अफ़गानिस्तान से भारतीयों की रिहाई की कोशिश गतिमान करने के लिए प्रधानमंत्री की सूचना

नई दिल्ली – तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद की स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया। अफ़गानिस्तान में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता देने की सूचना भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान करने का वृत्त है। तभी, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की बातचीत हुई। इसी बीच भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन से अफ़गानिस्तान पर बातचीत करने का वृत्त है।

भारतीयों की रिहाईअफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल से भारतीय राजनीतिक अधिकारी और कर्मचारियों को वायुसेना के विमान से स्वदेश लाया जा रहा है। लेकिन, अभी तक अफ़गानिस्तान में कई भारतीय फंसे हुए हैं। उन्हें तालिबान से खतरा ना होने का बयान तालिबान के प्रवक्ता कर रहे हैं। लेकिन, इस पर किसी भी तरह का खतरा उठाने के लिए भारत सरकार तैयार नहीं है। इन सभी को सुरक्षित स्वदेश लाने की सूचना प्रधानमंत्री मोदी ने की। इसके लिए काबुल में अलग अलग ठिकानों पर कई विमान भेजने पड़े तब भी फिक्र नहीं है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा होने की बात कही जा रही है।

तालिबान के आतंक के कारण अफ़गानिस्तान छोड़कर भारत में आश्रय लेने की कोशिश कर रहे हिंदू एवं सिख लोगों को जल्द से जल्द भारत लाने की सूचना भी प्रधानमंत्री ने की। अफ़गानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यांक हिंदू और सिख समुदाय को तालिबान के हमलों से खतरा है। इसलिए उनकी रिहाई के लिए भारत की कोशिश बड़ी अहमियत रखती है। इसी बीच मंगलवार की सुबह १२० से अधिक भारतीय राजनीतिक अधिकारियों और कर्मचारी एवं ‘आयटीबीपी’ के सैनिकों को लेकर वायुसेना का ‘सी-१७’ विमान काबुल से गुजरात के जामनगर हवाई अड्डे पर उतरा। इन सभी ने अफ़गानिस्तान की भयंकर स्थिति की जानकारी माध्यमों से साझा की।

अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से फोन पर बातचीत की। इस दौरान अफ़गानिस्तान में फंसे हुए लोगों की रिहाई का मुद्दा सबसे ऊपर होने की बात कही जा रही है। तभी, विदेशमंत्री जयशंकर ने अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन के साथ अफ़गानिस्तान की स्थिति पर बातचीत की। अफ़गानिस्तान में फंसे हुए २१ भारतीय नागरिकों की फ्रान्स ने काबुल से पैरिस पहुँचाकर रिहाई की। इसके लिए विदेशमंत्री जयशंकर ने फ्रान्स के विदेशमंत्री ‘जीन येस ले द्रियान’ के प्रति आभार व्यक्त किया।

इसी बीच अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुरक्षा परिषद की बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में विदेशमंत्री जयशंकर भारत की भूमिका रखेंगे। लेकिन, पाकिस्तान ने बिनती करने के बावजूद इस बैठक में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है। इस पर पाकिस्तानी माध्यम आगबबूला होकर बड़ी चिल्लाहट कर रहे हैं। यह पाकिस्तान का अपमान होने का बयान पाकिस्तानी विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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