियमों को अभी अंतिम स्वरूप नहीं दिया है। इस वजह से संशोधित श्रम कानूनों का कार्यान्वयन स्थगित किए जाने का वृत्त है।

संशोधित श्रम

देश में श्रमिकों से संबंधित पुराने ४४ अलग-अलग कानूनों को मिलाकर केंद्र सरकार ने चार नए कानून बनाए हैं। बीते वर्ष इनमें से तीन संशोधित कानूनों को मंजूरी प्रदान की गई थी और वर्ष २०१९ में एक कानून संसद में पारित हुआ था। देश के जटिल श्रम कानून निवेश के लिए अड़ंगा बनने से इसमें संशोधन किया गया था।

‘इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड’, ‘सोशल सिक्युरिटी कोड’, ‘ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ ऐण्ड वर्किंग कंडिशन कोड’ और ‘वेजेस कोड’ नामक संशोधित कानूनों की वजह से श्रम संबंधित नियम आसान हुए हैं और कानूनों की जटिलता दूर होने से उद्योगों को भी निवेश के लिए बढ़ावा मिलेगा, यह दावा किया जा रहा है। साथ ही कामगारों के हित की रक्षा के लिए इनमें कई प्रावधान किए गए हैं।

इन नए कानूनों के अनुसार हफ्ते में ४८ घंटों से अधिक काम करने पर कामगारों को ओवर टाईम देना होगा। कामगारों के अतिरिक्त भत्तों की राशि उनके वेतन के ५० प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। साथ ही ‘टेक होम’ सैलरी कम होती है तब भी भविष्य निर्वाह निधी एवं ग्रैच्युईटी की सीमा बढ़ेगी। इस वजह से निवृत्ती के बाद कामगारों के हाथ में अधिक राशि उपलब्ध होगी।

केंद्र सरकार ने इन संशोधित कानूनों के तहत नियम बनाने का काम पूरा किया है। इस वजह से अप्रैल से इन कानूनों का कार्यान्वयन करने की सरकार की कोशिश थी। राज्य सरकारों को भी संशोधित कानूनों के अनुसार नियम बनाने को कहा गया था। लेकिन, कुछ राज्यों ने अंतिम नियम तैयार करने का काम अब तक पूरा नहीं किया है। इस वजह से फिलहाल इन कानूनों का कार्यान्वयन स्थगित किए जाने का वृत्त है।

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