प्रधानमंत्री ने किया ‘फेसलेस टैक्स स्कीम’ का ऐलान

नई दिल्ली – कर की वसूली करने के दौरान हो रहा भ्रष्टाचार और समझौते करने की हरकतों पर लगाम कसने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘फेसलेस टैक्स स्कीम’ का ऐलान किया है। कर प्रणाली पारदर्शी और गतिमान करने के लिए यह व्यवस्था करने की बात प्रधानमंत्री ने कही।

income-taxकर प्रणाली पारदर्शी करने के लिए प्रधानमंत्री ने तीन अहम घोषणाएं की हैं। फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेअर चार्टर सुविधा का ऐलान किया गया है। करदाता कौन है और किस आयकर विभाग का अधिकारी उसके मामले में देख रहा है, इसकी जानकारी किसी को भी प्राप्त नहीं होगी, इस तरह की फेसलेस प्रणाली रहेगी। इस वजह से किसी को भी अपना प्रभाव दिखाना संभव नहीं होगा, समझौते के लिए घूस एवं भ्रष्टाचार के अन्य मार्ग बंद होंगे। साथ ही कर विभाग पर बना भार भी कम होगा।

फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेअर चार्टर की सुविधा तुरंत उपलब्ध कराई गई है और फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर से शुरू होगी। इन ‘ऑनलाईन’ व्यवस्थाओं के लिए हज़ारों आयकर कर्मी व्यस्त हैं, यह बात भी प्रधानमंत्री ने कही। सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस व्यवस्था के लिए सरकार की कोशिश हो रही है। नई सुविधाएं इसी नज़रिए से तैयार की गई हैं, यह बयान प्रधानमंत्री ने किया।

इस नई व्यवस्था में करदाता और अधिकारी सभी की ज़िम्मेदारी बढ़ेगी। आयकर विभाग को अपनी सच और पूरी जानकारी हरएक करदाता को प्रदान करनी होगी। साथ ही समय में सभी मामलों का हल निकालना कर अधिकारियों की ज़िम्मेदारी होगी। साथ ही कुछ आपत्ति होने पर अपील करने की सुविधा देने की बात भी प्रधानमंत्री ने कही। देश की जनसंख्या 130 करोड़ है लेकिन कर का भुगतान करनेवालों की संख्या मात्र डेढ़ करोड़ है। इतनी बड़ी जनसंख्या के देश में करदाता की संख्या काफी कम है, इस बात पर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। इस पर चिंतन करने की आवश्‍यकता है। कर का भुगतान करने के लिए सक्षम लोगों को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी, यह बयान भी प्रधानमंत्री ने किया है।

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