प्रधानमंत्री और ‘बिमस्टेक’ के राष्ट्रप्रमुखों ने की द्विपक्षीय बातचीत

नई दिल्ली – भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने शुक्रवार के दिन दक्षिणी और पूर्वीय एशियाई देशों के गुट के तौर पर पहचाने जा रहे ‘बिमस्टेक’ के सदस्य देशों के साथ बातची की| गुरूवार के दिन राजधानी दिल्ली में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में ‘बिमस्टेक’ सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुखों को विशेष निमंत्रण दिया गया था| शुक्रवार के दिन इन नेताओं से भेंट करके भारत और पडोसी देशों में बना सहयोग नई उंचाई तक लेकर जाने संबंधी मुद्दोंपर बातचीत हुई|

भारत के साथ सात सदस्य देशों का समावेश होेनेवाले ‘बिमस्टेक’ का गठन वर्ष १९९७ में किया गया था| लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहेत ‘बिमस्टेक’ में अपना योगदान बढाने पर विशेष ध्यान दिया है| चीन और पाकिस्तान की बढती नजदिकीयां और चीन से ‘बेल्ट ऍण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ के माध्यम से प्रभाव बढाने के लिए हो रही कोशिश की वजह से भारत की नई नीति ध्यान आकर्षित कर रही है|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने अपनी दुसरी टर्म शुरू करते समय ‘बिमस्टेक’ को दिया निमंत्रण अहमियत रखता है| शुक्रवार के दिन भारत के प्रधानमंत्री ने ‘बिमस्टेक’ के सदस्य श्रीलंका, नेपाल, भूटान और बांगलादेश के राष्ट्रप्रमुख के साथ भेंट की| श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष मैत्रिपाला सिरिसेना समेत हुई बातचीत के दौरान कट्टरतावाद और आतंकवाद के विरोध में संघर्ष करने के मुद्दे को अहमियत देने की जानकारी सूत्रों ने दी| वही, नेपाल के प्रधानमंत्री केपीएसओली समेत हुई बातचीत के दौरान दोनों देशों में बने संबंध और भी मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने पर सहमति होने की जानकारी अधिकारियों ने दी|

भूटान के प्रधानमंत्री लोते त्सेरिंग इन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को बधाईयां देकर दोनों देशों में शुरू सहयोग इसके आगे भी कायम रखने का भरोसा दिलाया| बांगलादेश के राष्ट्राध्यक्ष अब्दुल हमिद के साथ हुई बातचीत में भारत और बांगलादेश में एकदुसरे के हितसंबंधों के मुद्देपर बातचीत होने की जानकारी दी जा रही है| बिमस्टेक सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरिशस एवं किरगिजिस्तान के राष्ट्रप्रमुख के साथ भी बातचीत की|

हिंद महासागर में अहम जगह पर स्थित मॉरिशस ‘इंडो-पैसिफिक’ नीति की नजरिए से भारत के लिए काफी अहम देश समझा जाता है| मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ से इसी मुद्दे पर बातचीत होने की जानकारी सूत्रों ने दी| किरगिजिस्तान यह ‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनायजेशन’ का सदस्य देश होने से किरगिज राष्ट्राध्यक्ष सुरोन्बे जीन्बेकोव इनकी भेंट भी भारत की अहमियत रेखांकित करती है|

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