देशभर में कोरोना की महामारी से बनी परिस्थिति का प्रधानमंत्री द्वारा जायज़ा

नई दिल्ली – देश में कोरोना की दूसरी लहर की पृष्ठभूमि पर, प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर परिस्थिति का जायज़ा लिया। देश के १० राज्यों में कोरोना के ९१ प्रतिशत मरीज हैं। इन राज्यों में टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रिटमेंट, कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय और टीकाकरण इन पाँच बातों पर जोर देने की सूचनाएँ प्रधानमंत्री ने दीं। साथ ही, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगड इन राज्यों में स्वतंत्र केंद्रीय पथक भेजने के आदेश भी प्रधानमंत्री ने दिए।

जायज़ा

देश में कोरोना के मरीज प्रचंड रफ़्तार से बढ़ रहे हैं। शनिवार से रविवार की सुबह तक के २४ घंटों में कोरोना की महामारी से संक्रमित नये मरीज़ों की संख्या ९३ हज़ार २४९ पर पहुँची। साथ ही, ५१३ लोगों की मृत्यु हुई। लगातार दूसरे दिन, देश में कोरोना के कारण ५०० से अधिक लोगों ने दम तोड़ा है। वहीं, सितंबर के बाद पहली ही बार देश में एक दिन में ९० हज़ार से अधिक नए मरीज पाए गए हैं। ९१ प्रतिशत मामले १० राज्यों में ही होकर, उसमें भी महाराष्ट्र में ५७ प्रतिशत से अधिक मरीज पाए गए हैं। इन सारे हालातों का और देशभर में जारी टीकाकरण मुहिम का प्रधानमंत्री ने जायजा लिया।

इस समय प्रधानमंत्री ने देश में, खासकर कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहे राज्यों में, स्वास्थ्य सुविधा, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता इस बारे में भी जानकारी ली। साथ ही, महामारी के कारण होनेवाली मृत्यु की दर कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी स्वास्थ्य मंत्रालय को दिए। इसके लिए मरीज़ों को समय पर ही अस्पताल में कैसे दाखिल किया जा सकता है, इसपर ध्यान देने की सूचना प्रधानमंत्री ने की।

फिलहाल देश में बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण, यह मास्क न पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करने में लापरवाही बरतना इसके कारण हुआ है । साथ ही, इस मामले में जारी की गाइडलाईन्स का प्रभावी रूप से पालन नहीं किया गया है, ऐसा भी प्रधानमंत्री ने कहा।

टीकाकरण की गति और बढ़ानी पड़ेगी। टीका उत्पादक कंपनियाँ टीके का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की कोशिश कर रहीं हैं। साथ ही, देश में अन्य टीका उत्पादक कंपनियों और विदेशी कंपनियों के साथ भी चर्चा की जा रही है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है। राज्यों ने कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए, जिस इलाके में मरीज अधिक मात्रा में पाए जा रहे हैं, वहाँ प्रतिबंध लगाने की और कड़ी उपाययोजनाएँ करने की आवश्यकता पर प्रधानमंत्री ने जोर दिया। महीने भर पहले भी प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करते हुए, मायक्रो कंटेंन्मेंन्ट झोन बनाने की सूचना राज्यों को की थी। लेकिन अधिकांश राज्यों ने सूचना का पालन न किया होने की बात सामने आई थी।

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